Friday, March 18, 2016

रिटायरमेन्ट प्लानिंग........ पर क्यूँ ???? पार्ट-2

अगले दिन, शाम को खाना खा कर जब मै टहलने के लिए घर से बाहर आया तो देखा मेरा दोस्त (सचिन) बाहर चहल कदमी कर रहा है मुझे देखते ही मेरी तरफ बढ़ आया और बोला मै कल रात में यहाँ से जाने के बाद तुम्हारी बातों को सोचता रहा और आज सुबह-सुबह ऐसी घटना के बारे में पता चला की दिन में बहुत डिस्टर्ब रहा, इसीलिए थोड़ी जल्दी ही घर से खाना खा कर निकल आया कि तुमसे बात करूँगा.

उसकी बातों से मुझे लगा की वो कुछ परेशान है, मैं बोला भाई हम लोगों ने तो कल बहुत नार्मल बातें की थी मैंने तो बस इतना ही बोला था की अपने भविष्य के बारे में सोचो और Retirement Planning करो, समय रहते हमे तैयारी कर लेनी चाहिए जिस से बाद में पछताना ना पड़े. तुम्हे याद है अपना पुराना दोस्त राहुल, 10th के जब बोर्ड एग्जाम होने थे वो कितना परेशान हो कर घूम रहा था हम सबके पास आकर नोट्स मांगता क्यूंकि उसने पूरे साल मस्ती की थी, क्लास में रेगुलर नहीं आता था, जब हम लोग क्लास में होते तो वो खेल रहा होता और क्लास ख़त्म होने के बाद जब हम खेलने जाते तो हमे चिढ़ाता की हम लोग इतनी पढाई करते हैं, जब एग्जाम नजदीक आयेंगे तो पढाई कर लेंगे अभी से इतना पढना क्या, लेकिन जब एग्जाम नजदीक आये तो उसको समझ में आ गया की उसे भी पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए थी अत्यधिक स्ट्रेस लेने से उसकी तबियत भी ख़राब हो गई और  जिसके कारण पेपर भी छूटे  और बाद में फेल भी हो गया. लेकिन अगले साल उसने मेहनत से पढाई की और अच्छे मार्क्स लाया, लेकिन जो साल उसने गवां दिया वो तो वापस लौट कर नहीं आया और हम सबसे वो एक साल पीछे ही रहा, नौकरी भी उसे हम सबसे बाद में मिली.

मेरी बातें सुन कर वो बोला इसका मतलब मै 5 साल पीछे हो गया हूँ, मुझे पहले सोचना चाहिए था Retirement Planning के बारे में, मुझे थोडा और परेशान दिखने लगा वो . अचानक एक कार वाला बहुत स्पीड से  हमारे बगल से निकला, सचिन चिल्ला उठा..इतनी तेज गाड़ी... कॉलोनी की सड़क पर चला रहा है मार डालेगा क्या
मैंने उसका हाथ पकड़ते हुए बोला भाई शांत हो जा इतना आक्रोशित ना हो..वो तो जा चुका है.

मैंने अपनी बात आगे बढाई... देख भाई तू थोडा लेट तो हो गया है लेकिन तुम अब से भी शुरू कर दोगे तब भी तुम अपने लिए अच्छा कर सकोगे और 30-30 चैलेंज आसानी से जीत सकोगे. 
लेकिन ये बताओ की ऐसा आज क्या हुआ की तुम पुरे दिन परेशान रहे?

अब हम लोग एक बेंच पर बैठ कर बातें करने लगे थे.

सचिन गहरी सांस भरते हुए बोला यार आज सुबह जब ऑफिस के लिए निकल रहा था तभी मेरे पापा के ऑफिस में उनके एक सीनियर थे वो आ गए घर पर, उनको देख कर मुझे लगा की उनका स्वास्थ कुछ ख़राब है करीब दो साल बाद देख रहा था उन्हें. अपने समय में बहुत अच्छे दिखते थे, काफी खुश दिल, मस्त मौला टाइप के आदमी थे वो . लेकिन आज बहुत अलग और बेचारे  से दिख रहे थे. मेरे पापा के ऑफिस के लोगों में सब से पहले कोई चीज आती थी तो उन्ही के घर पर आती थी वो चाहे टीवी थी या स्कूटर या वीसीआर या और कोई चीज. बहुत शौक़ीन आदमी थे, मैंने पहली बार टीवी उन्ही के घर देखी थी . लेकिन आज 70 साल की उम्र में पापा से बोलने आये थे की कहीं उनकी नौकरी लगवा दो और वो अपने सभी मित्रो के यहाँ इसीलिए जा रहे हैं कि उनसे रिक्वेस्ट करें की उनको पैसे की जरुरत है इसलिए कोई कहीं पर उनकी नौकरी लगवा दे. 

पापा मुझे बाद में बताने लगे की,  उनके घर में ऐसा हादसा हुआ की पुरा परिवार बिखर गया. एक ही बेटा था, जैसे ये मस्तमौला थे वैसे वो भी था दो साल पहले उसका एक्सीडेंट हुआ और वो बच ना सका तब उसकी उम्र 32 वर्ष की थी, उसने भी कुछ खास बचत नहीं की थी, मेरी तरह एक LIC ले रखी थी जिससे उसके घर वालों को 4 लाख रुपये मिले. अब इनकी पेंशन से घर का खर्च चल रहा है जो घर चलने के लिए बहुत कम पड़ता है इसलिए उन्हें नौकरी की जरुरत है. घर में उनकी पत्नी, बहू और 2 बच्चे हैं जो अब उन पर आश्रित हैं. आज कल की महंगाई और पढाई का खर्चा पेंशन से कहाँ चलेगा. इसीलिए वो नौकरी ढूंढ रहे हैं. यार यही सब दिन भर दिमाग में चलता रहा की जिन्दगी कितनी अनिश्चित है, कुछ भी हो सकता है और इन्ही सब में दिन थोडा परेशानी में गुजरा. उनके बारे में जब जब सोचता हूँ तो बड़ा दुःख होता है इसीलिए आज मैंने अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया कई एक लोगों को कॉल करके उनकी नौकरी के लिए बोला, अपने यहाँ भी देख रहा हूँ की कुछ हो सके और भाई तुमसे भी रिक्वेस्ट करूँगा की तुम भी उनकी मदद करो.

उसके कंधे पर हाथ रख कर मैंने उसे सांत्वना दी और उसे आश्वासन दिया की मै भी अपनी तरफ से प्रयास करूँगा उनकी नौकरी के लिए. 

इतना कहने के बाद वो मेरी तरफ मुड़ा और बोला भाई अब बताओ मुझे क्या करना है ? मै नहीं चाहता मेरे परिवार के साथ कभी ऐसा हो, मै तो सुबह से सोच-सोच कर परेशान हूँ.


देख मेरे दोस्त जो तेरे अंकल के साथ हुआ वो किसी के साथ भी हो सकता है, इसलिए हम हर किसी व्यक्ति से यही बात बोलते हैं आपको दो चीजों के लिए अपनी लाइफ में हमेशा तैयार रहना चाहिए, पहला अगर आप को  जल्दी कुछ हो गया तो आप के परिवार की आर्थिक जरूरतें कैसे पूरी होंगी ? और दूसरा अगर आप लम्बे समय तक जीवित रहते हैं तो आपकी आर्थिक जरूरतें कैसे पूरी होंगी? अब तेरे अंकल के केस में दोनों चीजें हैं एक उनके बेटे की आकस्मिक मृत्यु, दूसरा लम्बे समय तक अपनी और अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करना. लेकिन ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता, दुर्घटना सब के साथ नहीं होती इस लिए डर-डर के नहीं जीना चाहिए. तुम अपने दिमाग से डर को निकालो और इन सब बातों को दिमाग एक एक कोने में सिर्फ इसलिए रखो की तुम सजग रह सको, तुम परिस्थतियों का सामना करने के लिए तैयार रहो, लेकिन उसके लिए परेशान ना रहो. जब हमारे आस पास ऐसी घटनाये होती हैं तो हम डर जाते हैं, सोचते हैं, परेशान होते हैं लेकिन वक्त के साथ सब सामान्य हो जाता है. लेकिन ऐसी चीजों को नजरदांज नहीं करना चाहिए उसके लिए तैयारी रखनी चाहिए और डर आदमी को तभी लगता है जब उसने तैयारी नहीं कर रखी होती है. इसलिए हर आदमी के लिए ये जरुरी है की वो दोनों परिस्थतियों का सामना करने के लिए तैयार रहे.

यह तो वाकई में बहुत जरुरी बात तुमने बताई अब आगे मुझे क्या करना चाहिए? कैसे इन दोनों परिस्थतियों के लिए मै तैयार हो सकता हूँ? ऐसा पॉसिबल भी है की ये मै कर सकूँ? क्या प्लानिंग करके मै दोनों परिस्थतियों का सामना कर सकता हूँ ? इसका क्या रास्ता है ? एक ही सांस में वह कई प्रश्न पूछ गया.

भाई मै कुछ आगे बताऊँ उस से पहले एक कहानी सुनाता हूँ...बहुत समय पहले की बात है भारत देश में एक राजा था वह बहुत विद्वान और पराक्रमी था, एक बार उसके राज्य में एक सन्यासी पधारे. राजा को सन्यासी के दिव्य और अलौकिक ज्ञान के बारे में पता चला, राजा को मन हुआ सन्यासी से मिले उस से कुछ ज्ञान प्राप्त करे, उसने अपने मंत्री को सन्यासी को बुलाने के लिए भेजा, सन्यासी को सन्देश पहुचाया गया की राजा साहब आप से ज्ञान प्राप्त करना चाह रहे हैं इस लिए आप को महल बुलाया है. सन्यासी ने सन्देश सुन लिया लेकिन कोई जवाब नहीं दिया कुछ दिन इन्तेजार करने के बाद जब सन्यासी राजा के महल नहीं आये तो राजा स्वयं जा पहुंचे  सन्यासी की कुटिया में. राजा को अपनी कुटिया में आया देख सन्यासी ने बोला महल ज्ञान प्राप्त करने का उपयुक्त स्थान नहीं होता उसका उपयुक्त स्थान मेरा आश्रम है  इसलिए मुझे पता था अगर आप के अन्दर ज्ञान प्राप्त करने के इच्छा होगी तो आप मेरे पास मेरे आश्रम में जरुर आओगे. राजा ने अपनी गलती स्वीकार कर सन्यासी से माफ़ी मांगी और बोला गुरुवर अब मै आपके आश्रम आ गया हूँ अब मुझे अपना शिष्य बना लीजिये और मुझे भी अपने अलौकिक ज्ञान का लाभ दीजिये. सन्यासी ने बोला महाराज आप अभी आये हैं थोडा विश्राम कीजिये और मै आपके लिए शरबत का प्रबंध करता हूँ.

थोड़ी देर में एक शिष्य दो गिलास और शरबत ले कर आया. सन्यासी ने एक गिलास राजा के हाथ में दी और उसमे शरबत डालना शुरू किया, गिलास पूरी भर गई लेकिन सन्यासी गिलास में शरबत डालते रहे, शरबत छलक  कर राजा के कपड़ों पर गई, राजा यह देख कर खड़ा हो गया और सन्यासी के ऊपर नाराज हो गया उसे लगा की यह सन्यासी उसे ज्ञान नहीं देना चाहता  है इसलिए ऐसा कर रहा है, सन्यासी ने बोला महाराज शांत हो जाइये आपकी पहली सीख तो यहीं से प्रारम्भ हुई है. राजा को कुछ समझ नहीं आया की सन्यासी क्या बोल रहे हैं. सन्यासी ने राजा को समझाते हुए पूछा  मैंने जब एक भरे गिलास में शरबत डाला तो क्या हुआ  ?? राजा ने उत्तर शरबत गिलास से बाहर गिरने लगा, राजा ने जवाब दिया. सन्यासी ने बोला, महाराज जैसे भरे गिलास में जब शरबत डालने पर छलक कर शरबत बाहर गिर जाता है वैसे ही आप भी इसी गिलास की तरह भरे हुए आयें हैं, जब तक आप अपने आप को खाली नहीं रखेंगे या ज्ञान लेने के लिए अपने अन्दर से ज्ञान का अहंकार या अज्ञानता का डर नहीं निकालेंगे तब तक मै जो भी सीख दूंगा वो बाहर छलक जाएगी और  निरर्थक होगी.

इतना बोलने के बाद मै रुक गया.. मेरी बातें खत्म होते ही सचिन बोल पड़ा भाई मै तुम्हारी बातें समझ गया कल तुम्हारे ऑफिस में आता हूँ और हाँ बिना किसी डर या अहंकार के और हंसने लगा. कल मिलने का वादा करके हम लोग अपने अपने घर को निकल गए....

आगे की कहानी के लिए अगली पोस्ट का करें इन्तेजार...



अगर आप को मेरे पोस्ट अच्छे लगते हैं तो कृपया उसे अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों को जरुर फॉरवर्ड करें..आपके इस कदम से लोगों में फाइनेंसियल अवेयरनेस बढ़ सकती है.
आपके सहयोग के लिए धन्यवाद. 

  



Thursday, March 17, 2016

रिटायरमेन्ट प्लानिंग........ पर क्यूँ ????

आप कब रिटायर होंगे ?
यह प्रश्न मैंने जब अपने एक मित्र से पूछा तो उसका मुंह बन गया बोला की अभी 5 साल हुए हैं नौकरी करते हुए और तुम रिटायरमेन्ट की बात कर रहे हो अभी तो मै सिर्फ 32 साल का हूँ और आदमी 60 साल का होने पर रिटायर होता है तो अभी मुझे 28 साल और नौकरी करनी है. मैंने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए उस से पूछा क्या तुम अपने रिटायरमेन्ट के लिए प्लानिंग कर रहे हो ? तो वो थोडा झुंझुला का मुझसे बोला, भाई अभी 28 साल पड़े हैं उसे सोचने और प्लानिंग करने के लिए अभी से मै इसके बारे में क्यूँ सोचूं. मैंने बोला सही कह रहे हो मेरे भाई लेकिन अभी तुम्हे तुम्हारा एम्प्लायर क्या देता हैं तुम्हारे काम के बदले ? उसने जवाब दिया, सैलरी. अच्छा जब तुम रिटायर हो जाओगे तो फिर क्या देगा तुम्हे ? शायद मेरे इस प्रश्न के लिए मेरा दोस्त तैयार नहीं था...वो मेरी तरफ थोड़ी देर देखता रहा और कुछ सोचने लगा. मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और बोला बचपन में हमने एक कहानी पढ़ी थी एक चींटी और एक टिड्डे की याद है उसने कहा याद तो है लेकिन वो अब क्यूँ पूछ रहे हो ?? मैंने कहा मै भूल गया हूँ तुम मुझे आज वो कहानी फिर से सुनाओगे. अच्छा ठीक है कह कर वो कहानी सुनाने लगा..



एक समय की बात है एक चींटी थी और एक टिड्डा था . गर्मियों के दिन थे, चींटी दिन भर मेहनत करती और अपने रहने के लिए घर को बनाती, खाने के लिए भोजन भी इकठ्ठा करती जिस से की सर्दियों में उसे खाने पीने की दिक्कत न हो और वो आराम से अपने घर में रह सके, जबकि टिड्डा दिन भर मस्ती करता गाना गाता और चींटी को बेवकूफ समझता और चींटी को बोलता तुम बिना मतलब इतना काम करती हो इतना बढ़िया मौसम है तुम्हे मेरी तरह मस्ती करनी चाहिए और तुम भविष्य के लिए काम कर रही हो जैसे आज चल रहा है वैसे ही कल भी रहेगा अभी ठंडियाँ आने में बहुत दिन हैं जब मौसम बदलने लगेगा तब ये सब हो जायेगा, चींटी बोलती मै अभी खाने पीने की चीजें इकट्ठी कर लुंगी तो आगे आराम करुँगी और वो अपने काम पर लग जाती और टिड्डा अपनी मस्ती में.

मौसम बदला और सर्दियां आ गयीं, चींटी अपने बनाए मकान में आराम से रहने लगी उसे खाने पीने की कोई 
दिक्कत नहीं थी परन्तु टिड्डे के पास रहने के लिए न घर था और न खाने के लिए खाना, वो बहुत परेशान रहने 
लगा . दिन तो उसका जैसे तैसे कट जाता परन्तु ठण्ड में रात काटे नहीं कटती और एक रात टिड्डे को ठण्ड लग



 .








गई क्यूंकि उसे बहुत दिनों से खाना भी नहीं मिला था तो उसकी हालत बहुत ख़राब हो गई अब वो पछताने लगा की उसने गर्मी में ही क्यूँ नहीं सोचा था अब तो कुछ हो भी नहीं सकता.

अपने दोस्त की पीठ पर हाथ रखते हुए मैंने बोला भाई कहानी तुम अभी भी बहुत अच्छी सुनाते हो लेकिन क्या
कहानी को अपनी जिन्दगी में भी लागू किये ? मेरे दोस्त ने बोला मै कौन सी मस्ती कर रहा हूँ, सुबह से शाम हो जाती है ऑफिस में, घर लौटो तो घर की जिम्मेदारियां, फिर सुबह होते वही, कभी-कभी तुम्हारे जैसे पुराने दोस्तों
 से मिल लिया या घर वालों के साथ कहीं बाहर घुमने चला गया.

मैंने उसे रोकते हुए बोला मेरे भाई मै जानता हूँ और यही हालात सब के साथ हैं लोग अपने आज के काम में इतने व्यस्त हैं कि भविष्य की चिन्ता और उसके लिए उपाय नहीं कर रहे लेकिन सबके सामने एक दिन ये बहुत बड़ी समस्या बन जाएगी इसी लिए सभी को 30-30 चैलेन्ज के लिए तैयार रहना चाहिए. 30-30 चैलेन्ज ?? ये कौन सा गेम है ? मेरे दोस्त ने पूछा.

भाई सामान्यतः लोग नौकरी या पेशे में आते और सेटल होते 30 साल के हो जाते हैं और 60 साल की उम्र में हर किसी रिटायर होना पड़ता है तो हमारे पास काम करने और कमाने के लिए (60-30) 30 साल हैं. अपने देश में औसत आयु अभी लगभग 68 साल है जो की आने वाले समय में बढ़ कर 75-80 हो जाएगी और हम लोगों के खाने पीने और स्वास्थ सम्बंधित सुविधाए थोड़ी बेहतर हैं तो हमारे जैसे लोगों की औसत उम्र 85-90 साल होनी चाहिए, मतलब रिटायर होने के बाद लगभग 30 साल और जीना है तो इसे हम बोलते हैं 30-30 चैलेंज (चुनौती), कमाने के 30 साल और उसके बाद की चुनौती अगले 30 साल को अच्छे से जीने की .... चींटी की तरह. ये हमारे कमाने का समय जो है वो चीटी और टिड्डे की गर्मी के मौसम जैसा है और इस समय जरुरी है चींटी की तरह भविष्य को ध्यान में रख कर तैयारी करने की. रिटायर होने के बाद के 30 साल ठंढ के मौसम जैसा होगा जब हमे सैलरी मिलनी बंद हो जाएगी और जब हमे अपने इन 30 सालों में बचाए गए और बनाये गए वेल्थ या धन पर निर्भर होना पड़ेगा. अब तुम्हे ये निर्णय लेना है की तुम्हे रिटायरमेन्ट के बाद चींटी की तरह एन्जॉय करना है या टिड्डे की तरह पछताना है.

अब मेरे दोस्त को समझ में आ गया था की उसको Retirement Planning करनी चाहिए उसके बारे में सोचना चाहिए. वो मेरी तरफ देख के बोला भाई बताओ ना मुझे क्या करना चाहिए अभी तक तो मैंने सोचा नहीं था कुछ टैक्स बचाने के लिए LIC करवा ली थी लेकिन मुझे तुम्हारी बात समझ में आ गई है तुम मुझे बताओ मुझे क्या करना चाहिए ?

मैं घडी देखते हुए बोला भाई अब रात बहुत हो गई कल ऑफिस भी जाना है हम लोग कल शाम को इसी टाइम मिलेंगे तब आगे बातें करेंगे और फिर बात करेंगे की तुम्हे क्या करना चाहिए..

कुछ दिन पहले कहीं पर मैंने एक सर्वे रिपोर्ट पढ़ी थी जो की 60-70 वर्ष के उम्र के लोगों के ऊपर की गई थी. वह रिपोर्ट काफी डरावनी थी.. उसे पढने के बाद मैंने अपने आस पास समाज में उस सर्वे की रिपोर्ट के सन्दर्भ में जब देखना शुरू किया तो मुझे असलियत में रिपोर्ट से ज्यादा डरावनी हालत जमीन पर दिखाई पड़ी.
उस रिपोर्ट के अनुसार-
60-70 वर्ष के उम्र के लोग
54% लोग दूसरों के ऊपर आश्रित होते हैं
36% लोगों की 70 साल से पहले उपचार ठीक से ना हो पाने के कारण मृत्यु हो जाती है
5%  इस उम्र में भी पैसे के लिए काम करते हैं
4.5% लोग किसी के ऊपर आश्रित नहीं हैं
0.5% लोग बहुत धनवान हैं.

इस रिपोर्ट के अनुसार रिटायरमेंट के बाद 90% लोगों की हालत ठीक नहीं रहती. जो अपने आप में बड़ी चिंता का विषय है. 


अधिकतर लोग वही गलती करते हैं जो टिड्डे ने गलती की थी अपने कमाने के गोल्डेन समय में  उन्होंने बचत और निवेश पर ध्यान नहीं दिया, अपने लिए रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं करी.
देखिये ऐसी गलती आप मत करियेगा.

आगे की कहानी के लिए अगली पोस्ट का करें इन्तेजार...

Saturday, March 12, 2016

क्यूँ हर किसी के लिए लाइफ इंश्योरेंस जरुरी होता है ?


Image Courtsey: www.freedigitalphotos.net

हमारे देश में पर्सनल फाइनेंस के बारे में लोगों में जागरूकता कम है इसलिए Life Insurance लोग टैक्स बचाने के लिए ही लेते हैं इसके क्या फायदे नुकसान है कितनी किसको जरूरत है इस बारे में लोग ना चिंता करते हैं ना
समझने की कोशिश करते हैं जबकि लाइफ इन्श्योरेंस (जीवन बीमा) एक परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है. 

क्यूंकि लाइफ इन्श्योरेंस लोग टैक्स बचाने के लिए लेते हैं इसलिए ऐसे लोग  जिनको टैक्स नहीं देना पड़ता वो अक्सर अपना इन्श्योरेंस नहीं कराते अपने परिवार को भविष्य की अनिश्चितता से सुरछित नहीं रखते . अगर हम इन्ही लोगों से उनकी कार या स्कूटर  के इंश्योरेंस की बारे में पूछें तो ये पता चलेगा की बिना एक दिन गवाएं वो अपनी कार या स्कूटर का इंश्योरेंस कराते हैं. ऐसा शायद इसलिए नहीं है की कार या स्कूटर उनको अपनी  लाइफ से ज्यादा महत्वपूर्ण लगती  है बल्कि इसलिए की सरकार ने  मोटर इंश्योरेंस जरुरी कर रखा है, इसके बिना गाड़ी चलाने पर गाड़ी का चालान हो जायेगा और उसी पेनाल्टी के डर से लोग गाड़ियों का इन्श्योरेंस जरुर कराते हैं. 

अब अगर हम अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सरकार या किसी तीसरे आदमी के इन्तजार में बैठे हैं तो यह आपको और आपके परिवार को गंभीर आर्थिक समस्या में डाल सकता  है.

शायद ऐसा अपने समाज में इसलिए भी है की लोग इतने जागरूक नहीं हैं या लोगों को जागरूक किया नहीं गया है. जिन्होंने इंश्योरेंस ले भी रखा है उनमे से अधिकतम लोग  Sec 80C के अन्तरगत टैक्स छूट लेने मात्र के लिए ही लिया इसलिए उन लोगों ने भी इंश्योरेंस की Need Analysis नहीं  करवाई और साल में वो 50 हजार या 1 लाख का इंश्योरेंस प्रीमियम भरने के बावजूद भी उनको लाइफ कवर सिर्फ 5 लाख या 10 लाख का ही होता है. 

क्यूँ लाइफ इंश्योरेंस जरुरी होता है ?

क्या आप को मालूम है आपका जीवन आपके परिवार के लिए कितना अमूल्य और आवश्यक है, आप अपनी बीवी, बच्चे, माँ, बाप के लिए क्या मूल्य रखते हैं ? नहीं शायद इसका वैल्यूएशन कोई कैलकुलेटर नहीं कर सकता क्यूंकि जीवन अनमोल है.

लेकिन एक पल के लिए सोचिये अगर आप अपने घर के कमाने वाले सदस्य (पुरुष या स्त्री) हैं और आप को कुछ हो जाये तो कौन देख भाल करेगा आप के बाद आप के परिवार की , वो जिम्मेदारियां जो आप की थीं वो कौन उठाएगा ? कोई नहीं .... ना आप के रिश्तेदार ना कोई मित्र, उस समय केवल काम आएगा आप की सेविंग्स, आपकी सम्पतियाँ.

एक मिनट के लिए आखें मूंद कर अगर सोचेंगे तो आपको अपने अगल बगल अनेकों उदाहरण मिल जायेंगे जहाँ पर परिवार के मुखिया या कमाने वाले व्यक्ति के साथ असमय हादसा होने से उस परिवार को कितनी आर्थिक मुश्किलें झेलनी पड़ी .

लाइफ इन्श्योरेंस हमारे परिवार के लिए छाते की तरह है जैसे छाता हमें धुप और बरसात से बचाता है वैसे ही लाइफ इन्श्योरेंस हमारे परिवार को  भविष्य की अनिश्चितता से सुरक्षा प्रदान करता है.

इसी लिए पर्सनल  फाइनेंस में सबसे पहली और मह्त्वपूर्ण चीज मानी जाती है वेल्थ प्रोटेक्शन और लाइफ इंश्योरेंस उसी का एक हिस्सा होता है. जैसे घर बनाते हुए नीव की जरुरत होती है वैसे ही हमारे पर्सनल फाइनेंस में लाइफ इंश्योरेंस की जरुरत होती है और ये हर कमाने वाले सदस्य के लिए जरुरी है, चाहें उसने अभी नौकरी अभी लगी हो या कमी अभी स्टार्ट हुई हो या रिटायर्मेंट होने में अभी कुछ समय हो.

अगर आप मोबाइल खरीदते हुए उसमे स्क्रीन गार्ड या बैक कवर लेते हैं तो आप सुरक्षा का मतलब समझते हैं बस जरुरत है आपको अपने जीवन और परिवार की सुरक्षा के बारे में सोचने और पहला कदम बढाने की.

मान लीजिये 25-30 वर्ष की तपस्या के बाद आपको भगवान ने वरदान में एक असली रुपये छापने वाली मशीन दी है जिस से आप अपनी आवश्यकता भर के  रूपए प्रिंट कर सकते हैं. किन्तु उस मशीन के साथ एक समस्या है... यह मशीन कभी भी खराब हो सकती है आज भी, कल भी, १ महीने या १ साल बाद भी या 50-100 साल बाद भी और एक बार ख़राब होने पर यह मशीन कभी ठीक नहीं हो सकती और जिस पल ये ख़राब हुई आप इस से पैसे प्रिंट नहीं कर पाएंगे.

अब यह बताइए...अगर आप के पास इस मशीन का इंश्योरेंस कराने का विकल्प हो तो आप करायेंगे या नहीं... 

अगर आप का जवाब हाँ है तो....

फिर आप ने अपना इंश्योरेंस क्यूँ नही कराया.... आप को भी अपना पर्याप्त इंश्योरेंस कराना चाहिए क्यूंकि इस कहानी में रुपये प्रिंट करने वाली मशीन आप हैं...आप भी प्रतिमाह मासिक आय या आमदनी के रूप में असली नोट कमा रहे हैं.

अगर आप अपने परिवार की केयर करते हैं तो आप को लाइफ इंश्योरेंस के बारे में जरुर सोचना चाहिए और इसको अगले महीने या साल के लिए टालना नहीं चाहिए.


कितना होना चाहिए इंश्योरेंस कवर ?

जैसा की मैंने पहले ही बताया की लोग टैक्स बचाने के लिए इंश्योरेंस करा लेते हैं लेकिन Need Analysis नहीं करवाने के कारण वो अंडर इन्स्योर्ड रहते हैं और यह चीज और भी खतरनाक हो सकती है एक तरफ आपने बहुत ज्यादा प्रीमियम चुकाया दूसरी तरफ जरुरत के समय आप के परिवार को जो मिला वो दाल रोटी चलाने के लिए भी काफी नहीं हुआ. इसलिए जरुरी है ये जानना की आपको कितने का इंश्योरेंस लेना चाहिए. 

एक बहुत प्रचलित नियम है की आप को अपनी इनकम का 10-12 गुना इंश्योरेंस कवर लेना चाहिए. लेकिन अगर आप के ऊपर होम लोन, कार लोन भी चल रहा हो तो उस लोन को भी जोड़ना चाहिए इंश्योरेंस लेते हुए. उदाहरण के तौर पर..अगर किसी की साल की कमी 10 लाख रुपये हैं और उसने होम लोन 30 लाख का और कार के लिए 5 लाख का लोन लिया है तो उसे कम से कम 1.35 करोड़ का इंश्योरेंस लेना चाहिए.

इतना इंश्योरेंस क्यूँ जरुरी है- ऊपर दिए हुए उदाहरण से ही समझते हैं अगर उस व्यक्ति ने 1.35 करोड़ का इंश्योरेंस लिया है तो क्लेम से मिलने वाले 1.35 करोड़ रुपये में से 35 लाख रुपये से लोन चुकाया जा सकेगा और बाकी बचे 1 करोड़ रुपये को अगर 8% ब्याज देने वाले फिक्स्ड इनकम एसेट में लगा दिया जाये तो उस से परिवार का मिलने वाले सालाना ब्याज  8 लाख रुपये से घर का खर्च चलाया जा सकेगा.
बढती हुई उम्र और इनकम  के साथ आप का  इंश्योरेंस कितना होना चाहिए ये नीचे दिया हुआ टेबल में देखिये

Age
Multiple of Annual Income as Life Insurance Need
20-30
15 times
31-40
14 times
41-45
12 times
46-50
10 times
51-55
8 times
56 above
6 times

ध्यान रखें कुछ बातें

इस बात का जरुर ध्यान रखें की इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट दो अलग - अलग  चीजें है इसलिए दोनों को मिला कर बनाये गए इंश्योरेंस प्लान (मनी बैक, पेंशन, चिल्ड्रेन प्लान, ULIP etc)  कभी ना खरीदें. Insurance के लिए सिर्फ  टर्म प्लान लें. पालिसी लेने से पहले उसके बारे में जानकारी जरुर हासिल करें, आपको अगर पूर्व कोई बीमारी रही हो या पालिसी लेते समय हो तो उसके बारे में जरुर बताएं, कोई भी स्वास्थ से सम्बंधित जानकारी ना छिपायें.
टर्म प्लान सस्ते होते हैं, वो केवल रिस्क कवर के लिए जाते हैं, इनमें कोई मेच्योरिटी बेनिफिट नहीं होती, जितनी जल्दी लेंगे उतने कम रेट से आपको प्रीमियम चुकाना होगा.
याद रखें इंश्योरेंस तभी लिया जाता है जब उसकी जरुरत नहीं हो, क्यूंकि जरुरत होने पर इंश्योरेंस पालिसी आप को नहीं मिलती, इसके लिए स्वास्थ्य होना जरुरी होता  है. 
आप डॉक्टर हैं, इंजीनियर हैं, नेता या अभिनेता हैं, सरकारी या प्राइवेट नौकरी में हैं, किसी पेशे या रोजगार से जुड़े हैं, जीवन बीमा आप के परिवार के लिए अति आवश्यक है.

इंश्योरेंस टैक्स बचाने के लिए नहीं अपने परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए लें.


पढ़िए प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना के बारे में 

Important Features of ICICI Prudential i Protect Smart Term Plan:-
  • Pure Term insurance plan with an inbuilt terminal illness cover
  • Option  – Life, Life Plus, Life & Health and All in one
  • Benefits- Death Benefit and Terminal Illness benefit, Waiver of Premium on Permanent Disablity, Accidental death Benefit, Critical Illnesss Benefit
  • Longer policy term – up to the age of 75 years
  • Completely online process

Friday, March 11, 2016

Income Tax Slab for Financial Year 2016-17 (Assessment Year 2017-18)

29 फरवरी को भारत के वित् मंत्री अरुण जेटली ने अपना तीसरा बजट पेश किया, उम्मीद के मुताबिक सरकार ने इस वर्ष इनकम टैक्स स्लैब में कोई खास परिवर्तन नहीं किया.

पेश है वित् वर्ष 2016-17 में आप को इनकम टैक्स के रूप में किस दर से टैक्स देना पड़ेगा उसका ब्यौरा.

Tax Rates

In case of an Individual (Age Below 60 Years) or HUF or Association of Person or Body of Individual or any other artificial juridical person

Taxable income                                                              Tax Rate
Up to Rs. 2,50,000                                         Nil
Rs. 2,50,000 to Rs. 5,00,000                              10%
Rs. 5,00,000 to Rs. 10,00,000                                 20%
Above Rs. 10,00,000                                           30%

Individual  (Age 60-80 Years)

Taxable income                                                              Tax Rate
Up to Rs. 3,00,000                                                               Nil
Rs. 3,00,000 to Rs. 5,00,000                                               10%
Rs. 5,00,000 to Rs. 10,00,000                                           20%
Above Rs. 10,00,000                                                           30%

Individual  (Age above 80 Years)

Taxable income                                                              Tax Rate
Up to Rs. 5,00,000                                                                Nil
Rs. 5,00,000 to Rs. 10,00,000                                            20%
Above Rs. 10,00,000                                                            30%

इसके ऊपर Education Cess @ 2% और  SHEC @ 1%  का अतिरिक्त चार्ज लगेगा.


बजट 2013 में लागू धारा 87A के अंतर्गत 5 लाख से कम इनकम वाले लोगों को 2000 रुपये की रिबेट को इस बजट में बढ़ा कर 5000 रुपये कर दिया गया है.

धारा 80C के अंतर्गत 150000 रुपये तक मिलने वाली छूट में कोई फेर बदल नहीं किया गया है.

धारा 80CCD के अंतर्गत NPS में  50,000 रुपये तक के इन्वेस्टमेंट पर टैक्स छूट जारी रखी गई है, यह छूट केवल  Individual को प्राप्त होगी, इस छूट का फायदा HUF को नहीं मिलेगा.


धारा 80G के अंतर्गत रेंट डिडक्शन की सीमा 24000 रुपये से बढ़ा कर 60000 रूपये कर दिया गया है.







Wednesday, March 9, 2016

जानिए टैक्स बचाने के साथ Wealth Creation कैसे करें?

हर साल हम जनवरी-फरवरी में अपनी टैक्स प्लानिंग करते हैं और इस समय टैक्स बचाने का भूत हम सब पर ऐसे सवार होता है की हम टैक्स प्लानिंग का मतलब केवल टैक्स बचाने ही समझ लेते हैं. ऐसा हो भी क्यूँ ना हमें यही दिखाया और बताया जाता रहा है की Rs. 150,000 लगाइए और Rs. 46350 तक की टैक्स बचत पाइए लेकिन उसके आगे क्या होगा उसके बारे में हमे कम बताया या समझाया जाता है. जितना पैसा हम टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं वो भविष्य में हमारे लिए कितना वेल्थ क्रिएशन करेगा उसके बारे में कोई बात नहीं होती. अब आप सोचेंगे की दोनों चीजें एक ही साथ कैसे हो सकती हैं टैक्स भी बचे औए पैसे भी बने. वो कैसे हो सकती है उसके बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को ध्यान से पढ़िए.
इन्वेस्टमेंट का मूल उद्देश्य ‘वेल्थ क्रिएशन’ होता है, “इन्वेस्टमेंट या निवेश का अर्थ है जब हम कोई ऐसी वस्तु खरीदते हैं जो आज उपयोग के लिए ना होकर भविष्य में हमारे लिए वेल्थ क्रिएशन का काम करे” और इस बात को ध्यान में रख कर अगर हम निवेश करेंगे तो टैक्स बचाने के साथ अपने लिए Wealth Creation कर सकते हैं. तो आज से आप जब भी टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट्स करें तो इस पहलू पर भी फोकस रखें की आप टैक्स बचाने के लिए जिस प्लान में इन्वेस्टमेंट्स कर रहे हैं उसमे कितनी पोटेंशियल है वेल्थ क्रिएशन की और पैसा निकालते समय तो आपको टैक्स नहीं देना पड़ेगा.


टैक्स सेविंग स्कीम
लॉक इन पीरियड
रिटर्न
रिमार्क
ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस
5 वर्ष
4-6 %
टैक्स फ्री रिटर्न अगर लाइफ कवर १० गुना है
पब्लिक प्रोविडेंड फण्ड (PPF)
15 वर्ष
8.10%
टैक्स फ्री इंटरेस्ट
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपाजिट
5 वर्ष
7.25-7.75%
इन्टरेस्ट पर टैक्स देना पड़ेगा
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
5 या 10 वर्ष
8.10%
इन्टरेस्ट पर टैक्स देना पड़ेगा
सुकन्या समृधि योजना
18 वर्ष
8.60%
टैक्स फ्री इंटरेस्ट
नेशनल पेंशन फण्ड
60 वर्ष की उम्र तक
मार्केट लिंक्ड
टैक्सेबल
टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फंड्स
3 वर्ष
मार्केट लिंक्ड
टैक्स फ्री रिटर्न, लगभग 12-15%

टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फंड्स को हम इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) भी बोलते हैं. यह स्कीम हमारी तरफ से शेयर मार्केट में पैसे लगाती हैं और इनका उद्देश्य होता है की ये टैक्स सेविंग्स के साथ लम्बे समय में अच्छे रिटर्न्स भी इन्वेस्टर्स को दे. क्यूंकि म्यूच्यूअल फंड्स एक प्रोफेसनली मैनेज्ड इन्वेस्टमेंट होते हैं तो यह उतने रिस्की भी नहीं होते जितना शेयर मार्केट में निवेश करना होता है लेकिन मार्केट की फ्लक्चुएशन का प्रभाव इन पर भी पड़ता है. एक इन्वेस्टमेंट कंपनी आपके पैसे का ध्यान रखती है जिस से आप को शेयर मार्केट से मिलने वाले अच्छे रिटर्न्स का फायदा कम रिस्क पर मिलता है. म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट करने से आपको टैक्स बचाने और अच्छे रिटर्न्स के अलावा भी कई सारे फायदे हैं.
अभी हाल ही में  ET WEALTH ने सभी टैक्स सेविंग स्कीम कि रैंकिंग करी जिसमे
टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फंड्स को सबसे अच्छी रेटिंग दी है तो आज हम म्यूच्यूअल फंड्स की टैक्स सेविंग्स स्कीम के बारे में बात करते हैं.
अब हम जानते हैं क्या क्या फायदे हैं अगर आप इस साल म्यूच्यूअल फंड्स के साथ अपनी टैक्स प्लानिंग करते हैं.

 पहला फायदा इनमे निवेश करके हम टैक्स बचा सकते हैं, दूसरा लम्बी अवधि में ये अच्छे रिटर्न्स देते हैं, तीसरा इनमे लॉक इन पीरियड केवल 3 वर्ष का होता है, चौथा इनसे प्राप्त डिविडेंड पर भी हमे टैक्स नहीं देना होता और पांचवा इस स्कीम से पैसे निकालने पर भी हुए लाभ पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता यह सुविधा केवल EPF (5 साल पुराना), PPF & इंश्योरेंस प्लान (जिनमे रिस्क कवर 10 गुने से ज्यादा हो) में ही हमे मिलती है, आप ELSS में मंथली SIP भी कर सकते हैं.

तो आज आपको मिल गई टैक्स बचाने और वेल्थ क्रिएशन दोनों जरूरतों को पूरा करने वाली स्कीम.

इतने सारे फायदे होने के बाद भी इन स्कीम्स में लोग सबसे कम पैसे लगाते हैं उसकी वजह इसमें फिक्स्ड रिटर्न का ना होना और लोगों को इन स्कीम्स के बारे में ज्यादा ना पता होना है. इस न्यूज़ लैटर के साथ हम इन योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं.
हम एक कहानी के साथ इन योजनाओं में पैसे लगाने और इसके फायदे और नुक्सान को समझते हैं
ये कहानी है मेरे दो दोस्तों अजय और विजय की जो दोनों ही बहुत डिसिप्लिन इन्वेस्टर हैं.  अजय को शेयर बाजार की अनिश्चितता से डर लगता था उसने टैक्स बचाने के लिए ट्रेडिशनल स्कीम (PPF) चुना और साल दर साल  उसमें पैसे लगाता रहा लेकिन विजय ने कुछ अलग किया उसने देखा की लम्बे समय में शेयर बाजार अनिश्चितता के बावजूद अच्छे रिटर्न्स देता है और क्यूंकि वो लम्बे समय के लिए इन्वेस्टमेंट्स कर रहा था इसलिए उसने म्यूच्यूअल फण्ड ICICI Pru LT Equity (Tax Saving) को चुना अपनी टैक्स सेविंग्स के लिये. 1st April 2000 से अब तक वो दोनों एक जगह पर अपने अपने इन्वेस्टमेंट के साथ मिलते और एक दुसरे के साथ तुलना करते की कौन अच्छा कर रहा है, तब से उन्होंने एक पेज पर कम्पेरेटिव चार्ट बनाना शुरू किया उसी चार्ट की कॉपी नीचे दी हुई है. शुरूआत के कुछ वर्षों तक विजय को लगता की अजय की तरह मुझे भी फिक्स्ड रिटर्न वाली PPF स्कीम चुननी चाहिए थी लेकिन कुछ वर्षों के बाद वो दोनों जब भी मिलते तो विजय को अपनी समझदारी भरे फैसले पर गर्व होता. विजय के फण्ड की वैल्यू 2008 में शेयर बाजार में आई भारी गिरावट के बाद भी अजय के PPF वैल्यू से कहीं ज्यादा थी और वर्ष 2008 के बाद तो दोनों में वैल्यूएशन गैप काफी बढ़ गया. अजय ने इस साल से म्यूच्यूअल फंड्स के टैक्स सेविंग्स स्कीम के साथ जुड़ने का फैसला किया है. PPF के साथ अच्छी बात ये रही की वो साल दर साल के पूर्व निश्चित दर से बढ़ता रहा लेकिन नीचे दिए हुए चार्ट को देखने से आप को पता चलेगा इसमें भी एक रिस्क है ये है भविष्य में इंटरेस्ट रेट घटने का रिस्क. जो की FY 2000-01 के 11% से FY 2014-15 में 8.7% रह गई. (कृपया नीचे दिए हुए चार्ट को ध्यान से देखें, अपने इन्वेस्टमेंट प्लान से तुलना करें और अजय की तरह अपने टैक्स सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स को बदलें)
AJAY
Vijay



PPF Investment
ICICI Pru Lont Term Equity (Tax Saving) Fund
Investment Date
Amount Deposited
Total Investment
Rate if Interest
Valuation in PPF
Nav
Units Alloted in FY
Total Units
Valuation in ELSS
1-Apr-00
70,000
70,000
11%
70000
20.1
3482.59
3482.59
70000
1-Apr-01
70,000
140,000
9.50%
147700
12.41
5640.61
9123.20
113219
1-Apr-02
70,000
210,000
9%
231732
13.06
5359.88
14483.08
189149
1-Apr-03
70,000
280,000
8%
322587
11.49
6092.25
20575.33
236411
1-Apr-04
70,000
350,000
8%
418394
27.01
2591.63
23166.96
625740
1-Apr-05
70,000
420,000
8%
521866
48.68
1437.96
24604.93
1197768
1-Apr-06
70,000
490,000
8%
633615
90.7
771.78
25376.70
2301667
1-Apr-07
70,000
560,000
8%
754304
80.34
871.30
26248.00
2108764
1-Apr-08
70,000
630,000
8%
884649
92.28
758.56
27006.56
2492165
1-Apr-09
70,000
700,000
8%
1025421
57.72
1212.75
28219.31
1628819
1-Apr-10
70,000
770,000
8%
1177454
128.04
546.70
28766.01
3683200
1-Apr-11
70,000
840,000
8.60%
1341651
141.23
495.65
29261.66
4132624
1-Apr-12
70,000
910,000
8.80%
1527033
136.32
513.50
29775.16
4058949
1-Apr-13
70,000
980,000
8.70%
1731411
146.24
478.67
30253.82
24319
1-Apr-14
70,000
1,050,000
8.70%
1952044
187.21
373.91
30627.73
5733818
1-Apr-15
70,000
1,120,000
8.70%
2191872
273.57
255.88
30883.61
8448829


ICICI Prudential LongTerm Equity Fund (Tax Savings)- एक टैक्स सेविंग इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड है जिस की शरुआत 19 अगस्त 1999 से हुई थी इसका उद्देश्य टैक्स सेविंग के साथ लम्बे समय में अच्छे रिटर्न्स देना है. स्कीम ने अपनी लॉन्च के समय से अब तक लगभग 22% का सालाना रिटर्न दिया है अगर किसी ने 19 अगस्त 1999 को इस योजना में 100000 रुपये का निवेश किया हो तो 31st Jan 2016 को उसकी वैल्यू लगभग 26,00,000 रुपये होती.  अगर किसी ने SIP के माध्यम से हर महीने की 15th तारीख को Rs 5000 का निवेश इस फण्ड में किया है तो 31st Dec 2015 तक  उसके लगाये गए Rs 9,90,000 की वैल्यू Rs 73,75,306 होती.
Mutual Fund investments are subject to market risks, read all scheme related documents carefully. This newsletter is not an offer to invest in any scheme. Investors should consult their financial advisers if in doubt about whether the product is suitable for them

लेखक (प्रकाश कुमार सिंह) एक स्वतन्त्र ब्लॉगर हैं, जिन्हें लगभग 12 वर्षों के फाइनेंसियल मार्केट का अनुभव है. इस ब्लॉग का उद्देश्य लोगों में म्यूच्यूअल फण्ड के प्रति जागरूकता बढ़ाना है . इस ब्लॉग को किसी स्कीम में इन्वेस्ट करने का ऑफर ना समझा जाये.