Thursday, May 26, 2016

पर्सनल फाइनेंसियल फिटनेस टेस्ट - पहला कदम

फाइनेंसियल हेल्थ चेक-अप, कितने फिट हैं आप ?

Personal Financial Fitness Test
जब भी हम कोई काम करते हैं तो समय समय पर उस काम का मूल्यांकन करते रहना चाहिए जिस से जो हमने गलतियां की हैं उस से सीख सकें और हमे यह भी पता चले सके की हम सही रास्ते पर चल रहे हैं या नहीं. जैसे पढाई के समय हमें रेगुलर टेस्ट देते रहना चाहिए, स्वस्थ रहने के लिए रेगुलर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए वैसे ही फाइनेंसियल हेल्थ चेकअप भी रेगुलर करते रहना चाहिए. आइये हम फाइनेंसियली फिट होने के लिए नीचे दिए हुए 10 सवालों का जवाब अपने आप को देते हैं और पता करने की कोशिश करते हैं की हमे कहाँ पर हैं और आगे हमे क्या करना चाहिए.


क्या आप को अपने महीने के खर्चे का अनुमान है ? क्या आप किसी फाइनेंसियल इमरजेंसी के लिए हमेशा तैयार रहते हैं? क्या आप की बचत उतनी है जिस से आप के परिवार का भविष्य सुरक्षित हो ? क्या आपने इतने पैसे बचाए हैं की अपने बच्चों के हायर एजुकेशन में होने वाले बड़े खर्च आसानी से उठा सके ? क्या आपने रिटायरमेंट के बाद आपके खर्चे कैसे चलेंगे उसके लिए सेविंग की है ? क्या आपकी फाइनेंसियल प्लानिंग और पैसे का उपयोग करने वाली आदतें ऐसी है जो आपको और आपके परिवार को सुरक्षित भविष्य की गारंटी दे सकते हैं ?

Image source: www.freedigitalphotos.net

नीचे दिए हुए सवालों का उत्तर दीजिये,  आप स्वयं जान जायेंगे कि फाइनेंसियली आप कितने फिट हैं?


1- आपके पास कितने महीने का खर्च चलाने के लिए इमरजेंसी फण्ड कैश या लिक्विड सम्पति में है?
a. 6 महीने के खर्च के बराबर
b. 3-5 महीने के खर्च के बराबर
c. 1-2 महीने के खर्च के बराबर
d. इमरजेंसी फण्ड क्या होता है ?

2. आप महीने में अपनी इनकम का कितना % सेविंग करते हैं ?
a. इनकम का 40%
b. इनकम का 20-40%
c. इनकम का 10-20%
d. इनकम से ज्यादा खर्चे हैं, कुछ नहीं बचता.

3. आपने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए कितने अमाउंट का लाइफ कवर (इंश्योरेंस) लिया है ?
a. सालाना इनकम के 8 गुने से ज्यादा का
b. सालाना इनकम के 2-7 गुने का
c. सालाना इनकम के बराबर या उस से कम
d. लाइफ इंश्योरेंस नहीं लिया है

4.  लोन के रिपेमेंट में कितनी रकम खर्च होती है ?
a. कोई लोन नहीं है 
b. मासिक आमदनी का 10-30%
c. मासिक आमदनी का 30-50%
d. इनकम का 50% से ज्यादा

5.  अपनी मासिक आमदनी का एक तय हिस्सा आप रेगुलर इन्वेस्ट करते हैं.
a. हमेशा
b. अक्सर
c. कभी-कभी
d. कभी नहीं

6. आपके रेगुलर इन्वेस्टमेंट में शामिल है
a. इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में SIP
b. RD, FD, Bond, डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड  जैसे सुरक्षित विकल्प
c. कम्पनी के शेयरों में डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट
d. साल के अंत में टैक्स बचने के लिए कहीं भी

7. आपके घर में अगर मेडिकल इमरजेंसी आ जाये तो उसका खर्चा कहाँ से होगा?
a. 5-10 लाख का मेडिकल इंश्योरेंस है, उस से
b. एम्प्लायर ने मेडिकल कवर दिया है उस से
c. सेविंग अकाउंट या इमरजेंसी फण्ड से
d. पता नहीं, लोगों से उधार लेकर

8. आपके घर के मासिक खर्च ज्यादातर किन मदों में होते हैं?
a. खाना, घर का किराया, फीस और जरुरी यूटिलिटी बिल
b. बेसिक खर्चे और कभी कभी मौज मस्ती
c. मौज मस्ती, खाना-पीना, घूमना, कपडे खरीदना आदि
d. जो भी मन में आये वो करना, कमाने का फायदा क्या जब खर्च ना करो

9. क्रेडिट कार्ड का बिल या लोन रिपेमेंट आप कैसे करते हैं?
a. हमेशा पूरा बिल या EMI टाइम से चुकाते हैं
b. कभी-कभार ऐसा देय डेट के बाद चुकाते हैं
c. साल में एक-आध बार देय डेट के बाद चुकाते हैं
d. अक्सर देय डेट के बाद चुकाते हैं क्यूंकि पैसे कम पड जाते हैं

10. आप अपने फाइनेंसियल गोल्स (रिटायरमेंट, बच्चो की पढाई, शादी, घर या गाड़ी) के लिए अलग-अलग इन्वेस्टमेंट करते हैं 
a. सारे फाइनेंसियल गोल्स के लिए टारगेट अमाउंट और टाइम के अनुसार अलग-अलग इन्वेस्टमेंट करता हूँ
b. किसी एक या दो गोल्स के लिए रेगुलर इन्वेस्टमेंट करता हूँ.
c. इन्वेस्टमेंट तो करता हूँ लेकिन कोई गोल्स बना के नहीं.
d. ऐसे तो मैंने कभी सोचा ही नहीं, ये क्या होता है?

ऊपर दिए हुए 10 सवालों के अपने जवाब एक सादे पेपर पर नोट कर लीजिये. यदि आपने a आप्शन चुना है तो 3 पॉइंट्स दीजिये, b चुना है तो 2, c चुना है तो 1 और d चुना है तो 0 पॉइंट्स दीजिये. 

अगर आपका स्कोर 26-30 है तो आप एक दम फिट हैं आप अपने फाइनेंसियल फिटनेस का राज ब्लॉग में कमेंट करके जरुर शेयर करें, आपके अनुभवों से औरों को लाभ होगा.

अगर आपके स्कोर 20-25 के बीच में है तो आप की गाड़ी सही रस्ते पर है लेकिन यहाँ से आपने  थोड़ी भी गड़बड़ की तो आप मुश्किल में पड सकते हैं इसलिए आपको जरुरत है थोड़े से मार्ग दर्शन की.

अगर स्कोर 12-20 के बीच  है तो आपको चिंता करने की जरुरत है, आप बिना सोचे समझे अपनी जिन्दगी जी रहे हैं आपको भविष्य में आर्थिक समस्यों का सामना करना पद सकता है इसलिए जरुरी है आप आज से और अभी से सही दिशा में कदम बढायें. 

अगर स्कोर 12 से कम है तो आप को अपनी खर्च करने की आदतों में बहुत सुधार करना पड़ेगा, सेविंग्स, इन्वेस्टमेंट, फाइनेंसियल प्लानिंग करके आप अपना स्कोर सुधार सकते हैं.

कहा जाता है की अगर समय रहते ही रोग की पहचान हो जाये तो रोगी को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाया जा सकता है लेकिन अगर रोग पहचानने में देरी हो जाये तो छोटा सा इन्फेक्शन भी जानलेवा हो सकता है.
इसलिए देर होने से पहले अपनी फाइनेंसियल फिटनेस सुधारें.

मुझसे फ्री सलाह लेने के लिए उस पेपर को whatsapp या ईमेल करिए, मै आपकी मदद करूँगा आपके फाइनेंसियल प्लानिंग में जिसे से आपका स्कोर थोड़े समय बाद सुधर जायेगा और आप फाइनेंसियली फिट होंगे.

whatsapp- 9838822834
email- arthagyan@yahoo.co.in 

Wednesday, May 18, 2016

Tax Planning Guide for FY 2016-17




"दुनिया में मृत्यु और टैक्स के अलावा किसी चीज को निश्चित नहीं कहा जा सकता"

“In this world, nothing can be said to be certain, except death and taxes.”

- बेन्जामिन फ्रेंक्लिन

टैक्स ....नाम सुनते ही लोगों को महसूस होता है की बिना मतलब सरकार हमें प्रताड़ित करने के लिए टैक्स वसूलती है. शायद टैक्स का इतिहास है ऐसा है.... पहले राजा अपनी जनता  से कर, लगान या जजिया राज्य का खजाना भरने के लिए वसूलते थे या किसी खास तबके को  प्रताड़ित करने के लिए उन पर विशेष कर लगाये जाते थे.

लेकिन आज के समय ऐसा नहीं है आज सरकार अपना खजाना भरने के लिए टैक्स नहीं लगाती बल्कि देश को चलाने के लिए, देश की सुरक्षा और  तरक्की के लिए किये जाने वाले तमाम कार्यों और देश के नागरिकों के स्वास्थ, शिक्षा, आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए टैक्स लगाती है. इसलिए यह अत्यंत जरुरी है की हम सही समय पर सही टैक्स जमा करें. 


लेकिन साथ ही सरकार और भारत का टैक्स सिस्टम हर एक आदमी को टैक्स प्लानिंग कर के अपने टैक्स को कम करने की आजादी भी देती है. लेकिन अक्सर लोग उसे ठीक से समझ कर अपने फाइनेंसियल लाइफ को अच्छे से प्लान नहीं करते और जल्दी बाजी में आखिरी समय पर टैक्स सेविंग के लिए गलत प्रोडक्ट खरीद लेते हैं.
इसलिए जरुरी है आप आखिरी महीने का इन्तेजार मत कीजिये और टैक्स सेविंग के लिए कुछ भी मत खरीदिये बल्कि Tax Planning के साथ अपने लाइफ के तमाम Financial Goals को भी achieve करिये.

Tax Planning का उद्देश्य होता है की टैक्स सेविंग के साथ-साथ आप की भविष्य की फाइनेंसियल जरूरतों को ध्यान में रख कर, आप की उम्र, इन्वेस्टमेंट horizon और रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर आप और आप के परिवार की सुरक्षा और समृद्धि को ध्यान में रख कर आपके लिए Suitable प्लान तैयार करना है.

साल की शरुआत में करिए टैक्स प्लानिंग-

अप्रैल और मई सबसे अच्छा समय होता है टैक्स प्लानिंग के लिए . अगर आप की इनकम को स्रोत वेतन है तो आप को अपनी कमाई और उस पर लगने वाले टैक्स का हिसाब रहता है आप के लिए टैक्स प्लानिंग करना बहुत आसान, आप आसानी से टैक्स प्लानिंग कर के अपने ऊपर लगने वाले टैक्स को कम भी कर सकते हैं और अपने फाइनेंसियल गोल्स पा सकते हैं. अगर आप बिज़नेस में हैं या प्रोफेशनल हैं तो आप को अपनी इनकम का एक अनुमान लेना पड़ेगा और अपनी अनुमानित टैक्सेबल इनकम के अनुसार अपने लिए टैक्स प्लानिंग करनी पड़ेगी. 
 साल की शरुआत में ऐसी जरुरी चीजें अगर हम सही तरीके से कर लें तो आखिरी समय की परेशानीयों और उस समय जल्दी बाजी में गलत निर्णय लेने की संभावनाओ से बच जायेंगे.

गलत निर्णय लेने से बचें

ऐसा देखा गया है की हमारे देश में लोगों ने गलत फाइनेंसियल प्रोडक्ट खरीद कर अपना बहुत नुकसान किया है. अक्सर 4%-6% का रिटर्न देने वाली ट्रेडिशनल या अधिक चार्जेज वाली ULIP Policy लोग अपने पैरेंट्स या जानने वाले लोगों, रिश्तेदार या मित्र  के कहने पर खरीद लेते हैं और जिन्दगी भर एक गलत निर्णय लेने का बोझ ढोते हैं और अपना फाइनेंसियल loss भी करते हैं.
अभी हाल ही में मेरी मुलाकर ऐसी ही एक मित्र से हुई जो 5-6 साल से एक ट्रेडिशनल Policy में पैसे लगा रहे हैं, 5 लाख रुपये के रिस्क कवर के लिए लगभग 26000 रुपये साल का भर रहे हैं और Policy maturity पर 4-6% का अनुमानित रिटर्न उनको आएगा. उन से बात हुई तो पता चला उनके पिता जी ने उन्हें अपने एक मित्र से ये Policy लेने के लिए कहा था. 
इसलिए मै यही कहूँगा कि गलत फाइनेंसियल प्रोडक्ट खरीदने से अच्छा है की आप कोई फाइनेंसियल प्रोडक्ट ना खरीदें.
Money Back, Endowment  और ULIP कभी ना खरीदें
इंश्योरेंस पोलिसी लेने से पहले जरुर पढ़ें 
http://arthagyanindia.blogspot.in/2016/03/blog-post.html 

जैसा की मैंने पहले बताया "टैक्स प्लानिंग" में आप के फाइनेंसियल गोल्स, आप की रिस्क लेने की क्षमता , आप की उम्र और तमाम ऐसी चीजें जो केवल आप से सम्बंधित हैं उनको देख कर प्लान तैयार किया जाता है इसलिए यह संभव नहीं है की उसके बारे में जो लिखूं वो आप पर पूरी तरह से लागू हो इसलिये मै इस ब्लॉग में सिर्फ टैक्स सेविंग के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं उसके बारे में लिखूंगा.

स्टेप 1
सब से पहले आप को इस साल की अपनी ग्रॉस टोटल इनकम (GTI) निकालिए . इस तरह से आप यह सुनिश्चित कर पायेंगे की आप की इस साल विभिन्न स्रोतों से टोटल इनकम कितनी होगी.
इनकम के स्रोत-
1) वेतन (सैलरी), पेंशन
2) इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी
3) प्रॉफिट & गेन फ्रॉम बिज़नस और प्रोफेशन
4) कैपिटल गेन (लॉन्ग या शोर्ट टर्म)
5) अन्य स्रोतों से इनकम
इस तरह से आप किसी भी डिडक्शन (इनकम टैक्स एक्ट 1961) से पहले आपकी साल भर ग्रॉस टोटल इनकम कितनी हो सकती है उसका अनुमान लगा सकते हैं. अगर आप को इनकम टैक्स की उतनी समझ नहीं है तो आप अपने आर्गेनाईजेशन (अक्सर पे रोल डिपार्टमेंट ऐसी सुविधा अपने कर्मचारियों को देता है ) से इस में मदद ले सकते हैं अथवा किसी CA, टैक्स एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं.

स्टेप 2
ग्रॉस टोटल इनकम निकालने के बाद बारी आती है अपनी नेट टैक्सेबल इनकम निकालने की . इसके लिए आपको चैप्टर VIA के अंतर्गत इनकम टैक्स की धारा 80 से मिलने वाली विभिन्न छूटों को अपने ग्रॉस टोटल इनकम से निकालना होता है. ये छूट आपकी टैक्सेबल इनकम घटा देती हैं, जिससे आपकी टोटल इनकम  पर पड़ने वाला टैक्स कम हो जाता है इसलिए जरुरी है आप को इन छूटों के बारे में पता हो.

कौन सी छूट आप किस provision के अंतर्गत ले सकते हैं-

धारा 80C/80CCC/80CCD- इन धाराओं के अंतर्गत आप सबसे प्रचलित टैक्स सेविंग provisions हैं और इनमे बहुत सारे विकल्प भी मिलते हैं.  इन धाराओं के अंतर्गत 1.5 लाख तक exemption मिलता है. 80CCC के अंतर्गत पेंशन फंड्स में किया गया निवेश आता है और 80CCD के अंतर्गत सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लोयी पेंशन स्कीम आती है. 

इन धाराओं के अंतर्गत आने वाले टैक्स सेविंग विकल्प-


1.   EPF/VPF (Employee or Voluntary Provident Fund)
2.   PPF (Public Provident fund)
3.   NSC (National Saving Certificate)
4.   वरिष्ठ नागरिक सेविंग स्कीम (SCSS)
5.   5 साल के टैक्स सेविंग बैंक या पोस्ट ऑफिस Fixed Deposit
6.   लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम
7.   म्यूच्यूअल फण्ड की टैक्स सेविंग स्कीम (ELSS)
8.   म्यूच्यूअल फण्ड या लाइफ इंश्योरेंस के पेंशन प्लान 
9.   न्यू पेंशन स्कीम (NPS)
10  सुकन्या समृधि योजना
11.  सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लोयी पेंशन स्कीम
12.  होम लोन का प्रिंसिपल पेमेन्ट (Principal Payment)
13.  घर के रजिस्ट्रेशन में दी गई स्टाम्प ड्यूटी 
14.  2 बच्चों की ट्युशन फीस

टैक्स सेविंग स्कीम
लॉक इन पीरियड
रिटर्न
रिमार्क
ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस
5 वर्ष
4-6 %
टैक्स फ्री रिटर्न अगर लाइफ कवर १० गुना है
पब्लिक प्रोविडेंड फण्ड (PPF)
15 वर्ष
8.10%
टैक्स फ्री इंटरेस्ट
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपाजिट
5 वर्ष
7.25-7.75%
इन्टरेस्ट पर टैक्स देना पड़ेगा
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
5 या 10 वर्ष
8.10%
इन्टरेस्ट पर टैक्स देना पड़ेगा
सुकन्या समृधि योजना
18 वर्ष
8.60%
टैक्स फ्री इंटरेस्ट
नेशनल पेंशन फण्ड
60 वर्ष की उम्र तक
मार्केट लिंक्ड
टैक्सेबल
टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फंड्स
3 वर्ष
मार्केट लिंक्ड
टैक्स फ्री रिटर्न, लगभग 12-15%

धारा 80C के अंतरगत टैक्स छूट के लिए निवेश करने से पहले जरुर पढ़े-
http://arthagyanindia.blogspot.in/2016/03/wealth-creation.html


धारा 80CCCD(1B) न्यू पेंशन स्कीम
50000 रुपये का अतिरिक्त Exemption अगर आप न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में इन्वेस्टमेंट करते हैं.

धारा 24- होम लोन पर दिए गए इन्ट्रेस्ट में Exemption
रिहायसी घर के लोन पर 2 लाख रुपये तक का इन्ट्रेस्ट धारा 24 के अंतर्गत Exempted है, आप अगर हाउसिंग लोन की EMI दे रहें हैं तो उसमे इन्ट्रेस्ट वाला पार्ट आप कैलकुलेट करिए और धारा 24 के अंतर्गत दिए गए 2 लाख रुपये तक के Exemption का फायदा उठाइए.

धारा 80E- एजुकेशन लोन पर दिए गए इन्ट्रेस्ट में  Exemption

अगर आप ने एजुकेशन लोन लिया है तो उस पर  दिए गए इन्ट्रेस्ट पर आप पूरी छुट ले सकते हैं धारा 80E के अंतर्गत.

धारा 80CCG- 
इक्विटी मार्केट में पहली बार निवेश करने वालों को RGESS के अंतर्गत आने वाली म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम या स्टॉक्स में 50000 रुपये के निवेश पर 25000 रुपये का डिडक्शन मिलता है.

धारा 80D-
अब बारी आती स्वास्थ सम्बंधित जरूरतों पर मिलने वाली छूट की तो धारा 80D के अंतर्गत आप अपने लिए, अपने आश्रितों के लिए और अपने माँ बाप के लिए मेडिकल इंश्योरेंस की प्रीमियम पर 60000 रुपये तक का Exemption ले सकते हैं. लेकिन इस धारा में इनकम टैक्स विभाग ने कई सारे नियम जोड़ रखें हैं.
अगर आप की उम्र 60 वर्ष से कम है तो आप अपने लिए और अपने आश्रितों के लिए मेडिकल या हेल्थ इंश्योरेंस पर 25000 रुपये तक दिए गए प्रीमियम पर छूट ले सकते हैं अगर आप 60 साल से ऊपर हैं तो यह छूट आपको 30,000 रुपये तक मिलेगी इसके साथ ही आप अपने पेरेंट्स के लिए भी अगर हेल्थ पालिसी लेते हैं और उनकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर है तो 30,000 रुपये तक के प्रीमियम पर आपको धारा 80D के अंतर्गत छूट मिलेगी लेकिन अगर उनकी उम्र 60 वर्ष से कम है तो यह छूट 25000 रुपये होगी. इसके अलावा अगर आप अपना या अपने परिवार का मेडिकल चेक अप कराते हैं तो उस पर आये खर्च में से 5000 रुपये तक की छूट आप धारा 80D के अंतर्गत ले सकते हैं लेकिन याद रहे धारा 80D के अंतर्गत टोटल छूट 60,000 रुपये तक की है.

धारा 80DD
आप के द्वारा अपने ऊपर या अपने आश्रितों जो 40% डिसेबिलिटी हो तो उनके ऊपर 75000 रुपये तक इलाज के खर्चों पर आप छूट ले सकते हैं.

धारा 80DDB
अपने या अपने परिवार के ऊपर किसी निम्न में से किसी बीमारी में हुए खर्चे में से 40,000 से 80,000 तक के खर्चों को आप क्लेम आप धारा 80DDB के अनतर्ग टैक्स में छूट लेने में कर सकते हैं.


    • Neurological Diseases
    (a) Dementia
    (b) Dystonia Musculorum Deformans
    (c) Motor Neuron Disease
    (d) Ataxia
    (e) Chorea
    (f) Hemiballismus
    (g) Aphasia
    (h) Parkinson’s Disease
    • Malignant Cancers
    • Full Blown Acquired Immuno-Deficiency Syndrome (AIDS) 
    • Chronic Renal failure
    • Hemophilia
    • Thalassaemia
धारा 80E- पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली छूट
अगर आप पहली बार घर खरीद रहें हैं तो इस साल से आपको आपके होम लोन के इन्ट्रेस्ट पर 50000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिलेगी धारा 80E के अंतर्गत.

धारा 80CCG- उनके लिए जिनके पास अपना घर ना हो और उन्हें HRA भी नहीं मिलता
इस धारा के अंतर्गत 60000 तक की छुट ऐसे लोग ले सकते हैं जिनके पास अपना घर भी ना हो और उन्हें HRA भी ना मिलता हो.

धारा 80G, 80GGA, 80GGC - डोनेशन या दान

80G- रुपये 40000 तक का डिडक्शन अगर आप notified चैरिटेबल फंड्स या संस्था को डोनेशन देते हैं.
80GGA रुपये 100000 तक का डिडक्शन अगर आप scientific research or rural development में डोनेशन देते हैं.
80GGC रुपये 40000 तक का डिडक्शन अगर आप पोलिटिकल पार्टी को चंदा देते हैं.

धारा 87A रिबेट
अगर आप की सालाना इनकम 5 लाख रुपये  से कम है तो आप को 5000 रुपये का टैक्स में रिबेट मिलता हैं धारा 87A के अंतरगत.

धारा 80TTA
आपके सेविंग अकाउंट पर 10,000 रुपये तक की इन्ट्रेस्ट इनकम धारा 80TTA के अंतर्गत टैक्स फ्री होती है.


ध्यान रखें साल के आखिरी महीनो में टैक्स सेविंग के लिए कुछ भी करने से अच्छा और समझदारी वाला काम है की आप साल के शुरआत में ही टैक्स प्लानिंग करें और उसके अनुसार निवेश करें. केवल टैक्स छूट लेने के लिए लोन ना लें, केवल टैक्स छूट लेने के लिए निवेश ना करें. 
आज बहुत अच्छा दिन है आज ही अपनी टैक्स प्लानिंग करें......स्वस्थ रहें संपन्न रहें.

अगर आपको मेरे ब्लॉग अच्छे लगें तो अपने परिवार के लोगों, मित्रों, परिचय के लोगों से मेरे ब्लॉग जरुर शेयर करें. आपके सहयोग के लिए धन्यवाद.

Wednesday, May 4, 2016

क्या आप अभी भी Fixed Deposits में इन्वेस्टमेंट करते हैं ??

Image courtsey: freedigitalphotos.net


सरकार ने इस वर्ष स्माल सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दरों में कटौती किया है और अब हर क्वार्टर के अंत में स्माल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों में मार्केट के इंटरेस्ट रेट के आधार पर परिवर्तन किया जायेगा. इस से आम निवेशक बहुत  नाराज हैं उनका मानना है कि स्माल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दरों में कटौती से उनका नुकसान होगा. वहीँ सरकार का तर्क है अगर RBI द्वारा की गई ब्याज दरों में कटौती के बाद बैंक और स्माल सेविंग्स स्कीम में ब्याज दरें नहीं घटी जायेंगी तो बैंक अपने लोन्स पर भी ब्याज दरें नहीं घटा पायेगा और जिस से देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति धीमी पड सकती है. इसलिए यह जरुरी है की देश की अर्थव्यवस्था अधिक ब्याज दर से कम ब्याज दर वाली अर्थव्यवस्था बने. और ऐसा तभी हो सकता है जब महंगाई दर के घटने और RBI द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद बैंक और सरकार  अपनी योजनाओं में ब्याज दरों में कटौती करें.

अब इस से आम निवेशकों का नुकसान यह है की अभी तक वो जिन स्कीमो में ज्यादा ब्याज पा रहे थे उस पर उन्हें कम ब्याज  मिलेगा.

लेकिन जानना यह जरुरी है की एक आम निवेशक के पास रास्ता क्या है ? निवेशक अभी भी पुराने और ट्रेडिशनल तरीकों में ही निवेश करे या जैसे उसने रहने, खाने पीने, संचार के साधनों में बदलाव किया है वैसे इन्वेस्टमेंट करने के तरीकों और उन साधनों में भी बदलाव करे. 

फिक्स्ड डिपाजिट का मतलब होता है जब हम अपनी सेविंग्स किसी ऐसी जगह इन्वेस्ट करें जहाँ से एक निश्चित ब्याज, एक निश्चित समय  पर और एक निश्चित समय (Maturity) तक मिले. जब हम अपनी सेविंग्स, बैंक में एक निश्चित ब्याज दर पर एक निश्चित समय के लिए जमा करते हैं तो उसे बोला जाता हैं BANK FD और जब किसी कंपनी या कॉर्पोरेट में  करते हैं तो Company FD या Corporate FD कहते हैं.

क्यूँ करते हैं लोग फिक्स्ड डिपाजिट ?


फिक्स्ड इंटरेस्ट और सेफ्टी ये प्रमुख कारण होते हैं लोगों को फिक्स्ड डिपाजिट करने के लेकिन दूसरा पहलू ये भी है, बैंक फिक्स्ड डिपाजिट, पोस्ट ऑफिस डिपाजिट जैसी स्कीमो के अलावा और क्या अच्छे विकल्प हैं इनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है. हमारे यहाँ जानकारी का आभाव इतना है की लोग LIC में भी सेविंग के लिए पैसे लगाते हैं. कई बार पोंजी या फर्जीवाड़े वाली स्कीमों में ज्यादा इंटरेस्ट के चक्कर में पैसे लगाते हैं और बाद में जब मूलधन भी वापस नहीं होता तो पछताते हैं.

क्या Fixed Deposits सुरक्षित होते हैं ?


 बैंक में आपके डिपॉजिट्स 1 लाख रुपये तक Deposit Insurance & Credit Guarantee Scheme of India के अन्तरगत Insured होते हैं और  Company FD के केस में Insurance केवल 20000 रुपये ही है. इसका मतलब मेरा यह कहना नहीं है की फिक्स्ड डिपाजिट सेफ नहीं होतीं हैं, लेकिन अगर हम इस परसेप्शन के साथ आप निवेश कर रहे हैं की फिक्स्ड डिपाजिट में गारंटी है तो प्रिंसिपली ऐसा नहीं है.

क्या कभी फिक्स्ड डिपाजिट स्कीम ने डिफ़ॉल्ट किया है ?


नीचे दिया गए लिंक को जरुर पढ़ें.


कौन डिफ़ॉल्ट नहीं कर सकता ?


भारत सरकार के द्वारा संचालित स्माल सेविंग्स स्कीम, GOI Bond, PPF, सुकन्या समृधि  जैसी स्कीमों को छोड़ कर बाकि सारे फिक्स्ड डिपॉजिट्स में डिफ़ॉल्ट रिस्क या लेट रीपेमेंट रिस्क होता है

क्या करें ?


कभी भी फिक्स्ड डिपाजिट करने से पहले उसकी क्रेडिट रेटिंग देखें. AAA रेटिंग सबसे सेफ मनी जाती है, AA उस से कम और इस तरह जैसे जैसे रेटिंग घटेगी सेफ्टी उतनी कम होगी.

फिक्स्ड डिपाजिट करने से अच्छा है आप म्यूच्यूअल फण्ड की डेब्ट स्कीम्स में इन्वेस्ट करें. यहाँ पर आपको प्रोफेशनल की मदद मिलती है जो आपके पैसे को कॉरपोरेट बांड, गवर्नमेंट बांड , बैंक या नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल (NBFC) के बांड्स में पैसे लगाते हैं. 

Debt Mutual Fund में निवेश के फायदे-


- डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में रिटर्न स्टेबल होते हैं, मतलब इनमे उतार चढाव कम होता है

- यह फिक्स्ड  डिपाजिट से ज्यादा Tax Efficient होते हैं.


Particulars
Investment in Fixed Deposit Tax Slab 30%
Investment in Fixed Deposit Tax Slab 20%
Investment in Fixed Deposit Tax Slab 10%
Investment In Debt Fund
With Indexation
Amount Invested (1-05-2013)
1,000,000
1,000,000
1,000,000
1,000,000
Indicative Post Expenses Yield *
9.00%
9.00%
9.00%
9.00%
Tenure (No. of Days)
1,095
1,095
1,095
1,095
Maturity Value as on 1-05-2016
1,295,029
1,295,029
1,295,029
1,295,029
Gross Gain
295,029
295,029
295,029
295,029
Indexation Rate
Nil
Nil
Nil
6.50%
Indexation Cost **
Nil
Nil
Nil
1,207,950
Gains (post indexation as applicable)
Nil
Nil
Nil
87,079
Tax Rate
30.90%
20.60%
10.30%
20.60%
Tax Payable
91,164
60,776
30,388
17,938
Post Tax Gains
203,865
234,253
264,641
277,091
Post Tax Return %
20.39%
23.43%
26.46%
27.71%
* Based on indicative rates
** Cost inflation index has been considered @ 6.5%
This is just an illustration on computation of post tax return. This is not an indication of the portfolio yield of the scheme.

- फिक्स्ड डिपाजिट में कंपनी, बैंक या इंस्ट्रूमेंट्स का चुनाव  आप करते हैं वहीँ डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में जब आप पैसे लगाते हो तो विशेषज्ञों की टीम आप के पैसे को अपने अनुभव, ज्ञान, विशेषज्ञताओं और स्कीम के प्रावधानों के आधार पर आपके पैसे को अलग-अलग जगह लगाती है  

- डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स में डिफ़ॉल्ट रिस्क नहीं होता, इनमे Mark to Market रिस्क और इंटरेस्ट रेट रिस्क होता है. इसका मतलब डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स कभी डिफ़ॉल्ट नहीं कर सकते लेकिन इनकी वैल्यू में इन्ट्रेस्ट रेट के घटने बढ़ने से  उतार चढाव आते हैं .

-  5000 रुपये से आप  डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्टमेंट स्टार्ट कर सकते हैं.

- 5000 रुपये से आप एक बैंक में या एक कंपनी में FD कर सकते हैं, लेकिन जब आप डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में 5000 रुपये लगते हैं तो आपका पैसा एक साथ कई सारे Bank, NBFC, GOI और Corporates द्वारा जारी बांड या डेब्ट  सिक्यूरिटी में पैसे लगा जाते हैं, जिससे आप किसी एक जगह पर सारे पैसे लगने के रिस्क से भी बच जाते हैं.

- आपको अगर पैसे की जरुरत है तो आज आप पैसे निकालने के लिए प्रोसेस करोगे तो अगले दिन (Working Day)  पर डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड से आपके पैसे निकल कर आपके बैंक अकाउंट में आ जाते हैं. घर बैठे म्यूच्यूअल फंड्स में पैसे लगा और निकाल सकते हैं.

- रेंज ऑफ़ प्रोडक्ट्स - एक दिन से लेकर 5-10 साल के लिए इन्वेस्टमेंट करने के विकल्प होते हैं डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में हैं. बस आप को एक विशेषज्ञ की मदद लेनी पड़ेगी.

- डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स से मिलने वाले टैक्स फ्री डिविडेंड या SWP से आप रिटायरमेंट के बाद एक स्टेबल और सुरक्षित कैश फ्लो या रेगुलर इनकम पा सकते हैं.


इतने सारे फायदे होने के बावजूद रिटेल इन्वेस्टर अभी भी डेब्ट फंड्स में कम निवेश करता है जब की कॉर्पोरेट्स और HNI लोग डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में बड़े पैमाने पर निवेश करने लगे हैं.

रिटेल इन्वेस्टर का डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में कम निवेश करने का कारण उनके बारे में कम जानकारी और उनकी फिक्स्ड डिपाजिट की तरह डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में पहले से मिलने वाले ब्याज का ना लिखा होना  है.

फिक्स्ड डिपाजिट में एक रिस्क होता है reinvestment risk , जब आप की फिक्स्ड डिपाजिट mature हो जाएगी तो आपको उस ब्याज दर पर फिर से निवेश न कर पाने का रिस्क रहेगा. जैसे आप ने 5 साल पहले 9.5% के ब्याज पर फिक्स्ड डिपाजिट करी थी लेकिन अब परिपक्वता या maturity के बाद आप आज के इंटरेस्ट रेट पर ही फिक्स्ड डिपाजिट कर पाएंगे, अगर आज रेट 7.5% है तो आप को अब इसी रेट पर ब्याज मिलेगा.

PPF जैसी स्कीम में आप को कभी 11% का ब्याज मिलता था आज आपके पैसों पर सिर्फ 8.1% ब्याज मिल रहा है ये भी एक रिस्क है आपने 13 साल पहले जब PPF अकाउंट खोला था तब तो आपने यही सोचा रहा होगा की मुझे 11% का ब्याज मिलेगा लेकिन आज आपको सिर्फ 8.1% ही ब्याज मिल रहा है और कल यह दर और भी कम हो सकती है क्यूंकि अब सारी स्कीमों में ब्याज दर को मार्केट लिंक्ड कर दिया गया है.


हमने समय के साथ-साथ अपने जीने के तरीके और साधनों को बदला है जैसे अब हम लोग अंतरदेशी में पत्र या चिठ्ठी नहीं लिखते, टेलीग्राम नहीं करते अब email या whatsapp करते हैं, अब बैल गाड़ी से नहीं कार या बाइक या अन्य साधनों से चलते हैं, खाना लकड़ी के चूल्हे पर नहीं गैस चूल्हे या माइक्रोवेव में बनाते हैं उसी तरह अपने इन्वेस्टमेंट करने के साधन और तरीकों में बदलाव लाइए और फिक्स्ड डिपाजिट की जगह म्यूच्यूअल फण्ड की डेब्ट स्कीम को चुनिये, क्यूंकि डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड आपको Stable और Tax Efficient रिटर्न देंते हैं, इनसे पैसे आसानी से लगाये और निकाले जा सकते हैं और ये सुरक्षित भी होते हैं. फिक्स्ड डिपाजिट और स्माल सेविंग्स स्कीम में ब्याज समय के साथ घटता जायेगा और अन्य देशों की तरह भारत में भी लोग तब डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड को बेहतर विकल्प मानेंगे. आप आज ही अपने इन्वेस्टमेंट के तरीकों में बदलाव लाइए और डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश करिए.



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