Friday, March 31, 2017

म्यूच्यूअल फण्ड सही है....


लोगो के मन में म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में तमाम भ्रांतियां हैं जैसे म्यूच्यूअल फण्ड का मतलब लम्बे समय के लिए पैसे लगाना, म्यूच्यूअल फण्ड का मतलब शेयर बाज़ार, म्यूच्यूअल फण्ड बड़े शहरों और बड़े लोगों के लिए होता है, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के लिए बहुत सारे पैसे चाहिए होते हैं. लोगों के दिमाग में ऐसी ना जाने कितनी भ्रांतियां हैं म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में और इन्ही भ्रांतियों को तोड़ने के लिए AMFI ने विडियो कैंपेन शुरू की है. 

ये 30-40 सेकंड्स के विडियो आपको म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में बहुत काम की बातें बड़े सरल और मजेदार अंदाज में सिखाते हैं. तो देखिये और जानिये म्यूच्यूअल फण्ड क्यूँ सही है .....आपके लिए


म्यूच्यूअल फण्ड में आप चार दिन के लिए भी पैसे लगा सकते हैं-





म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश आप 500 रुपये से भी शुरू कर सकते हैं-




म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करके आप भविष्य की जरूरतें जैसे अपने लिए कार, घर या बच्चे की शादी के लिए भी पैसे इकठ्ठा कर सकते हैं-






म्यूच्यूअल फण्ड केवल बड़े शहरों और बड़े लोगों के लिए नहीं है, इसमें हर कोई निवेश कर सकता है-











म्यूच्यूअल फण्ड से आप पैसे कभी भी निकाल सकते हैं-


















अगर यह विडियो देखने के बाद आपको भी लगे कि म्यूच्यूअल फण्ड सही है तो बात करिये किसी अच्छे म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर या एडवाइजर से और उठायें म्यूच्यूअल फण्ड की अलग अलग स्कीमों का फायदा.

Wednesday, March 22, 2017

PPF..... टैक्स सेविंग का सबसे सुरक्षित तरीका



वैसे तो PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड) की शुरुआत 1968 में PPF एक्ट 1968 के अन्तर्गत भारत सरकार ने मूलतः सेल्फ एम्प्लोयेड और असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगो की रिटायरमेंट सिक्योरिटी को ध्यान में रख कर शुरू किया था. लेकिन अपनी टैक्स बचाने के साथ-साथ टैक्स फ्री इंटरेस्ट देने की खूबी ने  धीरे-धीरे PPF को टैक्स सेविंग की सबसे पसंदीदा स्कीम बना दी.आज समय ऐसा है कि PPF में निवेश लोग अपने आप करते हैं इसके लिए ना तो कोई मीडिया में  पब्लिसिटी होती है ना कोई मध्यस्थत के माध्यम से वितरण, इसके बावजूद भी ज्यादातर लोग PPF को टैक्स सेविंग के लिए सबसे ज्यादा प्राथमिकता देते हैं और निवेश करते हैं.

हालाकि पिछले 5-6 सालों से इन्वेस्टमेंट के  विशेषज्ञ PPF को म्यूच्यूअल फण्ड की टैक्स सेविंग योजना के बाद दूसरी सबसे अच्छी टैक्स सेविंग योजना मानने लगे हैं. लेकिन म्यूच्यूअल फण्ड की टैक्स सेविंग योजना के बारे में ना तो अभी बहुत ज्यादा जागरूकता है और ना ही उसकी पहुँच PPF की तरह देश के छोटे-बड़े सभी जगहों पर है.

फ़िलहाल आज हम PPF के बारे में बात कर रहे हैं और मेरी पूरी कोशिश होगी कि इस ब्लॉग के माध्यम से ना केवल आपको PPF के बारे में हर छोटी बड़ी बाते बताऊँ जो एक समझदार निवेशक को जानना चाहिए बल्कि वो भ्रांतियां भी दूर करूँ जो किसी  कारण एक निवेशक की तरह आपको PPF के बारे में है. तो ध्यान से पढ़िए इस ब्लॉग को.

पहले समझते हैं PPF को एक निवेश के माध्यम की तरह, फिर बात करेंगे PPF कैसे खोले, कहाँ खोले, कैसे मिलते हैं इस पर ब्याज और उसके बाद बात करेंगे PPF से पैसे निकालने के तरीकों के बारे में और सब से अंत में PPF के बारे में कुछ ऐसी बातें जो बहुत कम लोग जानते हैं.


PPF एक टैक्स सेविंग योजना है जिसमे निवेश करके आप इनकम टैक्स की धारा 80C के अन्तर्गत 1.5 लाख रुपये तक की छूट ले सकते हैं. 

पैसे की सुरक्षा
PPF क्यूंकि भारत सरकार की योजना है इसलिए इसमें आपका पैसा पूर्णतया सुरक्षित रहता है क्यूंकि यहाँ आपसे पैसे भारत सरकार एक तरह से ऋण के रूप में ले रही  है.  इसलिए PPF को टैक्स बचाने का सबसे सुरक्षित निवेश माध्यम माना जाता है.

ब्याज दर
PPF में ब्याज दर एक निर्धारित समय के लिए निश्चित होता है और इसमें बदलाव अब हर तिमाही पर होता है. यह ब्याज दर अब सरकारी प्रतिभूतियों (GSec) पर चल रही ब्याज दर के आधार पर निर्धारित होने लगी है और नियमतः PPF की दर 10 साल के सरकारी प्रतिभूति की पर मिलने वाले ब्याज से केवल 0.25% ज्यादा हो सकती है. लेकिन यह अभी नियम अभी पूरी तरह से सरकार लागू नहीं कर पाई है. इस तिमाही में PPF की ब्याज दर 8.1% निश्चित की गई है. PPF पर एक समय 12% का ब्याज मिलता था वह घट कर आज लगभग 8% आ गया है और आने वाले समय में यह और भी नीचे जा सकता है. नियमों के हिसाब से इस तिमाही में PPF पर ब्याज दर 7.25% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए थी.

टैक्स
PPF में पैसे जमा करने  पर टैक्स में छूट मिलती है, PPF पर मिलना वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है, PPF से जब पैसे निकालते हैं तब भी कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. इस तरह से यह एक ऐसा टैक्स सेविंग का तरीका है जहाँ पर टैक्स के मामले में फायदा ही फायदा है.

परिपक्वता
PPF में पूर्ण परिपक्वता (Maturity) 15 साल के बाद होती है. लेकिन 5 वर्षों के बाद आप आंशिक निकासी कर सकते हैं.

कहाँ खोल सकते हैं PPF अकाउंट
PPF अकाउंट खोलने और उसमे निवेश करने के लिए  के लिए आपको किसी पोस्ट ऑफिस, सरकारी या सरकार द्वारा अधिकृत प्राइवेट बैंक जैसे आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक की किसी भी शाखा से संपर्क कर सकते हैं .

कौन कर सकता है PPF में निवेश
कोई भी रेजिडेंट इंडियन जिसकी उम्र १८ वर्ष की है वो PPF अकाउंट खोल सकता है और उसमे हर साल 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकता है.
18 वर्ष से कम उम्र के माइनर के नाम पर भी अकाउंट खोला जा सकता है और निवेश किया जा सकता है लेकिन गार्डियन और माइनर दोनो के अकाउंट को मिला के साल भर में निवेश केवल 1.5 रुपये तक का ही किया जा सकता है
कोई भी NRI या फॉरेन नेशनल PPF अकाउंट नहीं खोल सकता लेकिन अगर NRI स्टेटस में आने से पहले किसी ने अकाउंट खोल दिया है तो वो 15 साल तक (maturity) तक इस अकाउंट को चला सकते हैं . 15 साल पूरा होने पर अकाउंट को बंद करना होगा.
2005 से पहले हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF) को PPF अकाउंट खोलने की छूट थी जो की अब नहीं है.

कितना निवेश कर सकते हैं PPF में 
क्यूंकि PPF अकाउंट लांच करने का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को सेविंग करने के लिए बढ़ावा देना था इसीलिए इस अकाउंट को सिर्फ 100 रुपये से शुरू किया जा सकता है. लेकिन साल भर में कम से कम PPF अकाउंट में 500 रुपये का निवेश करना होता है और अधिकतम 1.5 लाख रुपये PPF अकाउंट में एक साल में जमा किये जा सकते हैं.

कब तक चला सकते हैं PPF अकाउंट
इस बात को लेकर सबसे ज्यादा भ्रम लोगों में रहता है , अक्सर लोगों को यह लगता है कि PPF अकाउंट 15 साल बाद बंद करना ही होता है. लेकिन PPF अकाउंट आप 15 साल के बाद भी चला सकते हैं बस आपको इसे आगे चालू रखने के लिए एक प्रार्थना पत्र (Form H) देना होता है. याद रखिये यह फॉर्म H, 15 साल की अवधि पूरी होने के 1 साल के अन्दर जमा करना होता है. उदाहरण के लिए अगर 1 अप्रैल 2017 को PPF अकाउंट की अवधि  15 साल पूरी हो रही है तो 31 मार्च 2018 तक फॉर्म H जमा करना होगा. यह प्रक्रिया हर 5 साल की अवधि पूरा होने पर आप कर सकते हैं. तो इस प्रकार से PPF अकाउंट जब तक भी चाहें तब तक चालू रख सकते हैं.

साल 2016 से PPF अकाउंट को 5 साल के बाद बंद करने की भी छूट दे दी गई है लेकिन यह केवल दो परिस्थितयों में संभव यदि अकाउंट होल्डर या उसके परिवार के सदस्यों के जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए पैसे की आवश्यकता हो या उच्च शिक्षा के लिए पैसों की आवश्यकता हो.
  

PPF अकाउंट में नॉमिनेशन 
किसी भी इन्वेस्टमेंट में नॉमिनेशन करना बहुत जरुरी होता है इसलिए PPF अकाउंट में भी नॉमिनेशन जरुर करना चाहिए. PPF अकाउंट में आप एक से ज्यादा नॉमिनी बना सकते हैं और नॉमिनेशन आप किसी भी समय बदल भी सकते हैं.


PPF अकाउंट पर ब्याज कैसे मिलता है
PPF अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज और उसकी गणना कैसे होती है इसको लेकर अक्सर लोग भ्रमित रहते है.आमतौर पर लोग यह समझते हैं की  PPF अकाउंट में पैसे जमा करते समय जो ब्याज दर चल रही है वही ब्याज दर पर ब्याज उन्हें पूरी अवधि तक मिलती  रहेगी. लेकिन वास्तव् में यह एक भ्रान्ति है.
PPF में ब्याज दर हर साल बदलती रहती है और अब तो इसे हर तीसरे महीने पर भी बदला जा सकता है. PPF पर ब्याज की गणना महीने के हिसाब से होती है. PPF अकाउंट में हर महीने के 5 तारीख से और महीने के आखिरी दिन के बीच में जो न्यूनतम राशि होती है उस पर ब्याज की गणना की जाती है . PPF ब्याज की गणना तो हर महीने होती है लेकिन यह ब्याज PPF अकाउंट में साल के अंत में ही दिखाई पड़ता है.

7-8 साल के बाद PPF पर मिलने वाला ब्याज लोगों को अक्सर आश्चर्य चकित करता है क्यूंकि समय के साथ चक्र्व्रिधि ब्याज (Compounding Interst ) की ताकत इसके लिए काम करने लगती है और इसलिए 7-8 साल के बाद जब अकाउंट में ब्याज क्रेडिट होता है तो वह उस साल जमा की गई राशि से ज्यादा होती है  जो अक्सर लोगों को आश्चर्य करती है.

चक्र्व्रिधि ब्याज यानि पैसे बनाने की मशीन ...पढ़िए इसके जादू के बारे में..
http://arthagyanindia.blogspot.in/2016/06/blog-post.html

PPF पर लोन 
PPF अकाउंट का एक फायदा यह भी होता है कि आप छोटी अवधि के लिए अपने PPF अकाउंट पर लोन भी ले सकते हैं. यह लोन अधिकतम 36 महीने के लिए होता है और इस पर ब्याज की दर PPF अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज से 2% ज्यादा होती है लेकिन अगर लोन का ब्याज  के साथ रीपेमेंट समय से नहीं होता तो यह ब्याज 6% ज्याद लगने लगती है. PPF अकाउंट पर लोन सिर्फ 1  वित्तीय वर्ष के बाद ही लिया जा  सकता है और लोन की राशि समाप्त हुए वित् वर्ष के अंत में शेष राशि का 25% ही हो सकता है . ध्यान रखे PPF अकाउंट पर लोन की सुविधा अकाउंट खोलने के 5 वित् वर्ष तक ही मिलती है.

PPF अकाउंट से पैसे की निकासी
PPF अकाउंट से आप 5 वित् वर्ष पूरे होने के बाद पैसे आंशिक रूप से निकाल सकते हैं लेकिन यह राशि पिछले वित् वर्ष की समाप्ति पर अकाउंट में उपलब्ध राशि का सिर्फ 50% हो सकता है. 15 साल पूरे होने के बाद अगर आप अपना अकाउंट अगले 5 साल के लिए बढ़ाते हैं तो आंशिक निकासी की सीमा बढ़ कर 60% हो जाती है.

PPF सबसे सुरक्षित और अच्छा रिटर्न देने वाला टैक्स सेविंग प्रोडक्ट है. इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है. ELSS को छोड़ कर कोई और टैक्स सेविंग प्रोडक्ट इसके सामने ठहर नहीं पाते. अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें टैक्स सेविंग करनी है लेकिन वो जरा सा भी रिस्क अपने इन्वेस्टमेंट्स के साथ नहीं लेना चाहते तो PPF से बेहतर आप्शन आपके लिए कोई नहीं.

टैक्स बचाने का सबसे अच्छा विकल्प क्या है जानने के लिए पढ़ें.
http://arthagyanindia.blogspot.in/2016/03/wealth-creation.html

Thursday, March 2, 2017

आप ऐसे भी बचा सकते हैं किसी कैंसर मरीज का जीवन.....


आपके निवेश से कैसे हो सकता है कैंसर के मरीजों को फायदा....जानने के लिए पढ़े.

हमारे देश में प्रति वर्ष लगभग 10 लाख कैंसर के नए मामले सामने आते हैं. हम सभी जानते हैं कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और इसका इलाज एक गरीब और सामान्य परिवार के लिए बहुत महंगा होता है. कैंसर के इलाज में एक मरीज पर 1 लाख से 10 लाख रुपये या इस से ज्यादा का खर्च आता है. क्यूंकि इसका इलाज इतना महँगा है इसलिए कई मरीज या उनके परिवार के सदस्य या तो इलाज शुरू ही नहीं करा पाते या शुरू भी कराते हैं तो पैसे की कमी के चलते उसे पूरा नहीं कर पाते.

कितना अच्छा होता ऐसे जरूरतमंद गरीब मरीजों को समय से और पूरी चिकित्सा सुविधा मिल जाये  जिससे कि वो फिर से अपनी सामान्य जिन्दगी जी सकें और अपने परिवार के लिए, अपने देश और समाज के लिए अच्छे काम कर सकें.

ऐसे जरूरतमंद लोगों के लिए काम करती है... ICS (इंडियन कैंसर सोसाइटी ). यह संस्था साल 1951 से ही कैंसर के मरीजों के लिए काम कर रही है. इस संस्था ने पिछले 66 सालों में हजारों कैंसर के मरीजों को नया जीवन दिया है.

साल 2011 में HDFC म्यूच्यूअल फण्ड ने ऐसे मरीजों और उनके परिवार की मदद के लिए ICS के सहयोग से HDFC Debt Fund for Cancer Cure  शुरू किया. यह 3 साल की अवधि का एक क्लोज्ड एंडेड कैपिटल प्रोटेक्शन फण्ड था . इसके बाद साल 2014 में इसी प्रकार की दूसरी स्कीम लांच की. 

पिछले 6 वर्षों में इस छोटे से प्रयास ने लगभग 3128 कैंसर मरीजों को और उनके परिवार को ICCF (Indian Cancer Society - Cancer Cure Fund) के माध्यम से 81 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की, जिसका विवरण नीचे दिया गया है.



श्री पंकज जी ने 2011 में इस स्कीम (HDFCC) में 1 लाख रुपये का निवेश किया उनको इस बात की आज बहुत ख़ुशी है कि उनके छोटे से सहयोग से सुश्री क़ुर्बा रानी जैसी एक रिटायर्ड फोरमैन की बेटी की जान बच सकी जो कैंसर से पीड़ित थी और वो जहाँ काम करती थी उस संस्था ने किसी आर्थिक सहयोग के लिए मना कर दिया था. ऐसी स्थिति में जब उनके परिवार के पास इलाज के लिए 9.5 लाख रुपये नहीं थे , ICS के आर्थिक सहयोग से क़ुर्बा रानी के कैंसर का इलाज हुआ. आज वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं और फिर से नौकरी करना शुरु कर दी हैं. ऐसी लगभग 3100 सच्ची कहानियाँ हैं जो श्री पंकज जी जैसे हजारों निवेशकों के कारण संभव हुई हैं.

HDFCC 2014, फण्ड की मेच्योरिटी होने वाली है और इसके सभी निवेशकों को उनका पैसा अगले कुछ दिनों में वापस दे दिया जायेगा. इस तरह के अच्छे काम में हमारा सहयोग चलता रहे इसलिए HDFC म्यूच्यूअल फण्ड इस महान उद्देश्य के लिए एक बार फिर से HDFC Charity Fund for Cancer Cure लांच कर रही है.

आइये जानते हैं इस फण्ड के बारे में और साथ में यह भी जानते हैं कि इस फण्ड में निवेश कर के आप कैंसर के मरीजों और उनके परिवार की मदद कैसे करते हैं.

HDFC Charity Fund for Cancer Cure, 1136 दिन की अवधि का एक क्लोज्ड एंडेड फण्ड है. इस फण्ड में इस बार  दो Plan हैं. पहला Equity Arbitrage Plan और दूसरा Debt Plan. 

दोनों प्लान रेगलर इनकम बनाने में सक्षम होंगे जिस से कि यह स्कीम अपने उद्देश्य  (Indian Cancer Society - Cancer Cure Fund project में अनुदान ) की पूर्ति निश्चित अन्तराल पर करती रहे.



कैसे होगी कैंसर मरीजों की मदद

यह स्कीम हर 6 महीने के अन्तराल पर डिविडेंड घोषित करेगी और  डिविडेंड की राशि का 100% या 50% आपके निर्देश के अनुसार ICCF में आपकी तरफ से अनुदान के रूप में चला जायेगा. साथ की साथ HDFC AMC भी कुल डिविडेंड के बराबर की राशि AMC की तरफ से ICCF को इस कार्यं के लिए अनुदान करेगी.



इस फण्ड में निवेश और आपके द्वारा अनुदान को नीचे दिए गए उदाहरण से समझें.

श्री राम कुमार जी ने HDFC Charity Fund for Cancer Cure- Equity Arbitrage प्लान में 5 लाख रुपये का निवेश किया. 6 महीने बाद इस स्कीम ने 4% का डिविडेंड घोषित किया. क्यूंकि श्री राम कुमार जी ने इस स्कीम में 50% डिविडेंड डोनेशन आप्शन लिया है तो कुल 20,000 रूपए के डिविडेंड में से 10 हजार रुपये की राशि श्री राम कुमार जी की बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर हो जायेगी और शेष 10 हजार रुपये ICCF को अनुदान के रूप में श्री राम कुमार जी की तरफ से चले जायेंगे. 

यदि श्री राम कुमार जी 100% डिविडेंड डोनेशन आप्शन चुनेगे तो पूरा-पूरा 20 हजार रुपये ICCF को श्री राम कुमार जी की तरफ से अनुदान के रूप में चला जायेगा.

कैसे होगा आपके डोनेशन का प्रभाव दोगुना 
अब मान लीजिये इस प्रकार से कुल 12 करोड़ रुपये का अनुदान निवेशकों की तरफ से ICCF को किया जा रहा है तो इसी के बराबर की राशि HDFC AMC अपनी तरफ से ICCF को अनुदान करेगी. और इस प्रकार से आपके डोनेशन का प्रभाव दोगुना हो जायेगा. 

साथ में मिलेगी धारा 80G के अन्तर्गत कर बचत 
इस स्कीम में एक निवेशक की तरफ से डिविडेंड के रूप में जो भी अनुदान जाता है निवेशक उस राशि को इनकम टैक्स की धारा 80G के अन्तरगत टैक्स में छूट भी ले सकता है.

इस स्कीम में खर्चे ना के बराबर हैं
इस प्रकार के डेब्ट या इक्विटी आर्बिट्राज म्यूच्यूअल फण्ड योजनाओ में वैसे तो लगभग 1% तक एक्सपेंस होता है लेकिन इस योजना का उद्देश्य क्यूंकि सामाजिक कार्य में सहयोग है इसलिए AMC किसी तरह का इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फीस और डिस्ट्रीब्यूशन फीस नहीं चार्ज कर रही है. इस स्कीम का टोटल एक्सपेंस सिर्फ 0.05% होगा. जिसमे से 0.03% सर्विस टैक्स और अन्य क़ानूनी खर्च के लिए होगा और 0.02% इन्वेस्टर अवेयरनेस प्रोग्राम के लिए होगा.

निवेशक को कब मिलेंगे पैसे वापस
अवधि पूर्ण होने पर निवेशकों का पैसा उनको अपने आप वापस हो जायेगा इसके लिए निवेशक को कोई कार्यवाही नहीं करनी पड़ेगी. स्कीम की परिपक्वता 1136 दिन की है, यह अवधि पूरी होते ही निवेशक के दिए गए बैंक अकाउंट में पैसा अपने आप पहुँच जायेगा.

कैसे मिलेगा कैंसर के मरीजों को आपके निवेश से फायदा
ICCF में जो भी पैसा इस योजना के अन्तर्गत इकठ्ठा होगा उसे उन मरीजो पर खर्च किया जाता है जिनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से कम है और वो कैंसर से पीड़ित हैं. इसके लिए ICS की कमेटी सप्ताह में कम से कम एक बार मिलती है, इस मीटिंग ICS द्वारा चुने हॉस्पिटल से आये मरीजों के आवेदन और पात्रता के अनुसार कैंसर मरीजों का आर्थिक सहायता के लिए चुनाव किया जाता है . ICS ने पुरे देश के विभिन्न प्रान्तों को ध्यान में रखते हुए 16 कैंसर हॉस्पिटल को इस फण्ड के माध्यम से सहयोग करने के लिए चुना है. इसके बारे में पूरी जानकारी आप नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से पढ़ सकते हैं.

इस स्कीम में निवेश करने से पहले ऊपर दिए गए लिंक से SID डाउनलोड करें और पढ़ें.


कौन कर सकता है इसमें निवेश
1. Resident adult individuals either singly or jointly (not exceeding three) or on an Anyone or Survivor basis;
2. Karta of Hindu Undivided Family (HUF);
3. Minor (as the first and the sole holder only) through a natural guardian (i.e. father or mother, as the case may be) or a court appointed legal guardian. There shall not be any joint holding with minor investments.
4. Partnership Firms & Limited Liability Partnerships (LLPs);
5. Companies, Bodies Corporate, Public Sector Undertakings, Association of Persons or bodies of individuals and societies registered under the Societies Registration Act, 1860, Co- Operative Societies registered under the Co-Operative Societies Act, 1912, One Person Company;
6. Banks & Financial Institutions;
7. Mutual Funds/ Alternative Investment Funds registered with SEBI;
8. Religious and Charitable Trusts, Wakfs or endowments of private trusts (subject to receipt of necessary approvals as required) and Private trusts authorised to invest in mutual fund schemes under their trust deeds;
9. Non-resident Indians (NRIs)/Persons of Indian Origin residing abroad (PIO)/ Overseas Citizen of India (OCI) on repatriation basis or on non repatriation basis;
10. Foreign Institutional Investors (FIIs) registered with SEBI on repatriation basis;
11. Foreign Portfolio Investors (FPI) registered with SEBI on repatriation basis;
12. Army, Air Force, Navy and other paramilitary units and bodies created by such institutions;
13. Council of Scientific and Industrial Research, India;
14. Multilateral Financial Institutions/ Bilateral Development Corporation Agencies/ Bodies Corporate incorporated outside India with the permission of Government of India/ Reserve Bank of India.

क्यूँ करें इस योजना में निवेश-
इस योजना में निवेश करने का उद्देश्य लाभ कमाना तो नहीं है लेकिन यह योजना आपको मौका देती है कि आप अपने पैसे को सुरक्षित रखते हुए उस पर मिलने वाले लाभ का एक हिस्सा या पूरे लाभ को किसी ऐसे कैंसर पीड़ित मरीज के इलाज में सहयोग कर सकते हैं जो गरीब है और सक्षम नहीं है. वह और उसका परिवार कैंसर जैसी जानलेवा और खर्चीली बीमारी का सामना आपके सहयोग के बिना नहीं कर सकता.

पिछली दो योजनाओ में निवेश करने वाले लोगों ने ऐसे 3100 मरीजों और उनके परिवार की मदद की और शायद यही इस योजना का असली रिटर्न या लाभ है.

आप अगर 50% डिविडेंड डोनेशन आप्शन चुनते हैं तो लगभग सेविंग अकाउंट के बराबर टैक्स फ्री रिटर्न आपको मिल सकता है. साथ ही साथ आप को इनकम टैक्स की धारा 80G का भी फायदा मिलता है. 


कब कर सकते हैं इस योजना में निवेश
10 मार्च 2017 से 24 मार्च 2017 के बीच कोई भी निवेशक इस योजना में निवेश कर सकता है


इस योजना में कम से कम आप 50,000 रुपये का निवेश कर सकते हैं. आपके द्वारा किये गए निवेश से मिलने वाले डिविडेंड का 50% या 100%  हिस्सा ही अनुदान के रूप में जायेगा. आपका मूल धन योजना के 1136 दिन पूर्ण होते ही आपके बैंक अकाउंट में वापस आ जायेगा.

एक बार यह विडियो जरुर देखें.



इस ब्लॉग का उद्देश्य इस योजना में पैसे लगाने के लिए लोगों को प्रेरित  करना है. इस ब्लॉग को लिखने के लिए और इसमें किसी के निवेश करने से मुझे किसी भी तरह का आर्थिक फायदा नहीं मिलेगा. क्यूंकि यह स्कीम एक सामाजिक कार्य के लिए है इसीलिए पहली बार अपने ब्लॉग के माध्यम से मै किसी स्कीम में निवेश करने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा हूँ. 
कृपया निवेश करने से पहले ऑफर डॉक्यूमेंट जरुर पढ़ें और अपने इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह लें.

यदि आप इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं तो मुझे 9838822834 पर कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं. 

कृपया इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा लोगों को फॉरवर्ड करें. हो सकता है आपके इस सहयोग से इस योजना में निवेश करने के लिए और लोग भी प्रेरित हों.... कुछ गरीब कैंसर मरीजों को सहयोग मिल सके.

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