Saturday, June 25, 2016

क्या आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए ?



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सूरज, एक सरकारी कॉलेज में टीचर हैं और उन्हें 35 हजार रुपये वेतन मिलता है , वो 3 साल से नौकरी कर रहे हैं लेकिन आज तक उन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल किया है. आदित्य, एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं, उनको 25 हजार रुपये वेतन मिलता है, उन्होंने भी पिछले 2 साल से कोई रिटर्न फाइल नहीं किया. विनय, गवर्नमेंट ऑफिसर हैं उनको 40 हजार वेतन मिलता है लेकिन उनका मानना है क्यूंकि उनका विभाग फॉर्म 16 उन्हें देता है और उनके ऊपर टैक्स लगा कर उसको जमा करा देता है इसलिए उनको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरुरत नहीं है.

इस तरह  की गलत फहमी केवल सूरज, आदित्य या विनय को ही नहीं है , अक्सर नौकरी की शुरुआत और जानकारी के अभाव में लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते. नौकरी करने वाले को लगता है की उनका टैक्स एम्प्लायर ने काट लिया है इसलिए उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरुरी नहीं है.


क्यूँ नहीं करते लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल :


1- मेरा एम्प्लायर मेरी सैलरी से टैक्स काट लेता है इसलिए मुझे रिटर्न फाइल करने की जरुरत नहीं है

2- मेरे पास सैलरी के अलावा कोई और इनकम नहीं है .

3- सरकार को टैक्स दे दिया है अब इसके आगे मुझे कुछ नहीं करना होता.

4- मेरे पास बहुत काम है, रिटर्न फाइल करने जैसे काम के लिए समय नहीं निकाल सकता.

5- अभी तो रिटर्न फाइलिंग की लास्ट डेट बहुत दूर है, लास्ट डेट तक कर देंगे.

6- लास्ट डेट ख़त्म हो चुकी है, अब करेंगे तो फंस सकते हैं. अब अगली साल देखेंगे.

7- मेरी इनकम इतनी है ही नहीं की मै रिटर्न फाइल करूँ.

8- मेरी कोई टैक्स लाइबिलिटी नहीं बनती इसलिए रिटर्न क्यूँ फाइल करूँ?


अगर आप के भी तर्क ऊपर दिए गए कारणों में से एक है.. तो यह ब्लॉग आप ही के लिए है.


पहले यह जानना जरुरी है की इनकम टैक्स रिटर्न होता क्या है, इसको क्यूँ फाइल करना चाहिए, क्या फायदे हैं ITR फाइल करने के और ना करने के क्या नुकसान हैं ?

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) क्या होता है ?


ITR फाइलिंग एक प्रक्रिया है जिस के द्वारा एक व्यक्ति या संस्था अपनी साल भर की कमाई और उस पर दिए जाने वाले टैक्स का लेखा जोखा सरकार (इनकम टैक्स विभाग) को एक निश्चित फॉर्मेट में उपलब्ध कराता है . यह देश के  प्रत्येक नागरिक या संस्था का कर्तव्य है कि वह अपने पिछले साल की  इनकम की सही जानकारी इनकम टैक्स विभाग का प्रत्येक वर्ष 31st जुलाई तक उपलब्ध कराये. अगर आप ITR फाइल नहीं करते तो इसका मतलब यह समझा जाता है की आपने अपनी कमाई या इनकम को डिस्क्लोस नहीं किया है.
यहाँ पर यह भी समझना बहुत जरुरी है की इनकम किसे कहते हैं?
अक्सर लोग सैलरी या वेतन को ही इनकम मानते हैं, लेकिन इनकम टैक्स विभाग के अनुसार इनकम के 5 प्रमुख स्रोत हो सकते हैं

1- सैलरी या वेतन से होने वाली आय
2- हाउस प्रोपेर्टी से होने वाली आय
3- बिज़नस या प्रोफेसन से होने वाले लाभ
4- सम्पति को बेचने से होने वाले कैपिटल गेन
5- और किसी स्रोत से होने वाली आय

इन पाचों स्रोतों से होने वाली कुल आय को किसी की ग्रॉस टोटल इनकम कहते हैं.


किसको फाइल करना चाहिए ITR? 


वर्तमान नियमो के आधार पर अगर किसी व्यक्ति की ग्रॉस टोटल इनकम 2.5 लाख या उस से अधिक है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरुरी है, यहाँ इस बात से कोई सम्बन्ध नहीं है कि आपके एम्प्लायर ने टैक्स भर दिया है या आपकी इनकम टैक्सेबल नहीं है.
अगर आपकी इनकम 2.5 लाख या उस से अधिक है और आप ITR फाइल नहीं कर रहे तो इनकम टैक्स विभाग आप को  नोटिस भेज सकता है.

क्यूँ फाइल करना चाहिए ITR?


ITR फाइल करना, भारत के प्रत्येक नागरिक का दायित्व है. प्रत्येक नागरिक या संस्था को  अपनी आय की जानकारी इनकम टैक्स विभाग के द्वारा सरकार को ITR फाइलिंग की प्रक्रिया के साथ करन चाहिए और अपना टैक्स सही समय पर जमा करना चाहिए.

लेकिन इसके अलावा कई सारे फायदे भी एक व्यक्ति या संस्था को मिलता है अगर वह इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करता है.

ITR एक व्यक्ति की  फाइनेंसियल लाइफ का प्रूफ है 

- ITR आप को भविष्य में कोई इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपकी इनकम प्रूफ की तरह काम करता है
- जब ITR फाइल करते हैं तो आपका फाइनेंसियल रिकॉर्ड इनकम टैक्स विभाग के पास बन जात है और भविष्य में यही फाइनेंसियल हिस्ट्री आपके हाउसिंग लोन, पर्सनल या मोटर लोन लेने के समय या वीजा लेने के समय में सहायक होती हैं.

अगर आपके एम्प्लायर ने टैक्स ज्यादा काट लिया है तो ITR फाइल करके आप टैक्स रिफंड भी ले सकते हैं.

अगर आप बिज़नेस में हैं तो आपके लिए ITR हर कदम पर सहायक है. एक वेतन भोगी के पास तो इनकम प्रूफ देने के लिए सैलरी स्लिप या फॉर्म 16 होता है लेकिन बिज़नेस या प्रोफेशनल के लिए ITR ही एक मात्र इनकम प्रूफ है


क्या हो सकता है अगर आप ITR फाइल नहीं करते ?


इनकम टैक्स ऑफिस आप को ITR फाइल ना करने या आय छुपाने के लिए कभी भी कारण बताओ नोटिस भेज सकता है. और अगर आप ने समय से जवाब नहीं दिया या आपके जवाब से इनकम टैक्स ऑफिसर संतुस्ट नहीं हुआ तो आपके ऊपर पेनाल्टी या फाइन भी लगा सकता है.
इनकम टैक्स की धारा 271F के अंतर्गत 5000 रुपये की पेनाल्टी या फाइन इनकम टैक्स विभाग टैक्स रिटर्न ना फाइल करने के लिए आपके ऊपर लगा सकता है. अगर आप के उपर टैक्स लायबिलिटी बनती है तो आपको टैक्स के साथ इंटरेस्ट भी भरना पड़ेगा.

अगर आपने ITR फाइल ना करने की गलती की है तो उसे आज ही सुधारिये, आप अधिकतम 2 साल पुराना ITR फाइल कर सकते हैं.


कैसे करें टैक्स रिटर्न फाइल ?

ITR आप ऑनलाइन फाइल कर सकते हैं. इसके लिए आप स्वयं इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर जा कर इ-फाइलिंग कर सकते हैं, लेकिन अगर आप को इसकी ज्यादा समझ नहीं है तो किसी प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं. अच्छा टैक्स प्रोफेशनल भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की फीस 1000-1500 रुपये तक ही लेता है, इसलिए मेरी सलाह तो यही होगी कि अनजाने में कोई गलती ना हो इस से बेहतर है की आप प्रोफेशनल की मदद लें. अगर आप इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जा कर स्वयं करना चाहें तो आप अपने 1000 रूपये बचा सकते हैं.

मै यहाँ पर विश्व प्रसिद्ध लेखक रोबर्ट सी क्योसकी की रिच डैड पुअर डैड की एक बात उधृत करना  चाहूँगा       "धन, स्वास्थ और कानून जैसे जरुरी मामलों में हमेशा आपको अच्छे प्रोफेशनल की सलाह लेनी चाहिए. अगर आप हेल्थ, वेल्थ और कानून के मामलों में फीस बचाने के चक्कर में अच्छे प्रोफेसनल से सलाह नहीं लेते तो यह आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है"

सही समय पर सही ITR फाइल करिये और सुकून से रहिये !!!


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Sunday, June 19, 2016

स्वस्थ रहें संपन्न रहें....7 बातें याद रखें

दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी सारा संसार कर रहा है और खास कर अपने देश में लगभग हर छोटे-बड़े जगहों पर इसके कार्यक्रम रखे गए हैं. जिस से लोगों में योग के प्रति जागरूकता बढ़े और लोग स्वस्थ जीवन जीने के लिए योग को एक साधन बनायें.

इस अवसर पर स्वस्थ जीवन और संपन्न जीवन के कुछ मंत्र इस ब्लॉग के माध्यम से मै शेयर कर रहा हूँ

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1- जल्दी शुरू करने से आप स्वस्थ भी रहते हैं और संपन्न भी


अपने दिन की शुरुआत अगर आप जल्दी करते हैं तो आप के पास अधिक समय होता है और आप अपना हर काम आराम से कर सकते हैं, आप के पास व्यायाम और योग करने का समय होगा जिस से आप स्वस्थ रहेंगे और आप की कार्य क्षमता भी  बढती  है.
इसी प्रकार, संपन्न बनने के लिए भी जल्दी शुरुआत करना जरुरी होता है. आप अपने जीवन में जितनी जल्दी बचत और निवेश करना शुरू करते हैं आप को चक्रव्रिधि ब्याज का फायदा उतना ही मिलता है और आप अपने लिए अच्छा पैसा इकट्ठा कर लेते हैं.
यहाँ बचत और निवेश की की राशि से ज्यादा जरुरी समय है. इसलिए अपने नौकरी या व्यवसाय की शुरुआत से ही बचत और निवेश की आदत डालें चाहें वह अत्यन छोटी राशि क्यूँ ना हो.


उदाहरण के लिए अगर आप 60 वर्ष की आयु तक हर महीने  10,000 का निवेश करते हैं तो....

अगर आप 25 वर्षकी आयु से शुरू करते हैं तो आपके पास 7.35 करोड़ रुपये होंगे 
अगर आप 30 वर्षकी आयु से शुरू करते हैं तो आपके पास 3.90 करोड़ रुपये होंगे 
अगर आप 35 वर्ष से शुरू करते हैं तो आपके पास 2.05 करोड़ रुपये होंगे 
अगर आप 45 वर्ष से शुरू करते हैं तो आपके पास 0.53 करोड़ रुपये होंगे 
ग्रोथ रेट 12.5% चक्रव्रिधि


2- संतुलित आहार लीजिये और अपना पोर्टफोलियो भी संतुलित रखिये


हमारे दैनिक आहार में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, कार्बोहाइड्रेट, फैट और अन्य पोषक तत्वों की सही मात्र होनी चहिये. अगर आप ज्यादा फैट ले रहें है तो भी अच्छा नहीं है और ज्यादा प्रोटीन ले रहें हैं तो भी अच्छा नहीं है. आपके आहार में कितनी मात्रा में क्या होना चाहिए  इसका कोई सब पर फिट होने वाला मंत्र भी नहीं है यह आपके शरीर की सरचना, उम्र, वातावरण आदि पर निर्भर करता है. और यही बात आपके निवेश या इन्वेस्टमेंट पर भी लागू होती है.

आपके पोर्टफोलियो में सभी तरह की संपतियां संतुलित अनुपात में होनी चाहिए, अगर आप केवल इक्विटी में निवेश कर रहें हैं तो वो भी सही नहीं है आप केवल सोना या जमीन और मकान में कर रहे हैं तो वो भी सही नहीं है और आप नुकसान के डर से केवल फिक्स्ड इनकम एसेट्स में निवेश कर रहे हैं तो वो भी सही नहीं है.

इक्विटी जहाँ पर आप को लम्बे समय में सबसे अच्छे रिटर्न दे सकता है वहीँ वो छोटी अवधि में रिस्की भी हो सकता है, यही बात जमीन और मकान में निवेश पर भी लागू होती है.  फिक्स्ड डिपाजिट या फिक्स्ड इनकम एसेट्स और सोने में निवेश करने वाले के लिए महंगाई दर से कम रिटर्न बनने की पूरी सम्भवना रहती है.

और भोजन की तरह आपके पोर्टफोलियो में किस जगह पर कितना निवेश करना है यह आपकी इनकम, उम्र, सम्पति, दायित्व और आपकी रिस्क लेनी की क्षमता पर निर्भर करता है.

इसलिए संतुलित भोजन और  संतुलित पोर्टफोलियो आपके स्वस्थ और संपन्न जीवन के लिए जरुरी है.

100 में से अपनी आयु घटाइए और जितना आता है उसके बराबर प्रतिशत में आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी होनी चाहिए . अगर आपकी आयु 30 है तो 100-30=70. 70% इक्विटी आपके पोर्टफोलियो में होनी चाहिए. 


3- अनुशासित जीवन शैली और नियमितता आपको स्वस्थ और समृध बनाती है 


अगर नियमित रूप से आप समय पर सोयें, समय पर भोजन करें और समय पर व्यायाम और योग करें तो आप स्वस्थ रहेंगे और बीमारियाँ आप से दूर रहेंगी. इसलिए अनुशासन और नियमितता आप के स्वस्थ होने के लिए अत्यंत आवश्यक है.

पैसा बनाने के मामले में भी यही बात लागू होती है. अक्सर लोग समझते हैं बचत केवल आमदनी या कमाई के ऊपर निर्भर करता है लेकिन सच्चाई यह है की यह आप के अनुशासित जीवन शैली पर ज्यादा निर्भर करता है. आपकी की कमाई कितनी भी हो अगर आप ने बचत और निवेश करने को प्राथमिकता नहीं दी तो आज के समय पैसे खर्च करने के बहुत साधन हैं.
आपको ऐसे लोग भी मिलेंगे जो लाखों रुपये कमा रहे होंगे लेकिन बचत कुछ नहीं कर पा रहे होंगे और ऐसे भी होंगे जो कुछ हजार रुपये कमा कर भी बचत कर रहे होंगे. 
इसलिए अगर आप के जीवन शैली अनुशासित है तो आप स्वस्थ भी रहेंगे और समय के साथ संपन्न भी हो जाएंगे.

उदाहरण के लिए , अगर आप की उम्र 30 वर्ष की है और आप  नियमित रूप से प्रति माह अपनी कमाई का 20% बचत करें और उसे ऐसी जगह निवेश करें जहाँ से अगले 30 वर्षों में 13% की ग्रोथ आये तो 60 वर्ष की उम्र तक आप के पास उतना ही धन होगा जितना आप ने अपने पूरे जीवन काल में कमाया होगा.  

उम्र
30 वर्ष
आज की वार्षिक कमाई
5 लाख
कमाई में औसतन सालाना वृद्धि
10%
आपकी कमाई का सालाना बचत %
20%
बचत पर सालाना रिटर्न/इन्ट्रेस्ट  %
13%

उम्र
सालाना कमाई
कुल कमाई
सालाना बचत
इन्वेस्टमेंट की वैल्यू
35
7
31
1.46
9
45
19
159
3.80
78
55
49
492
9.85
392
60
79
822
15.86
816
ऊपर दिए हुए उदाहरण में, एक व्यकी की उम्र 30 वर्ष है उसकी सालाना आमदनी 5 लाख रुपये हैं, 60 वर्ष में वो रिटायर होगा और तब तक उसकी सालाना कमाई में हर साल 10% की ग्रोथ होगी. उस व्यक्ति ने एक निर्णय लिया की वह हर साल अपनी कमाई का 20% बचत करेगा और ऐसी जगहों पर निवेश करेगा जिस से उसको औसत 13% का रिटर्न आ जाये .
35 साल की उम्र में उसकी कमाई 5 लाख से बढ़ कर 7 लाख हो जाएगी और उसकी बचत भी बढ़ कर 1.46 लाख रुपये हो जायेगी. 55 साल तक वह 49 लाख रुपये साल का कमा रहा होगा और इस उम्र तक उसने 4.92 करोड़ रुपये कमाए होंगे और इस समय तक उसकी द्वारा की गई बचत भी 3.92 करोड़ होगी.

रिटायरमेंट तक वह 8.22 करोड़ रुपये कमाया होगा और उस समय उसकी बचत की कीमत भी बढ़ कर 8.16 करोड़ रुपये हो जाएगी. 

मतलब जितना जीवन भर कमाया उतना पैसा रिटायरमेंट पर बचत और निवेश से इकट्ठा हो जायेगा.
और यह केवल अनुशासित रूप से बचत और नियमित रूप से निवेश करने से हो सकेगा.


4- पानी या लिक्विड का सही अनुपात स्वस्थ शरीर के लिए भी आवश्यक है और सम्पति के लिए भी

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पानी  के बिना जीवन संभव नहीं है और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक निश्चित मात्रा में जल लेना चाहिए, कुछ लोग इसे लीटर में बताते हैं कुछ लोग कहते हैं की शरीर को ही तय करने दीजिये की उसे कितना पानी चाहिए. मात्रा कुछ भी हो लेकिन शरीर को जीवत रखने के लिए लिक्विड या पानी की आवश्यकता होती है.

इसी प्रकार सम्पतियों के बारे में भी कहा जाता है "सम्पति या असेट्स में  लिक्विडिटी बहुत आवश्यक होती है" आपको ऐसे तमाम लोग मिल जायेंगे जिन के पास जमीन या घर के रूप में ढेरों सम्पतिया होंगी लेकिन कैश या लिक्विड एसेट नहीं होंगे जिस से उन्हें अपनी रोज की जरूरतें पूरी करने में कठिनाई होती है, इमरजेंसी में लोगों के सामने हाथ फ़ैलाने पड़ते हैं  और मज़बूरी में औने पौने दाम पर अपनी संपतियां बेचनी पड़ती है. इसलिए 

जरुरी है की आप के पास निश्चित मात्रा में लिक्विड या कैश हमेशा हो और आपके  पोर्टफोलियो में लिक्विड एसेट्स की मात्रा कभी भी 50% से कम ना हो.

इमरजेंसी के लिए आपके पास आपकी 4-6 माह की कमाई के बराबर का कैश या लिक्विड फण्ड में निवेश होना चाहिए .


5- तनाव कम लें और धैर्य रखें 

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आज कल अधिकांश लोग तनावग्रस्त रहते हैं, यह बात  केवल युवाओं या नौकरी पेशा लोगों के लिए ही नहीं बल्कि सबके ऊपर लागू है वो चाहे पढने वाले बच्चे हों, नौकरी या कैरियर के लिये प्रयास में लगे युवा हों, नौकरी या बिजनेस करने वाले लोग हो ,हाउस वाइफ हों या रिटायरड लोग हों. हर आदमी तनावग्रस्त रहता है, जिसके परिणाम स्वरुप वो हमेशा थका, उदास और चिडचिडा रहता है. तनाव कम करने के लिए योग का सहारा लें. 
"तनाव कम लें और धैर्य से काम लें सब अच्छा होगा" अगर कुछ गलत हो गया है या आप परेशानी में हैं या आप को अपेक्षा अनुरूप परिणाम नहीं मिल रहें हैं तो धैर्य के साथ उस परेशानी को हल करने या सफल होने के लिए प्रयासरत रहें, आप जरुर सफल होंगे.

निवेश के साथ भी यह बात सही साबित होती है अगर आप को अच्छे पैसे बनाने हैं तो आप को रिस्क भी लेना पड़ेगा और रिस्क आप तभी ले पाएंगे जब आप के अन्दर धैर्य होगा क्यूंकि अच्छे रिटर्न देने वाले एसेट्स जैसे इक्विटी या रियल एस्टेट में लम्बे समय में ही अच्छे रिटर्न बनते हैं, कम समय में इनके दामों में थोड़ी अनिश्चितता होती है इसलिए धैर्य के साथ लम्बे समय में पैसे बनाने के लिए ही इसमें निवेश करें.

BSE SENSEX की शुरुआत 1980 में 100 के आधार मूल्य पर हुई थी जो 2015 में 30,000 से ऊपर पहुच गई थी. 35 वर्षों में इसकी वैल्यू 300 गुना बढ़ी है लेकिन इस बीच में कई उतार चढाव भी आयें हैं जो इन उतार चढाव से डरा नहीं धैर्य से लगा रहा उसने पैसे बनाये लेकिन जो डर के आया ही नहीं या इक्विटी मार्केट में पैसे भी लगाया लेकिन धैर्य नहीं रखा वो पैसे नहीं बना पाया.

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश, डायरेक्ट इक्विटी मार्केट में निवेश से  कम रिस्की होता है और यहाँ से ज्यादा रिटर्न बन सकते है.


6-अच्छे डॉक्टर आपको स्वस्थ बनाते हैं और अच्छे फाइनेंसियल एडवाइजर आपको समृद्ध बनाते हैं


आज कल इन्टरनेट का जमाना है, कुछ ही सेकंड में आप किसी भी तरह की जानकारी आप इन्टरनेट के माध्यम से ले सकते हैं चाहें वह आपकी सेहत या बीमारी से जुड़ा हो या निवेश करने की विभिन्न योजनाओं के बारे में हो. लेकिन,क्या इसका मतलब है की अब डॉक्टर की जरुरत नहीं है आपको.....ऐसा नहीं है ना.. यह बात हर कोई जानता है की कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए .

उसी प्रकार से आप को निवेश भी अपने मन से या इन्टरनेट पर पढ़ कर नहीं करना चाहिए, एक अच्छे फाइनेंसियल एडवाइजर की मदद से आप कहीं ज्यादा अच्छे रिटर्न कम रिस्क ले कर बना सकते हैं और आप निवेश में अपने आप से करने के प्रयास से होने वाली गलतियों से बच सकते हैं. 

स्वस्थ रहने के लिए हमेशा क्वालिफाइड डॉक्टर से सलाह लें....क्यूंकि कहावत है नीम हकीम खतरा ए जान मतलब झोला छाप डॉक्टर से इलाज ना करवाएं उसी प्रकार से निवेश करने के लिए क्वालिफाइड एडवाइजर की सलाह लें. क्यूंकि दवा असर कर रही है या नहीं वो तो आपको 2-4 दिन में पता चल जाता है लेकिन बुरे फाइनेंसियल एडवाइज का बुरा परिणाम आपको बहुत बाद में मतलब 10-15 साल बाद पता चलता है.

लाइफ इंश्योरेंस और बैकों के द्वारा बेचे गये बुरे फाइनेंसियल प्रोडक्ट  खरीदने के परिणाम आपको बहुत देर में पता चलते हैं और तब आपके पास पछताने के अलावा कोई रास्ता नहीं होता.


7- सेहत और सम्पति , दोनों की जांच समय-समय पर आवश्यक है


30 साल से अधिक उम्र के लोगों को रेगुलर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए ऐसा करने से समय के साथ होने वालो कुछ स्वास्थ सम्बन्धी समस्यों को सही समय पर रोका जा सकता है.

यही नियम आपके इन्वेस्टमेंट प्लान पर भी लागू होता है आपको समय-समय पर अपने फाइनेंसियल एडवाइजर के साथ बैठ कर अपने इन्वेस्टमेंट प्लान की समीक्षा करनी चाहिए और समय के हिसाब से अपने पोर्टफोलियो में रिबलेंसिंग करते रहना चाहिए.

याद रखिये जब आप स्वस्थ हों और आप के पास पर्याप्त धन हो तभी आप जीवन का आनंद ले सकते हैं और ये दोनों चीजें आप के अपने हाथों में है.

आपको स्वस्थ और संपन्न जीवन की शुभकामनाएं !!!

अगर आपको मेरे ब्लॉग अच्छे लगें तो अपने परिवार के सदस्यों, मित्रो को पढ़ने के लिए प्रेरित करें, आप अपने whatsapp ग्रुप में भी मेरे ब्लॉग के लिंक फॉरवर्ड कर सकते हैं. आशा है आप मेरे फाइनेंसियल लिट्रेसी बढाने के  इस मिशन मेरा सहयोग देंगे, आपके सहयोग के लिए धन्यवाद.




Saturday, June 11, 2016

क्या आप खरीदने जा रहें हैं कार...क्यूँ हो सकता है आपका ये आइडिया बेकार ??



इस ज़माने में अगर आप के पास कार नहीं है तो आप बेकार हैं....अगर आप के अन्दर यह फीलिंग है तो आप जल्दी ही कार खरीदने वाले हैं.

आपके घर परिवार और मित्र आपके पास कार ना होने के नुकसान के बारे में और कार होने के फायदे गिना रहे होंगे. और अगर पुरानी कार की जगह नई कार की योजना होगी तो नई कार में क्या क्या फीचर चाहिए उस पर चर्चा चल रही होगी. 

आपको यह ब्लॉग पढ़ कर शायद अजीब लगे क्यूंकि मै पहला आदमी होउंगा जो आप को कार खरीदने के नुकसान और ना खरीदने के फायदे बताएगा. वैसे तो कार होने के बहुत सारे  फायदे आप को पता होंगे और जो नहीं भी पता होंगे वो आपके परिवार, रिश्तेदार और मित्रों ने बता दिया होगा. 

क्यूंकि मै कार को दिखावे और जरुरत की जगह  फाइनेंसियल नजरिये से देखता हूँ इसलिए यह आपको  कुछ अजीब सा लग सकता है.  

मैंने अपने लिए कार लगभग 6 साल पहले खरीदी थी सच मानिये जरुरत के कारण नहीं, लोगों के कहने और थोडा दिखावे के चक्कर में मैंने कार खरीदी थी मगर शायद इस तरह अगर मैंने उस समय सोचा होता तो कार खरीदने से बच गया होता और फाइनेंसियली और मजबूत होता . लेकिन शायद 6 साल पहले वह गलती नहीं करता तो आज  यह ब्लॉग मै नहीं लिख पाता.

मगर मुझे जो नुकसान करना था मै वो कर चूका हूँ..बात आज की हो रही है और आज आप कार खरीदने जा रहे हैं. तो यह बहुत अच्छी बात है आपने कार का बजट 5 लाख बनाया है. आपने कार में क्या क्या फीचर होने चाहिए, कौन सी कंपनी की कौन सी कार लेनी है सबके बारे में रिसर्च कर ली है.

लेकिन अगर मै यह बोलूं की यह 5 लाख की कार आपको अगले 5 साल में 10-15 लाख की पड़ेगी तो क्या आप मानोगे ??? नहीं ना !! लेकिन जब मै आपको कैलकुलेशन बताऊंगा तब तो आपको मानना पड़ेगा कि आपको वास्तव में अपनी कार की कीमत से 2 या 3 गुना ज्यादा खर्च करना पड़ता है कार को 5 साल चलाने में.


कार पर होने वाले खर्च को हम तीन भागों में बाँट सकते हैं.

1- एकमुश्त खर्च- कार की ऑन रोड कीमत (एक्स शोरूम कीमत, रजिस्ट्रेशन फीस, सेल्स टैक्स, इंश्योरेंस) लोन प्रोसेसिंग और इंटरेस्ट कास्ट

2- रेगुलर  खर्च- तेल, सर्विसिंग, इंश्योरेंस, पार्किंग, क्लीनर, ड्राईवर, और अन्य खर्च, 

3- इमरजेंसी खर्च - रिपेयरिंग, टोइंग और अन्य इमरजेंसी खर्चे.

 इन सबको अगर आप जोड़ेंगे तो 5 लाख की कार आपको 5 साल में 10-15 लाख रुपये की आसानी से पड जायेगी.

अगर आप को  मेरी बातों पर भरोसा नहीं हो रहा तो यह ब्लॉग आप ही के लिए है...

मान लेते हैं कि जो  कार आपको पसंद आई है उसकी कीमत 5 लाख रुपये है. हम लोग इसमें 4 तरह के आप्शन पर कार पर किये गए 5 साल में खर्च का अनुमान लगायेंगे.

आप्शन 1- आपने कार की पूरी  कीमत अपने आप ने अदा की है, मतलब आप को बैंक से लोन की जरुरत नहीं पड़ी और आप गाड़ी खुद ड्राइव करेंगे  और गाड़ी साफ़ करने के लिए क्लीनर रखेंगे.

आप्शन 2- आपने कार की पूरी  कीमत अपने आप से अदा की है और  कार चलाने के लिए ड्राईवर रखेंगे.

आप्शन 3- आप 1 लाख रुपये का भुगतान स्वयं करेंगे बाकी बैंक से लोन लेंगे. गाड़ी खुद ड्राइव करेंगे  और गाड़ी साफ़ करने के लिए क्लीनर रखेंगे.

आप्शन 4-आप 1 लाख रुपये का भुगतान स्वयं करेंगे बाकी बैंक से लोन लेंगे और कार चलाने के लिए ड्राईवर रखेंगे.

बाकि सारे खर्चे चारो दशाओं में बराबर होंगे.


आप्शन 1
आप्शन 2
आप्शन 3
आप्शन 4
विवरण
रुपये
रुपये
रुपये
रुपये
आप द्वारा दिया गया डाउन पेमेंट
500000
500000
100000
100000
बैंक EMI (5 साल @ 10% EMI Rs 8500)
-
-
510000
510000
इंश्योरेंस (Rs. 833/माह या 10,000/वर्ष)
50000
50000
50000
50000
सर्विसिंग (Rs. 833/माह या 10,000/वर्ष)
50000
50000
50000
50000
पेट्रोल (15000 Km/सालाना माइलेज 15, पेट्रोल 70/Ltr) (Rs. 5883/माह या 70000/वर्ष)
350000
350000
350000
350000
अन्य रख रखाव खर्च (टायर, बैटरी, अन्य खर्च) (Rs. 833/माह या 10,000/वर्ष)
50000
50000
50000
50000
पार्किंग खर्च (20 दिन/माह @ Rs 20)  (रुपये 400/माह 4800/वर्ष)
24000
24000
24000
24000
ड्राईवर (Rs. 5000/माह या 60000/वर्ष)
-
300000
-
300000
क्लीनर ((Rs. 400/माह या 4800/वर्ष)
24000
-
24000

5 साल में कुल खर्च
1048000
1324000
1158000
1434000
5 साल बाद कार की वैल्यू
250000
250000
250000
250000
5 साल में कार पर किया गया नेट खर्च
79800010740009080001184000

क्या आप का दिमाग चकरा गया कार के ऊपर 5 साल में अपने खर्चे को देख कर. यह खर्च तब है जब की आप मानेंगे की मैंने बहुत कम खर्च लिया प्रत्येक मदों पर वास्तव में आप इन सब मदों पर और ज्यादा खर्च करेंगे. आप सोचिये 5 लाख की कार पर आपने अतिरिक्त 8-12 लाख का खर्चा कर देंगे .

बचपन में कहावत सुनी थी "हाथी खरीदना आसान होता है लेकिन पालना बहुत मुश्किल होता है " क्यूंकि पुराने समय में लोग कार की जगह हाथी पर चलते थे इसलिए शायद यह कहावत बनी थी मगर आज के समय यह कहावत आपकी कार पर एकदम फिट बैठती है.

मेरा उद्देश्य आप के कार खरीदने के विचार पर पानी डालने का नहीं है लेकिन यह कदम उठाने से पहले आपको कार खरदीने के फाइनेंसियल आस्पेक्ट्स को नजरंदाज नहीं करना चाहिए. कार तो आज कल आपको बिना डाउन पेमेंट के भी कंपनी बेचने को तैयार है लेकिन कार घर ला कर खड़ी करने और चलाने में आपके ऊपर कितना बोझ बढेगा उसका भी आपको अनुमान होना चाहिए .

जो गलती 7 साल पहले मैंने की मैं वो नहीं चाहता आप करें. वास्तव में मुझे  4.30 लाख की कार लगभग 12.50 लाख की पड़ी होगी .


आज आप के पास  ओला और उबेर जैसे तमाम आप्शन हैं जो कार किराये पर देने के लिए हमेशा खड़े रहते हैं,  जो आप के मोबाइल पर एक क्लिक करने पर आ कर वहां खड़े होजाते हैं जहाँ आप चाहो. 

सोचिये जरा आप ने 60 हजार किलोमीटर चलने के लिए 8 से 12 लाख रुपये 5 सालों में खर्च किये हैं.मतलब प्रति किलोमीटर आपकी रनिंग कास्ट 13.5 रुपये से 20 रुपये के आसपास पड़ी जो की नार्मल टैक्सी के चार्जेज से कहीं ज्यादा है. 

सामान्यतः आप को टैक्सी 8.50 रुपये से 12 रुपये प्रति किलोमीटर के रेट में मिल जायेगी,जिसमे आपको ड्राइव भी नहीं करना है, मेन्टेन भी नहीं करना है.

इसलिए कार खरीदने से पहले थोडा सोच समझ लें. 

कब खरीदें कार ?


1- अगर आप को लगभग 30,000 किलोमीटर/वर्ष  या उस से ज्यादा कार से चलना हो तो.. आप की प्रति किलोमीटर कास्ट 9 रुपये से 12 रुपये तक आ जाती है, इतना चलने के लिए आप कार खरीद सकते हैं.

2- अगर आप की नौकरी या व्यवसाय की डिमांड हो आपको कार से चलना और साथ ही साथ कार की रनिंग कास्ट आप को आपके नौकरी या व्यवसाय से मिल जाती हो.

3- अगर आपको व्यवसायिक प्रयोग करना हो तो 


कब ना खरीदें ?


1- अगर आप को कार का इस्तेमाल कभी- कभी करना हो तो

2- अगर आपको दिखावे के लिए कार खरीदना है तो

3- अगर आपको EMI पर कार खरीदनी हो तो 

साल की EMI Rs. 10624/माह @ 10.0% ब्याज 
कार की कीमत Rs. 5 लाख
साल की Rs. 6122 की SIP @ 12%**
** उदाहरण के लिए 

EMI पर कार लेने की जगह आप बैलेंस्ड फण्ड में 5 साल की Rs 6122 रुपये की SIP करिए और अपने पैसे से कार खरीदिये.

मेरा मानना है की आदमी को अपने कमाये हुए पैसों से कार नही खरीदनी चाहिए, जब आपके कमाए हुए पैसे, आपके लिए पैसा कमाने लगें तो उन पैसों से आप कार खरीदिये. मतलब पहले आप अपने कमाए हुए पैसों को कहीं इन्वेस्ट करिए और उसकी ग्रोथ से मिले पैसों से थोड़े समय बाद कार खरीदिये .

क्यूँ की कार एक डेप्रिसियेटिंग एसेट (समय के साथ कीमत घट जाना ) है इसलिए अपने कैरियर के शुरुवाती सालों में ऐसी सम्पति में पैसे लगा के आप अपने लिए एक बड़े नुकसान का सौदा कर रहे हैं, जो एक तरफ तो आप की सम्पति की वैल्यू घटाएगा और दूसरी तरफ रनिंग एक्स्पेंसेस के रूप में हर महीने एक अच्छी खासी रकम आपसे खर्च कराएगा. 

क्या होगा अगर कार पर होने वाले उन्ही खर्चों को म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करें ??

अब इसके दूसरे पहलू पर नजर डालते हैं अगर कार ( डेप्रिसियेटिंग एसेट) की जगह पर किया गया खर्च हम बैलेंस्ड म्यूच्यूअल फण्ड (एप्रिसियेटिंग एसेट) में 5 साल के लिए उसी हिसाब से पैसा डालते जैसे हमने कार पर खर्च किया है तो उसकी वैल्यू आज क्या होती..आइये ऊपर दिए गए  कार खरीदने के चारो आप्शन में उन्ही पैसों को इन्वेस्ट करके देखें ..

इस कैलकुलेशन को आसानी से समझने के लिए हम कार पर किय गए खर्चों को दो भागों में बाँट देते हैं, पहला जो कार खरीदते समय एक साथ दिया गया. जैसे पहले और दुसरे आप्शन में 5 लाख रुपये एक साथ दिए गए और तीसरे और चौथे आप्शन में १ लाख रुपये. दुसरे भाग में सारे खर्चों को मासिक खर्चों को जोड़ कर निकाल लें (आसानी के लिए विवरण में मासिक और वार्षिक खर्चे लिखे हुए हैं )

आपके द्वारा किये गए खर्च कुछ इस तरह से हो सकते हैं.



अब मान लेते हैं कि म्यूच्यूअल फण्ड के बैलेंस्ड या हाइब्रिड फण्ड में हमने उसी प्रकार से निवेश किया जैसे हमने खर्च किया और इस इन्वेस्टमेंट में हमे 12% का कम्पौडिंग ग्रोथ मिला.

ऊपर दिए गए खर्चों को नीचे दिए गए लिंक को ओपन करके खुद कैलकुलेट करके 5 साल बाद की वैल्यू निकाल सकते हैं.



कार खरीदने पर आप के पास 5 साल बाद 2.5 लाख रुपये की कार बचती है लेकिन उसी पैसे को अगर आप सही से निवेश करें तो आपके पास 5 सालों में 16.60 लाख से 20.75 लाख तक रुपये इकट्ठा हो जाते हैं. अब आप के पैसे ने आप के लिए पैसे बना दिए हैं.... आप निश्चिंत हो कर 5 लाख रुपये लीजिये और अपनी पसंद की कार ले आइये.


टॉप 5 बैलेंस्ड फण्ड की पिछले 5 सालों की परफॉरमेंस - (11 जून, 2016)




सोर्स- एडवाइजरखोज


कार अगर आपकी जरुरत है तो जरुर खरीदें मगर दिखावे, चाहत या शौक के लिए खरीदना फाइनेंसियल टर्म में एक बड़ी गलती हो सकती है.

जरुरत (Need) और चाहत ( Want) के बीच फर्क को समझें. 

नीचे दिए गए लिंक को जरुर ओपन करें

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