Sunday, June 19, 2016

स्वस्थ रहें संपन्न रहें....7 बातें याद रखें

दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी सारा संसार कर रहा है और खास कर अपने देश में लगभग हर छोटे-बड़े जगहों पर इसके कार्यक्रम रखे गए हैं. जिस से लोगों में योग के प्रति जागरूकता बढ़े और लोग स्वस्थ जीवन जीने के लिए योग को एक साधन बनायें.

इस अवसर पर स्वस्थ जीवन और संपन्न जीवन के कुछ मंत्र इस ब्लॉग के माध्यम से मै शेयर कर रहा हूँ

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1- जल्दी शुरू करने से आप स्वस्थ भी रहते हैं और संपन्न भी


अपने दिन की शुरुआत अगर आप जल्दी करते हैं तो आप के पास अधिक समय होता है और आप अपना हर काम आराम से कर सकते हैं, आप के पास व्यायाम और योग करने का समय होगा जिस से आप स्वस्थ रहेंगे और आप की कार्य क्षमता भी  बढती  है.
इसी प्रकार, संपन्न बनने के लिए भी जल्दी शुरुआत करना जरुरी होता है. आप अपने जीवन में जितनी जल्दी बचत और निवेश करना शुरू करते हैं आप को चक्रव्रिधि ब्याज का फायदा उतना ही मिलता है और आप अपने लिए अच्छा पैसा इकट्ठा कर लेते हैं.
यहाँ बचत और निवेश की की राशि से ज्यादा जरुरी समय है. इसलिए अपने नौकरी या व्यवसाय की शुरुआत से ही बचत और निवेश की आदत डालें चाहें वह अत्यन छोटी राशि क्यूँ ना हो.


उदाहरण के लिए अगर आप 60 वर्ष की आयु तक हर महीने  10,000 का निवेश करते हैं तो....

अगर आप 25 वर्षकी आयु से शुरू करते हैं तो आपके पास 7.35 करोड़ रुपये होंगे 
अगर आप 30 वर्षकी आयु से शुरू करते हैं तो आपके पास 3.90 करोड़ रुपये होंगे 
अगर आप 35 वर्ष से शुरू करते हैं तो आपके पास 2.05 करोड़ रुपये होंगे 
अगर आप 45 वर्ष से शुरू करते हैं तो आपके पास 0.53 करोड़ रुपये होंगे 
ग्रोथ रेट 12.5% चक्रव्रिधि


2- संतुलित आहार लीजिये और अपना पोर्टफोलियो भी संतुलित रखिये


हमारे दैनिक आहार में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, कार्बोहाइड्रेट, फैट और अन्य पोषक तत्वों की सही मात्र होनी चहिये. अगर आप ज्यादा फैट ले रहें है तो भी अच्छा नहीं है और ज्यादा प्रोटीन ले रहें हैं तो भी अच्छा नहीं है. आपके आहार में कितनी मात्रा में क्या होना चाहिए  इसका कोई सब पर फिट होने वाला मंत्र भी नहीं है यह आपके शरीर की सरचना, उम्र, वातावरण आदि पर निर्भर करता है. और यही बात आपके निवेश या इन्वेस्टमेंट पर भी लागू होती है.

आपके पोर्टफोलियो में सभी तरह की संपतियां संतुलित अनुपात में होनी चाहिए, अगर आप केवल इक्विटी में निवेश कर रहें हैं तो वो भी सही नहीं है आप केवल सोना या जमीन और मकान में कर रहे हैं तो वो भी सही नहीं है और आप नुकसान के डर से केवल फिक्स्ड इनकम एसेट्स में निवेश कर रहे हैं तो वो भी सही नहीं है.

इक्विटी जहाँ पर आप को लम्बे समय में सबसे अच्छे रिटर्न दे सकता है वहीँ वो छोटी अवधि में रिस्की भी हो सकता है, यही बात जमीन और मकान में निवेश पर भी लागू होती है.  फिक्स्ड डिपाजिट या फिक्स्ड इनकम एसेट्स और सोने में निवेश करने वाले के लिए महंगाई दर से कम रिटर्न बनने की पूरी सम्भवना रहती है.

और भोजन की तरह आपके पोर्टफोलियो में किस जगह पर कितना निवेश करना है यह आपकी इनकम, उम्र, सम्पति, दायित्व और आपकी रिस्क लेनी की क्षमता पर निर्भर करता है.

इसलिए संतुलित भोजन और  संतुलित पोर्टफोलियो आपके स्वस्थ और संपन्न जीवन के लिए जरुरी है.

100 में से अपनी आयु घटाइए और जितना आता है उसके बराबर प्रतिशत में आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी होनी चाहिए . अगर आपकी आयु 30 है तो 100-30=70. 70% इक्विटी आपके पोर्टफोलियो में होनी चाहिए. 


3- अनुशासित जीवन शैली और नियमितता आपको स्वस्थ और समृध बनाती है 


अगर नियमित रूप से आप समय पर सोयें, समय पर भोजन करें और समय पर व्यायाम और योग करें तो आप स्वस्थ रहेंगे और बीमारियाँ आप से दूर रहेंगी. इसलिए अनुशासन और नियमितता आप के स्वस्थ होने के लिए अत्यंत आवश्यक है.

पैसा बनाने के मामले में भी यही बात लागू होती है. अक्सर लोग समझते हैं बचत केवल आमदनी या कमाई के ऊपर निर्भर करता है लेकिन सच्चाई यह है की यह आप के अनुशासित जीवन शैली पर ज्यादा निर्भर करता है. आपकी की कमाई कितनी भी हो अगर आप ने बचत और निवेश करने को प्राथमिकता नहीं दी तो आज के समय पैसे खर्च करने के बहुत साधन हैं.
आपको ऐसे लोग भी मिलेंगे जो लाखों रुपये कमा रहे होंगे लेकिन बचत कुछ नहीं कर पा रहे होंगे और ऐसे भी होंगे जो कुछ हजार रुपये कमा कर भी बचत कर रहे होंगे. 
इसलिए अगर आप के जीवन शैली अनुशासित है तो आप स्वस्थ भी रहेंगे और समय के साथ संपन्न भी हो जाएंगे.

उदाहरण के लिए , अगर आप की उम्र 30 वर्ष की है और आप  नियमित रूप से प्रति माह अपनी कमाई का 20% बचत करें और उसे ऐसी जगह निवेश करें जहाँ से अगले 30 वर्षों में 13% की ग्रोथ आये तो 60 वर्ष की उम्र तक आप के पास उतना ही धन होगा जितना आप ने अपने पूरे जीवन काल में कमाया होगा.  

उम्र
30 वर्ष
आज की वार्षिक कमाई
5 लाख
कमाई में औसतन सालाना वृद्धि
10%
आपकी कमाई का सालाना बचत %
20%
बचत पर सालाना रिटर्न/इन्ट्रेस्ट  %
13%

उम्र
सालाना कमाई
कुल कमाई
सालाना बचत
इन्वेस्टमेंट की वैल्यू
35
7
31
1.46
9
45
19
159
3.80
78
55
49
492
9.85
392
60
79
822
15.86
816
ऊपर दिए हुए उदाहरण में, एक व्यकी की उम्र 30 वर्ष है उसकी सालाना आमदनी 5 लाख रुपये हैं, 60 वर्ष में वो रिटायर होगा और तब तक उसकी सालाना कमाई में हर साल 10% की ग्रोथ होगी. उस व्यक्ति ने एक निर्णय लिया की वह हर साल अपनी कमाई का 20% बचत करेगा और ऐसी जगहों पर निवेश करेगा जिस से उसको औसत 13% का रिटर्न आ जाये .
35 साल की उम्र में उसकी कमाई 5 लाख से बढ़ कर 7 लाख हो जाएगी और उसकी बचत भी बढ़ कर 1.46 लाख रुपये हो जायेगी. 55 साल तक वह 49 लाख रुपये साल का कमा रहा होगा और इस उम्र तक उसने 4.92 करोड़ रुपये कमाए होंगे और इस समय तक उसकी द्वारा की गई बचत भी 3.92 करोड़ होगी.

रिटायरमेंट तक वह 8.22 करोड़ रुपये कमाया होगा और उस समय उसकी बचत की कीमत भी बढ़ कर 8.16 करोड़ रुपये हो जाएगी. 

मतलब जितना जीवन भर कमाया उतना पैसा रिटायरमेंट पर बचत और निवेश से इकट्ठा हो जायेगा.
और यह केवल अनुशासित रूप से बचत और नियमित रूप से निवेश करने से हो सकेगा.


4- पानी या लिक्विड का सही अनुपात स्वस्थ शरीर के लिए भी आवश्यक है और सम्पति के लिए भी

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पानी  के बिना जीवन संभव नहीं है और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक निश्चित मात्रा में जल लेना चाहिए, कुछ लोग इसे लीटर में बताते हैं कुछ लोग कहते हैं की शरीर को ही तय करने दीजिये की उसे कितना पानी चाहिए. मात्रा कुछ भी हो लेकिन शरीर को जीवत रखने के लिए लिक्विड या पानी की आवश्यकता होती है.

इसी प्रकार सम्पतियों के बारे में भी कहा जाता है "सम्पति या असेट्स में  लिक्विडिटी बहुत आवश्यक होती है" आपको ऐसे तमाम लोग मिल जायेंगे जिन के पास जमीन या घर के रूप में ढेरों सम्पतिया होंगी लेकिन कैश या लिक्विड एसेट नहीं होंगे जिस से उन्हें अपनी रोज की जरूरतें पूरी करने में कठिनाई होती है, इमरजेंसी में लोगों के सामने हाथ फ़ैलाने पड़ते हैं  और मज़बूरी में औने पौने दाम पर अपनी संपतियां बेचनी पड़ती है. इसलिए 

जरुरी है की आप के पास निश्चित मात्रा में लिक्विड या कैश हमेशा हो और आपके  पोर्टफोलियो में लिक्विड एसेट्स की मात्रा कभी भी 50% से कम ना हो.

इमरजेंसी के लिए आपके पास आपकी 4-6 माह की कमाई के बराबर का कैश या लिक्विड फण्ड में निवेश होना चाहिए .


5- तनाव कम लें और धैर्य रखें 

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आज कल अधिकांश लोग तनावग्रस्त रहते हैं, यह बात  केवल युवाओं या नौकरी पेशा लोगों के लिए ही नहीं बल्कि सबके ऊपर लागू है वो चाहे पढने वाले बच्चे हों, नौकरी या कैरियर के लिये प्रयास में लगे युवा हों, नौकरी या बिजनेस करने वाले लोग हो ,हाउस वाइफ हों या रिटायरड लोग हों. हर आदमी तनावग्रस्त रहता है, जिसके परिणाम स्वरुप वो हमेशा थका, उदास और चिडचिडा रहता है. तनाव कम करने के लिए योग का सहारा लें. 
"तनाव कम लें और धैर्य से काम लें सब अच्छा होगा" अगर कुछ गलत हो गया है या आप परेशानी में हैं या आप को अपेक्षा अनुरूप परिणाम नहीं मिल रहें हैं तो धैर्य के साथ उस परेशानी को हल करने या सफल होने के लिए प्रयासरत रहें, आप जरुर सफल होंगे.

निवेश के साथ भी यह बात सही साबित होती है अगर आप को अच्छे पैसे बनाने हैं तो आप को रिस्क भी लेना पड़ेगा और रिस्क आप तभी ले पाएंगे जब आप के अन्दर धैर्य होगा क्यूंकि अच्छे रिटर्न देने वाले एसेट्स जैसे इक्विटी या रियल एस्टेट में लम्बे समय में ही अच्छे रिटर्न बनते हैं, कम समय में इनके दामों में थोड़ी अनिश्चितता होती है इसलिए धैर्य के साथ लम्बे समय में पैसे बनाने के लिए ही इसमें निवेश करें.

BSE SENSEX की शुरुआत 1980 में 100 के आधार मूल्य पर हुई थी जो 2015 में 30,000 से ऊपर पहुच गई थी. 35 वर्षों में इसकी वैल्यू 300 गुना बढ़ी है लेकिन इस बीच में कई उतार चढाव भी आयें हैं जो इन उतार चढाव से डरा नहीं धैर्य से लगा रहा उसने पैसे बनाये लेकिन जो डर के आया ही नहीं या इक्विटी मार्केट में पैसे भी लगाया लेकिन धैर्य नहीं रखा वो पैसे नहीं बना पाया.

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश, डायरेक्ट इक्विटी मार्केट में निवेश से  कम रिस्की होता है और यहाँ से ज्यादा रिटर्न बन सकते है.


6-अच्छे डॉक्टर आपको स्वस्थ बनाते हैं और अच्छे फाइनेंसियल एडवाइजर आपको समृद्ध बनाते हैं


आज कल इन्टरनेट का जमाना है, कुछ ही सेकंड में आप किसी भी तरह की जानकारी आप इन्टरनेट के माध्यम से ले सकते हैं चाहें वह आपकी सेहत या बीमारी से जुड़ा हो या निवेश करने की विभिन्न योजनाओं के बारे में हो. लेकिन,क्या इसका मतलब है की अब डॉक्टर की जरुरत नहीं है आपको.....ऐसा नहीं है ना.. यह बात हर कोई जानता है की कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए .

उसी प्रकार से आप को निवेश भी अपने मन से या इन्टरनेट पर पढ़ कर नहीं करना चाहिए, एक अच्छे फाइनेंसियल एडवाइजर की मदद से आप कहीं ज्यादा अच्छे रिटर्न कम रिस्क ले कर बना सकते हैं और आप निवेश में अपने आप से करने के प्रयास से होने वाली गलतियों से बच सकते हैं. 

स्वस्थ रहने के लिए हमेशा क्वालिफाइड डॉक्टर से सलाह लें....क्यूंकि कहावत है नीम हकीम खतरा ए जान मतलब झोला छाप डॉक्टर से इलाज ना करवाएं उसी प्रकार से निवेश करने के लिए क्वालिफाइड एडवाइजर की सलाह लें. क्यूंकि दवा असर कर रही है या नहीं वो तो आपको 2-4 दिन में पता चल जाता है लेकिन बुरे फाइनेंसियल एडवाइज का बुरा परिणाम आपको बहुत बाद में मतलब 10-15 साल बाद पता चलता है.

लाइफ इंश्योरेंस और बैकों के द्वारा बेचे गये बुरे फाइनेंसियल प्रोडक्ट  खरीदने के परिणाम आपको बहुत देर में पता चलते हैं और तब आपके पास पछताने के अलावा कोई रास्ता नहीं होता.


7- सेहत और सम्पति , दोनों की जांच समय-समय पर आवश्यक है


30 साल से अधिक उम्र के लोगों को रेगुलर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए ऐसा करने से समय के साथ होने वालो कुछ स्वास्थ सम्बन्धी समस्यों को सही समय पर रोका जा सकता है.

यही नियम आपके इन्वेस्टमेंट प्लान पर भी लागू होता है आपको समय-समय पर अपने फाइनेंसियल एडवाइजर के साथ बैठ कर अपने इन्वेस्टमेंट प्लान की समीक्षा करनी चाहिए और समय के हिसाब से अपने पोर्टफोलियो में रिबलेंसिंग करते रहना चाहिए.

याद रखिये जब आप स्वस्थ हों और आप के पास पर्याप्त धन हो तभी आप जीवन का आनंद ले सकते हैं और ये दोनों चीजें आप के अपने हाथों में है.

आपको स्वस्थ और संपन्न जीवन की शुभकामनाएं !!!

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