Friday, February 22, 2019

यह ऐप भूलकर भी न करें डाउनलोड, खाली हो सकता है बैंक अकाउंट : RBI

RBI Alert: अगर आपको सोशल मीडिया या किसी और माध्‍यम से एक मोबाइल ऐप AnyDesk (एनीडेस्‍क) डाउनलोड करने का सुझाव दिया जाता है तो आप ऐसा कतई न करें. इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद आपका बैंक अकाउंट पल भर में खाली हो सकता है.


अगर आपको सोशल मीडिया या किसी और माध्‍यम से एक मोबाइल ऐप AnyDesk (एनीडेस्‍क) डाउनलोड करने का सुझाव दिया जाता है तो आप ऐसा कतई न करें. इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद आपका बैंक अकाउंट पल भर में खाली हो सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस संदर्भ में बाकायदा एक चेतावनी जारी की है. AnyDesk एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो आपके मोबाइल या लैपटॉप के जरिए बैंक अकाउंट से लेनदेन कर सकता है.


RBI ने जारी की ये चेतावनी

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस ऐप को डाउनलोड करने को लेकर एक चेतवानी जारी की है. RBI का कहना है कि इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद यूजर की डिवाइस पर हैकर का कंट्रोल हो जाता है और  साइबर अपराधी इसके जरिए विश्‍व के किसी भी हिस्‍से से डिवाइस को रिमोटली एक्‍सेस करते हुए बैंक खाता साफ कर सकते हैं. UPI (यूनिफायड पेमेंट्स सिस्‍टम) के जरिए बढ़ती धोखाधड़ी को देखते आरबीआई ने इस दिशा में लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाया है और चेतावनी जारी की है.


ऐसे चूना लगाता है AnyDesk

एक बार डाउनलोड करने के बाद AnyDesk यूजर के डिवाइस पर 9 अंकों का ऐप कोड जेनरेट करता है और साइबर अपराधी कॉल कर यूजर से वह कोड बैंक के नाम पर मांगते हैं. एक बार यह कोड मिलने के बाद हैकर यूजर की डिवाइस में सेंध लगाता है और बिना उसके जाने उसके डिवाइस की सारी जानकारी डाउनलोड कर सकता है और लेनदेन कर सकता है.

मोबाइल ट्रांजेक्शन 


पिछले एक-दो वर्षों में मोबाइल के माध्यम से UPI आधारित बैंकिग में काफी तेजी देखी गई है. NPCI के अनुसार जहाँ वर्ष 2017 में UPI के माध्यम से होने वाले लेन देन 56670 करोड़ रूपये थे वही बढ़ कर 2018 में 5.79 लाख करोड़ हो गए. जहाँ 2017 में सिर्फ 67 बैंक UPI प्लेटफार्म पर थे वहीं इनकी संख्या भी बढ़ कर दिसम्बर 2018 में 129 हो गई.

पिछले दो वर्षों में सस्ते स्मार्ट फ़ोन, सस्ते 4G डेटा, डिजिटल बैंकिंग के प्रचार प्रसार और मोबाइल बैंकिंग की आसान और 24 घंटे उपलब्ध सेवाओं के कारण मोबाइल के माध्यम से लोग ज्यादा ट्रांजेक्शन करने लगे हैं. 

वैसे AnyDesk (एनीडेस्‍क) कोई वायरस या रैनसमवेयर नहीं है बल्कि यह एक ऐसा टूल है जिसके माध्यम से आप कहीं पर भी बैठे किसी का भी कंप्यूटर या मोबाइल चला या देख सकते हैं. इस टूल का सामन्यतया ऐसे लोग उपयोग करते हैं जिन्हें कहीं दूर से बैठ करके दुसरे व्यक्ति के मोबाइल या कंप्यूटर पर कुछ काम करना हो, जैसे कोई सॉफ्टवेयर वेंडर आपके कंप्यूटर को रिमोट कण्ट्रोल लेकर उस पर अपने सॉफ्टवेर इंस्टाल करता है या सर्विस करता है. लेकिन इस सॉफ्टवेयर का उपयोग साइबर क्रिमिनल ठगी करने में करने लगे हैं.

साइबर अपराधी ऐसे लोगों को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं जो साइबर अपराध से जुड़े खतरों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते और मोबाइल पर बिना वेरीफाई किये कोई भी ऐप डाउनलोड कर लेते हैं. कई बार व्हाट्स ऐप, फेसबुक या मेसेज के माध्यम से ऐसे लिंक या रैनसमवेयर साइबर अपराधी लोगों तक पहुंचाते हैं. इसलिए मोबाइल बैंकिंग का उपयोग जरुर करिए लेकिन अपने मोबाइल को सुरक्षित कैसे रखना है उसकी भी जानकारी जरुर रखिये. 

मोबाइल से बैंकिंग करना बहुत आसान है और सुरक्षित भी है लेकिन अगर आप घर की चाभी चोर को देकर सो जायेंगे तो घर में रखे धन भी सुरक्षित नहीं रखेंगे.
 
 इसलिए जानकारी रखिये, सावधान रहिये और सुरक्षित रहिये.


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Tuesday, February 19, 2019

क्या आपके लिए भी जरुरी है लाइफ इंश्योरेंस ?



मान लीजिये 25-30 वर्ष की तपस्या के बाद आपको भगवान ने वरदान में एक असली रुपये छापने वाली मशीन दी है जिस से आप अपनी आवश्यकता भर के  रूपए प्रिंट कर सकते हैं. किन्तु उस मशीन को देते समय भगवान ने एक समस्या भी बताई है... वो यह की यह मशीन कभी भी खराब हो सकती है आज भी, कल भी, १ महीने या १ साल बाद भी या 30-40 साल बाद भी और एक बार ख़राब होने पर यह मशीन कभी ठीक नहीं हो सकती और जिस पल ये ख़राब हुई आप इस से पैसे प्रिंट नहीं कर पाएंगे. मशीन तो वाकई में बहुत कमाल की थी जब आपने इसे उपयोग करना शुरू किया लेकिन इसके ख़राब होने की चिंता भी मन हमेशा रहती है.


एक दिन एक एक व्यक्ति या संस्था आपको यह प्रस्ताव देती है कि इस मशीन के ख़राब होने पर वह उतना अमाउंट आपको प्रति माह देगी जितनी की इस मशीन के प्रति माह रुपये प्रिंट करने की क्षमता है और इस के बदले आपको एक छोटी सी रकम हर साल उनको देनें होंगे तो क्या आप इस प्रस्ताव पर विचार करेंगे ? 

उदाहरण के तौर पर मशीन हर साल 20 लाख रूपये प्रिंट कर सकती है और इसके ख़राब होने की स्थिति में संस्था आपको हर साल 20 लाख रुपये देगी लेकिन इसके बदले वो हर साल आपसे सिर्फ 20,000 रुपये लेगी तो क्या आप इस समझौते या योजना पर अपनी सहमती देंगे ?

अगर आप का जवाब हाँ है तो....इसका मतलब है आप इंश्योरेंस की जरुरत अच्छी तरह से समझते हैं  

लेकिन क्या आपने अपने लिए पर्याप्त इंश्योरेंस कवर लिया है ???

 इस कहानी में रुपये प्रिंट करने वाली मशीन की जगह अपने आप को रखिये ..आप भी प्रतिमाह मासिक आय या आमदनी के रूप में असली नोट कमा रहे हैं, आप भी अपने परिवार, अपने बच्चों, अपने माँ बाप और अपनी पति या पत्नी के लिए आर्थिक सुरक्षा हैं. इन बातों पर आप जरुर सहमत होंगे.

लेकिन वास्तविकता यह है कि हमारे देश में पर्सनल फाइनेंस के बारे में लोगों में जागरूकता कम है इसलिए Life Insurance लोग टैक्स बचाने के लिए ही लेते हैं इसके क्या फायदे नुकसान है कितनी किसको जरूरत है इस बारे में लोग ना चिंता करते हैं, ना 
समझने की कोशिश करते हैं. जबकि लाइफ इन्श्योरेंस (जीवन बीमा) एक परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है. 

क्यूंकि लाइफ इन्श्योरेंस लोग टैक्स बचाने के लिए लेते हैं इसलिए ऐसे लोग  जिनको टैक्स नहीं देना पड़ता वो अक्सर अपना इन्श्योरेंस नहीं कराते अपने परिवार को भविष्य की अनिश्चितता से सुरछित नहीं रखते . अगर हम इन्ही लोगों से उनकी कार या स्कूटर  के इंश्योरेंस की बारे में पूछें तो ये पता चलेगा की बिना एक दिन गवाएं वो अपनी कार या स्कूटर का इंश्योरेंस कराते हैं. ऐसा शायद इसलिए नहीं है की कार या स्कूटर उनको अपनी  लाइफ से ज्यादा महत्वपूर्ण लगती  है बल्कि इसलिए की सरकार ने  मोटर इंश्योरेंस जरुरी कर रखा है, इसके बिना गाड़ी चलाने पर गाड़ी का चालान हो जायेगा और उसी पेनाल्टी के डर से लोग गाड़ियों का इन्श्योरेंस जरुर कराते हैं. 

अब अगर हम अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सरकार या किसी तीसरे आदमी के इन्तजार में बैठे हैं तो  आपका यह निर्णय  आपके परिवार को गंभीर आर्थिक समस्या में डाल सकता  है.

शायद ऐसा अपने समाज में इसलिए भी है की लोग इतने जागरूक नहीं हैं या लोगों को जागरूक किया नहीं गया है. जिन्होंने इंश्योरेंस ले भी रखा है उनमे से अधिकतम लोग  Sec 80C के अन्तरगत टैक्स छूट लेने मात्र के लिए ही लिया इसलिए उन लोगों ने भी इंश्योरेंस की Need Analysis नहीं  करवाई और साल में वो 50 हजार या 1 लाख का इंश्योरेंस प्रीमियम भरने के बावजूद भी उनको लाइफ कवर सिर्फ 5 लाख या 10 लाख का ही होता है.



क्यूँ लाइफ इंश्योरेंस जरुरी होता है ?

क्या आप को मालूम है आपका जीवन आपके परिवार के लिए कितना अमूल्य और आवश्यक है, आप अपनी बीवी, बच्चे, माँ, बाप के लिए क्या मूल्य रखते हैं ? नहीं.... शायद इसका वैल्यूएशन कोई कैलकुलेटर, कोई व्यक्ति नहीं कर सकता.. क्यूंकि आपका जीवन अनमोल है.

लेकिन एक पल के लिए सोचिये अगर आप अपने घर के कमाने वाले सदस्य (पुरुष या स्त्री) हैं और आप को कुछ हो जाये तो कौन देख भाल करेगा आप के बाद आप के परिवार की, वो जिम्मेदारियां जो आप की थीं वो कौन उठाएगा ? कोई नहीं .... ना आप के रिश्तेदार ना कोई मित्र, उस समय केवल काम आयेंगी.. आप की सेविंग्स, आपकी सम्पतियाँ और आप के पास अभी पर्याप्त सेविंग या संपत्ति नहीं है तो ??

एक मिनट के लिए आखें मूंद कर अगर सोचेंगे तो आपको अपने अगल बगल अनेकों उदाहरण मिल जायेंगे जहाँ पर परिवार के मुखिया या कमाने वाले व्यक्ति के साथ असमय हादसा होने से उस परिवार को कितनी आर्थिक मुश्किलें झेलनी पड़ी .

लाइफ इन्श्योरेंस हमारे परिवार के लिए छाते की तरह है जैसे छाता हमें अधिक धूप या बारिश से बचाता है वैसे ही लाइफ इन्श्योरेंस हमारे परिवार को  भविष्य की अनिश्चितता से सुरक्षा प्रदान करता है.

इसी लिए पर्सनल  फाइनेंस में सबसे पहली और मह्त्वपूर्ण चीज मानी जाती है वेल्थ प्रोटेक्शन और लाइफ इंश्योरेंस उसी का एक हिस्सा होता है. जैसे घर बनाते हुए नीव की जरुरत होती है वैसे ही हमारे पर्सनल फाइनेंस में लाइफ इंश्योरेंस की जरुरत होती है और ये हर कमाने वाले सदस्य के लिए जरुरी है, चाहें उसने अभी नौकरी अभी लगी हो या कमाई अभी स्टार्ट हुई हो या रिटायरमेंट होने में अभी कुछ समय हो.


इसलिए यदि आप अपने परिवार की केयर करते हैं तो आप को लाइफ इंश्योरेंस के बारे में जरुर सोचना चाहिए और इसको अगले महीने या साल के लिए टालना नहीं चाहिए.


कितना होना चाहिए इंश्योरेंस कवर ?

जैसा की मैंने पहले ही बताया की लोग टैक्स बचाने के लिए इंश्योरेंस करा लेते हैं लेकिन Need Analysis नहीं करवाने के कारण वो अंडर इन्स्योर्ड रहते हैं और यह चीज और भी खतरनाक हो सकती है कि एक तरफ आपने बहुत ज्यादा प्रीमियम चुकाया दूसरी तरफ जरुरत के समय आप के परिवार को जो मिला वो दाल रोटी चलाने के लिए भी काफी नहीं हुआ. इसलिए जरुरी है ये जानना की आपको कितने का इंश्योरेंस लेना चाहिए. 

साधारणतया आप को अपनी इनकम का 10-12 गुना इंश्योरेंस कवर लेना चाहिए. लेकिन अगर आप के ऊपर होम लोन, कार लोन भी चल रहा हो तो उस अमाउंट को भी जोड़ना चाहिए इंश्योरेंस लेते हुए. उदाहरण के तौर पर..अगर किसी की साल की कमी 10 लाख रुपये हैं और उसने होम लोन 30 लाख का और कार के लिए 5 लाख का लोन लिया है तो उसे कम से कम 1.35 करोड़ का इंश्योरेंस लेना चाहिए.

इतना इंश्योरेंस क्यूँ जरुरी है- ऊपर दिए हुए उदाहरण से ही समझते हैं अगर उस व्यक्ति ने 1.35 करोड़ का इंश्योरेंस लिया है तो क्लेम से मिलने वाले 1.35 करोड़ रुपये में से 35 लाख रुपये से लोन चुकाया जा सकेगा और बाकी बचे 1 करोड़ रुपये को अगर 8% ब्याज देने वाले फिक्स्ड इनकम एसेट में लगा दिया जाये तो उस से परिवार का मिलने वाले सालाना ब्याज  8 लाख रुपये से घर का खर्च चलाया जा सकेगा.

बढती हुई उम्र और इनकम  के साथ आप का  इंश्योरेंस कितना होना चाहिए - इनकम  रिप्लेसमेंट के अनुसार एक व्यक्ति को अपनी सालाना कमाई के अनुसार अलग-अलग उम्र के पड़ाव पर कम से कम कितने का इंश्योरेंस कवर रखना चाहिए, यह नीचे दिए गए टेबल में दिया गया है.

Age
Multiple of Annual Income as Life Insurance Need
20-30
15 times
31-40
14 times
41-45
12 times
46-50
10 times
51-55
8 times
56 above
6 times

लेकिन कितने इंश्योरेंस कवर की वाकई में आपके परिवार को आवश्यकता है वह इंश्योरेंस एडवाइजर से सलाह से ही निर्धारित हो सकता है.

ध्यान रखें कुछ बातें

इस बात का जरुर ध्यान रखें की इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट दो अलग - अलग  चीजें है इसलिए दोनों को मिला कर बनाये गए इंश्योरेंस प्लान (मनी बैक, पेंशन, चिल्ड्रेन प्लान, ULIP etc)  कभी ना खरीदें. Insurance के लिए सिर्फ टर्म प्लान लें. इंश्योरेंस पालिसी लेने से पहले उसके बारे में जानकारी जरुर हासिल करें, आपको अगर पूर्व कोई बीमारी रही हो या पालिसी लेते समय हो तो उसके बारे में जरुर बताएं, कोई भी स्वास्थ से सम्बंधित जानकारी ना छिपायें.

टर्म प्लान सस्ते होते हैं, वो केवल रिस्क कवर के लिए जाते हैं, इनमें कोई मेच्योरिटी बेनिफिट नहीं होती, जितनी जल्दी लेंगे उतने कम रेट से आपको प्रीमियम भविष्य में चुकाना होगा.

कितना सस्ता है 1 करोड़ रुपये का टर्म इंश्योरेंस

एक 25 वर्ष की उम्र वाले व्यक्ति को 1 करोड़ का टर्म इंश्योरेंस मात्र 7500-8000 रूपये में आसानी से मिल जाएगी और उसको अगले 35-40 वर्ष तक प्रति वर्ष सिर्फ यही राशि देनी होगी और इसके बदले उसके परिवार को 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सुरक्षा पालिसी चलने तक रहेगी.

याद रखें इंश्योरेंस तभी लिया जाता है जब उसकी जरुरत नहीं हो, क्यूंकि जरुरत होने पर इंश्योरेंस पालिसी आप को नहीं मिलती, इसके लिए स्वास्थ्य होना जरुरी होता  है. 

आप डॉक्टर हैं, इंजीनियर हैं, नेता या अभिनेता हैं, सरकारी या प्राइवेट नौकरी में हैं, किसी पेशे या रोजगार से जुड़े हैं, जीवन बीमा आप के परिवार के लिए अति आवश्यक है.


इंश्योरेंस टैक्स बचाने के लिए नहीं अपने परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखने के लिए लें.

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Thursday, February 7, 2019

2019-20 में 10 लाख तक की आय वाले कैसे होंगे टैक्स फ्री



हर बार की तरह इस बार भी देश का हर वर्ग उम्मीद लगाये बैठा था कि सरकार इस बजट के माध्यम से उन्हें क्या राहत देती है, वैसे तो एक्सपर्ट बोल रहे थे कि अंतरिम बजट होने के कारण सरकार कोई बड़ा फेर बदल नहीं कर सकती लेकिन साथ-साथ बातें यह भी हो रही थी कि आम चुनाव के ठीक पहले सरकार हर वर्ग को खुश करने के लिए कुछ घोषणाएं जरुर करेगी.

इसलिए वित्त मंत्री और उनकी टीम पर यह बड़ी जिम्मेदारी थी कि बिना कोई डायरेक्ट टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव किये कैसे मध्यम वर्ग के लोगों को राहत दी जाये. वित्त मंत्री ने बजट भाषण देते हुए यह बोला कि वैसे तो टैक्स प्रपोजल आम बजट में प्रस्तुत किये जायेंगे लेकिन छोटे टैक्सपेयर मुख्यतः मिडिल क्लास, वेतन भोगी, पेंशनर और सीनियर सिटीजन के दिमाग में साल के शुरू होने पर ही टैक्स को लेकर क्लैरिटी हो तो अच्छा होगा, इसलिए सरकार बिना टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बदलाव किये हुए 5 लाख तक की इनकम वाले टैक्स पेयर्स को टैक्स रिबेट देती है मतलब उनको इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा, जिसके फलस्वरूप जिनकी ग्रॉस इनकम 6.5 लाख रुपये सालाना है वो भी टैक्स मुक्त होंगे यदि वो Sec 80C का पूरा फायदा उठाते हैं.

एक अनुमान के अनुसार लगभग 70% ITR  फाइल करने वाले लोग इसी दायरे में आते हैं . इस प्रकार से देश के 70% आयकर दाता अगले वर्ष आयकर से मुक्त रहेंगे.

वैसे तो वित्त मंत्री ने यह साफ़ साफ बोला था कि वो टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बदलाव बिना किये यह रिबेट 5 लाख तक की इनकम वाले लोगों के लिए कर रहे हैं फिर भी लोगों को यह ग़लत फ़हमी हो गई की टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन हुआ है और अब इनकम टैक्स स्लैब 5 लाख के ऊपर से शुरू होंगे..छोटे से बड़े टैक्स पेयर सभी अपने अपने हिसाब लगा कर अगले वर्ष टैक्स में होने वाली बचत का अनुमान लगाने लगे, कुछ समय बाद जब यह पता चला कि यह रिबेट सिर्फ 5 लाख की  इनकम वालों के लिए है तो वो लोग जिनकी सालाना आय 5 लाख से ज्यादा थी वो थोड़े निराश हो गये.

लेकिन क्या सभी को निराश होने की आवश्यकता है.... ऐसा नहीं है, क्यूंकि लगभग ITR फाइल करने वाले 70% लोग 5 लाख रुपये से कम के ITR फाइल करते हैं इसलिए सरकार ने लगभग 70% लोगों को तो आयकर दायरे से एक झटके में मुक्त कर दिया और अगर सही से टैक्स प्लानिंग करे तो 8-10 लाख रुपये सालाना कमाई वाले लोग भी बिना टैक्स दिये छूट सकते हैं.

यहाँ पर एक बात स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि अगर आप वेतन भोगी हैं और आपकी कमाई 5 लाख रूपये सालाना है तो ऐसा नहीं होगा कि आपका टीडीएस नहीं कटेगा, आपका एम्प्लायर टैक्स काट कर आपको वेतन देगा लेकिन आप जब ITR फाइल करेंगे तब आपका टैक्स रिफंड हो जायेगा. सरकार ने आपकी इनकम को टैक्स फ्री किया है लेकिन पहले टीडीएस कटेगा और रिटर्न फाइल करने पर रिबेट मिलेगा और टीडीएस आपका रिफंड हो जायेगा.

आइये अब समझते हैं कि जिनकी सालाना इनकम 5 लाख से अधिक है और 10 लाख से कम है तो वो कैसे टैक्स प्लानिंग कर के टैक्स बचा सकते हैं.



  • स्टैण्डर्ड डिडक्शन सिर्फ वेतन भोगी या पेंशनर के लिए होती है इसलिए इसका लाभ व्यवसायी एवं पेशा वर्ग को नहीं मिलता. 50000 रुपये का स्टैण्डर्ड डिडक्शन
  • धारा 80C के अंतर्गत टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट या होम लोन के प्रिंसिपल पेआउट पर 1.5 लाख रुपये सालाना का डिडक्शन मिलता है
  • इसके अलावा NPS में  50 हजार तक के निवेश पर भी धारा 80CCD के अंतर्गत डिडक्शन है
  • धारा 80D के अंतर्गत 25000 रुपये तक का अपने परिवार (पति, पत्नी एवं बच्चों) के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम एवं माता पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अतिरिक्त 25000 रुपये तक का डिडक्शन है यदि पेरेंट्स की आयु 60 वर्ष से अधिक है तो डिडक्शन बढ़ कर 30000 रुपये की हो जाती है.   
  • धारा 24B के अंतर्गत 2 लाख रुपये तक के होम लोन के ब्याज पर भी डिडक्शन है
  • 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम वालों को 12500 रुपये का टैक्स रिबेट 
ऊपर दिए गए टेबल को बड़ी आसानी से आप समझ सकते हैं, आसानी के लिए 8.5 लाख वाले ग्रॉस इनकम को देखते हैं. 8.5 लाख की ग्रॉस इनकम में से 50000 रुपये का स्टैण्डर्ड डिडक्शन घटाने पर बचते हैं 8 लाख रूपए, यदि 1.50 रुपये 80C का पूरा लाभ लेकर, 50 हजार का निवेश NPS में, 25000 का हेल्थ इंश्योरेंस लेकर एवं 75000 रुपये का होम लोन पर ब्याज को मिला दें तो टोटल डिडक्शन होता है 3 लाख का, जिसे ग्रॉस इनकम से घटाने पर आते हैं 5 लाख रुपये.

5 लाख रूपये पर टैक्स आयेगा 12500 रुपये जो नियोक्ता TDS काटेगा, लेकिन ITR फाइल करने पर वो टैक्स धारा 87A के अंतर्गत रिबेट मिलेगा और 12500 का रिफंड बैंक अकाउंट में वापस आ जायेगा.

इस प्रकार से 10 लाख तक की कमाई वाले लोग आसानी से टैक्स दायरे से बच सकते हैं.

वैसे ज्यादा अच्छा होगा की हम सभी मुख्य बजट का इंतजार करें और क्यूंकि वित्त मंत्री ने अपने इंटरव्यू में ये इशारा किया है कि मुख्य बजट मे टैक्स स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव संभव है. 




इस लेख में हुई त्रुटी या उस से हुए किसी भी गलत गणना के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं है, अपने टैक्स से सम्बंधित उचित परामर्श के लिए अपने CA या टैक्स कंसलटेंट से बात करें.