Friday, February 22, 2019

यह ऐप भूलकर भी न करें डाउनलोड, खाली हो सकता है बैंक अकाउंट : RBI

RBI Alert: अगर आपको सोशल मीडिया या किसी और माध्‍यम से एक मोबाइल ऐप AnyDesk (एनीडेस्‍क) डाउनलोड करने का सुझाव दिया जाता है तो आप ऐसा कतई न करें. इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद आपका बैंक अकाउंट पल भर में खाली हो सकता है.


अगर आपको सोशल मीडिया या किसी और माध्‍यम से एक मोबाइल ऐप AnyDesk (एनीडेस्‍क) डाउनलोड करने का सुझाव दिया जाता है तो आप ऐसा कतई न करें. इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद आपका बैंक अकाउंट पल भर में खाली हो सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस संदर्भ में बाकायदा एक चेतावनी जारी की है. AnyDesk एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो आपके मोबाइल या लैपटॉप के जरिए बैंक अकाउंट से लेनदेन कर सकता है.


RBI ने जारी की ये चेतावनी

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस ऐप को डाउनलोड करने को लेकर एक चेतवानी जारी की है. RBI का कहना है कि इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद यूजर की डिवाइस पर हैकर का कंट्रोल हो जाता है और  साइबर अपराधी इसके जरिए विश्‍व के किसी भी हिस्‍से से डिवाइस को रिमोटली एक्‍सेस करते हुए बैंक खाता साफ कर सकते हैं. UPI (यूनिफायड पेमेंट्स सिस्‍टम) के जरिए बढ़ती धोखाधड़ी को देखते आरबीआई ने इस दिशा में लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाया है और चेतावनी जारी की है.


ऐसे चूना लगाता है AnyDesk

एक बार डाउनलोड करने के बाद AnyDesk यूजर के डिवाइस पर 9 अंकों का ऐप कोड जेनरेट करता है और साइबर अपराधी कॉल कर यूजर से वह कोड बैंक के नाम पर मांगते हैं. एक बार यह कोड मिलने के बाद हैकर यूजर की डिवाइस में सेंध लगाता है और बिना उसके जाने उसके डिवाइस की सारी जानकारी डाउनलोड कर सकता है और लेनदेन कर सकता है.

मोबाइल ट्रांजेक्शन 


पिछले एक-दो वर्षों में मोबाइल के माध्यम से UPI आधारित बैंकिग में काफी तेजी देखी गई है. NPCI के अनुसार जहाँ वर्ष 2017 में UPI के माध्यम से होने वाले लेन देन 56670 करोड़ रूपये थे वही बढ़ कर 2018 में 5.79 लाख करोड़ हो गए. जहाँ 2017 में सिर्फ 67 बैंक UPI प्लेटफार्म पर थे वहीं इनकी संख्या भी बढ़ कर दिसम्बर 2018 में 129 हो गई.

पिछले दो वर्षों में सस्ते स्मार्ट फ़ोन, सस्ते 4G डेटा, डिजिटल बैंकिंग के प्रचार प्रसार और मोबाइल बैंकिंग की आसान और 24 घंटे उपलब्ध सेवाओं के कारण मोबाइल के माध्यम से लोग ज्यादा ट्रांजेक्शन करने लगे हैं. 

वैसे AnyDesk (एनीडेस्‍क) कोई वायरस या रैनसमवेयर नहीं है बल्कि यह एक ऐसा टूल है जिसके माध्यम से आप कहीं पर भी बैठे किसी का भी कंप्यूटर या मोबाइल चला या देख सकते हैं. इस टूल का सामन्यतया ऐसे लोग उपयोग करते हैं जिन्हें कहीं दूर से बैठ करके दुसरे व्यक्ति के मोबाइल या कंप्यूटर पर कुछ काम करना हो, जैसे कोई सॉफ्टवेयर वेंडर आपके कंप्यूटर को रिमोट कण्ट्रोल लेकर उस पर अपने सॉफ्टवेर इंस्टाल करता है या सर्विस करता है. लेकिन इस सॉफ्टवेयर का उपयोग साइबर क्रिमिनल ठगी करने में करने लगे हैं.

साइबर अपराधी ऐसे लोगों को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं जो साइबर अपराध से जुड़े खतरों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते और मोबाइल पर बिना वेरीफाई किये कोई भी ऐप डाउनलोड कर लेते हैं. कई बार व्हाट्स ऐप, फेसबुक या मेसेज के माध्यम से ऐसे लिंक या रैनसमवेयर साइबर अपराधी लोगों तक पहुंचाते हैं. इसलिए मोबाइल बैंकिंग का उपयोग जरुर करिए लेकिन अपने मोबाइल को सुरक्षित कैसे रखना है उसकी भी जानकारी जरुर रखिये. 

मोबाइल से बैंकिंग करना बहुत आसान है और सुरक्षित भी है लेकिन अगर आप घर की चाभी चोर को देकर सो जायेंगे तो घर में रखे धन भी सुरक्षित नहीं रखेंगे.
 
 इसलिए जानकारी रखिये, सावधान रहिये और सुरक्षित रहिये.


इस ब्लॉग को अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों और अपने शुभ चिंतकों को जरुर फॉरवर्ड करें.

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