Thursday, February 7, 2019

2019-20 में 10 लाख तक की आय वाले कैसे होंगे टैक्स फ्री



हर बार की तरह इस बार भी देश का हर वर्ग उम्मीद लगाये बैठा था कि सरकार इस बजट के माध्यम से उन्हें क्या राहत देती है, वैसे तो एक्सपर्ट बोल रहे थे कि अंतरिम बजट होने के कारण सरकार कोई बड़ा फेर बदल नहीं कर सकती लेकिन साथ-साथ बातें यह भी हो रही थी कि आम चुनाव के ठीक पहले सरकार हर वर्ग को खुश करने के लिए कुछ घोषणाएं जरुर करेगी.

इसलिए वित्त मंत्री और उनकी टीम पर यह बड़ी जिम्मेदारी थी कि बिना कोई डायरेक्ट टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव किये कैसे मध्यम वर्ग के लोगों को राहत दी जाये. वित्त मंत्री ने बजट भाषण देते हुए यह बोला कि वैसे तो टैक्स प्रपोजल आम बजट में प्रस्तुत किये जायेंगे लेकिन छोटे टैक्सपेयर मुख्यतः मिडिल क्लास, वेतन भोगी, पेंशनर और सीनियर सिटीजन के दिमाग में साल के शुरू होने पर ही टैक्स को लेकर क्लैरिटी हो तो अच्छा होगा, इसलिए सरकार बिना टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बदलाव किये हुए 5 लाख तक की इनकम वाले टैक्स पेयर्स को टैक्स रिबेट देती है मतलब उनको इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा, जिसके फलस्वरूप जिनकी ग्रॉस इनकम 6.5 लाख रुपये सालाना है वो भी टैक्स मुक्त होंगे यदि वो Sec 80C का पूरा फायदा उठाते हैं.

एक अनुमान के अनुसार लगभग 70% ITR  फाइल करने वाले लोग इसी दायरे में आते हैं . इस प्रकार से देश के 70% आयकर दाता अगले वर्ष आयकर से मुक्त रहेंगे.

वैसे तो वित्त मंत्री ने यह साफ़ साफ बोला था कि वो टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बदलाव बिना किये यह रिबेट 5 लाख तक की इनकम वाले लोगों के लिए कर रहे हैं फिर भी लोगों को यह ग़लत फ़हमी हो गई की टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन हुआ है और अब इनकम टैक्स स्लैब 5 लाख के ऊपर से शुरू होंगे..छोटे से बड़े टैक्स पेयर सभी अपने अपने हिसाब लगा कर अगले वर्ष टैक्स में होने वाली बचत का अनुमान लगाने लगे, कुछ समय बाद जब यह पता चला कि यह रिबेट सिर्फ 5 लाख की  इनकम वालों के लिए है तो वो लोग जिनकी सालाना आय 5 लाख से ज्यादा थी वो थोड़े निराश हो गये.

लेकिन क्या सभी को निराश होने की आवश्यकता है.... ऐसा नहीं है, क्यूंकि लगभग ITR फाइल करने वाले 70% लोग 5 लाख रुपये से कम के ITR फाइल करते हैं इसलिए सरकार ने लगभग 70% लोगों को तो आयकर दायरे से एक झटके में मुक्त कर दिया और अगर सही से टैक्स प्लानिंग करे तो 8-10 लाख रुपये सालाना कमाई वाले लोग भी बिना टैक्स दिये छूट सकते हैं.

यहाँ पर एक बात स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि अगर आप वेतन भोगी हैं और आपकी कमाई 5 लाख रूपये सालाना है तो ऐसा नहीं होगा कि आपका टीडीएस नहीं कटेगा, आपका एम्प्लायर टैक्स काट कर आपको वेतन देगा लेकिन आप जब ITR फाइल करेंगे तब आपका टैक्स रिफंड हो जायेगा. सरकार ने आपकी इनकम को टैक्स फ्री किया है लेकिन पहले टीडीएस कटेगा और रिटर्न फाइल करने पर रिबेट मिलेगा और टीडीएस आपका रिफंड हो जायेगा.

आइये अब समझते हैं कि जिनकी सालाना इनकम 5 लाख से अधिक है और 10 लाख से कम है तो वो कैसे टैक्स प्लानिंग कर के टैक्स बचा सकते हैं.



  • स्टैण्डर्ड डिडक्शन सिर्फ वेतन भोगी या पेंशनर के लिए होती है इसलिए इसका लाभ व्यवसायी एवं पेशा वर्ग को नहीं मिलता. 50000 रुपये का स्टैण्डर्ड डिडक्शन
  • धारा 80C के अंतर्गत टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट या होम लोन के प्रिंसिपल पेआउट पर 1.5 लाख रुपये सालाना का डिडक्शन मिलता है
  • इसके अलावा NPS में  50 हजार तक के निवेश पर भी धारा 80CCD के अंतर्गत डिडक्शन है
  • धारा 80D के अंतर्गत 25000 रुपये तक का अपने परिवार (पति, पत्नी एवं बच्चों) के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम एवं माता पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अतिरिक्त 25000 रुपये तक का डिडक्शन है यदि पेरेंट्स की आयु 60 वर्ष से अधिक है तो डिडक्शन बढ़ कर 30000 रुपये की हो जाती है.   
  • धारा 24B के अंतर्गत 2 लाख रुपये तक के होम लोन के ब्याज पर भी डिडक्शन है
  • 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम वालों को 12500 रुपये का टैक्स रिबेट 
ऊपर दिए गए टेबल को बड़ी आसानी से आप समझ सकते हैं, आसानी के लिए 8.5 लाख वाले ग्रॉस इनकम को देखते हैं. 8.5 लाख की ग्रॉस इनकम में से 50000 रुपये का स्टैण्डर्ड डिडक्शन घटाने पर बचते हैं 8 लाख रूपए, यदि 1.50 रुपये 80C का पूरा लाभ लेकर, 50 हजार का निवेश NPS में, 25000 का हेल्थ इंश्योरेंस लेकर एवं 75000 रुपये का होम लोन पर ब्याज को मिला दें तो टोटल डिडक्शन होता है 3 लाख का, जिसे ग्रॉस इनकम से घटाने पर आते हैं 5 लाख रुपये.

5 लाख रूपये पर टैक्स आयेगा 12500 रुपये जो नियोक्ता TDS काटेगा, लेकिन ITR फाइल करने पर वो टैक्स धारा 87A के अंतर्गत रिबेट मिलेगा और 12500 का रिफंड बैंक अकाउंट में वापस आ जायेगा.

इस प्रकार से 10 लाख तक की कमाई वाले लोग आसानी से टैक्स दायरे से बच सकते हैं.

वैसे ज्यादा अच्छा होगा की हम सभी मुख्य बजट का इंतजार करें और क्यूंकि वित्त मंत्री ने अपने इंटरव्यू में ये इशारा किया है कि मुख्य बजट मे टैक्स स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव संभव है. 




इस लेख में हुई त्रुटी या उस से हुए किसी भी गलत गणना के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं है, अपने टैक्स से सम्बंधित उचित परामर्श के लिए अपने CA या टैक्स कंसलटेंट से बात करें.


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