Saturday, February 3, 2018

बजट 2018 से आपको कितना होगा फायदा



यह कहना गलत नहीं होगा धीरे-धीरे बजट केवल मीडिया इवेंट ही बनता जा रहा है क्यूँ कि अब बजट में सरकार को घोषित करने के लिए ज्यादा कुछ रह नहीं गया है. पहले लोग रेल बजट का इन्तेजार करते थे यह जानने के लिए कि कितना किराया घटा बढ़ा या किस शहर को कौन सी नई सुविधा या ट्रेन मिली जब कि अब ऐसा कुछ भी नहीं क्यूंकि अब यह निर्णय साल में किसी दिन भी लिया जा सकता है. वैसे ही आम बजट में तमाम तरह के टैक्स को लेकर निर्णय लिए जाने होते थे , अब पर्सनल इनकम टैक्स और कस्टम को छोड़ कर लगभग सभी टैक्स GST के दायरे में चले गए और जहाँ तक इनकम टैक्स की बात है वहां सरकारें कभी भी कोई बड़ी राहत नहीं देने वाली तो आम आदमी को साल के 1000-2000 के फायदे से ज्यादा सरकार कुछ देने वाली नहीं और उससे ज्यादा कोई टैक्स या सेस बढ़ा कर लोगों की जेब से निकाल लेती है. इसीलिए मेरा मानना यह है कि बजट एक मीडिया इवेंट ही रह गया है सरकारें अपनी आमदनी बढ़ने के लिए कोई न कोई नया टैक्स या सेस लाती रहेंगी और उसे लोक लुभावनी योजनायें बना कर अपने खर्चे बढाती रहेंगी. बजट अब इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण नहीं रह जाता क्यूंकि सरकारें पूरे साल नई योजनायें बनाती और लाती रहती हैं इसलिए अब उनके पास बजट में कुछ बड़ी घोषणाएं करने के लिए बचता नहीं है.


तो आइये देखते हैं इन्ही सीमित व्यवस्था में वित्त मंत्री ने इस साल के बजट में आपसे क्या लिया और आपको क्या दिया.


डायरेक्ट टैक्स-



  • 250 करोड़ से कम टर्न ओवर वाली कंपनियों को अब टैक्स 25% की दर से देना होगा जो पहले 30% था. यहाँ पर यह समझना जरुरी है कि घटी टैक्स दरों का लाभ पार्टनरशिप फर्म या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) को नहीं मिलेगा.
  • 3% एजुकेशन सेस कि जगह अब 4% हेल्थ & एजुकेशन सेस पर्सनल इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स पर लगेगा इससे 5% स्लैब पर 0.05% का, 20% पर 0.20% और 30% स्लैब वाले टैक्सदाता पर 0.30% का टैक्स बोझ बढ़ जायेगा.
Source: PWC
  • वेतनभोगी कर्मचारियों को 15000 रुपये  के मेडिकल अलाउंस और 19200 रुपये के ट्रांसपोर्ट अलाउंस  पर मिलने वाली टैक्स छूट की जगह 40,000 रुपये का स्टैण्डर्ड डिडक्शन मिलेगा. जिसका मतलब अगर आप 5% टैक्स ब्रैकेट में हैं तो 290 रुपये का फायदा, 20% में हैं तो 1160  और 30% को 1740 रूपये का अधिकतम लाभ मिल सकता है 
  • सीनियर सिटीजन को डिपॉजिट्स पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स की छूट 10000 रुपये से बढ़ा कर 50,000 रूपए कर दी गई है.
  • सीनियर सिटीजन को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाले टैक्स छूट की सीमा 30000 रुपये से बढ़ा कर 50,000 रूपए कर दी गई है.
  • सबसे महत्वपूर्ण बात अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न समय से फाइल नहीं करेंगे तो धारा 80C, 80CCD, धारा 80D और अन्य धाराओं के अंतर्गत मिलने वाले छूट से वंचित रह जायेंगे. तो याद रखिये अगले वित् वर्ष में इनकम टैक्स रिटर्न 31st जुलाई से पहले फाइल कर दें.


इन्वेस्टमेंट-


सबसे बड़ा झटका आम आदमी को सरकार ने यहीं से दिया है, इक्विटी, इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स और डिविडेंड पर टैक्स लगा कर.
  • इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड म्यूच्यूअल फंड्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10% के हिसाब से देना होगा. साल में १ लाख रुपये तक के गेन्स टैक्स फ्री होंगे. 
  • 31st मार्च 2018 तक म्यूच्यूअल फण्ड या इक्विटी शेयर बेचने पर होने वाले कैपिटल गेन टैक्स फ्री होंगे.
  • लेकिन 1st अप्रैल के बाद कोई भी म्यूच्यूअल फण्ड या इक्विटी शेयर बेचने पर होने वाले गेन्स के लिए  गणना 31st जनवरी 2018 के रेट पर या एक्चुअल खरीद मूल्य इनमे से जो अधिक हो उसके आधार पर करनी होगी. 
  • इक्विटी ओरिएंटेड म्यूच्यूअल फण्ड से मिलने वाले डिविडेंड पर 10% कि दर से डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स चुकाना होगा.
  • सीनियर सिटीजन को प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में निवेश की सीमा 7.5 लाख रुपये से बढ़ा कर 15 लाख रुपये कर दिया गया है. इस योजना पर ब्याज  8% सालाना दर से मिलती है और  इस योजना में 10 साल के लिए  निवेश करना होता है. अब इस योजना में निवेश मार्च 2020 तक किया जा सकेगा.
  • गोल्ड को एक अलग एसेट क्लास की तरह विकसित करने के लिए सरकार एक विस्तृत पालिसी बनाएगी जिसके अंतर्गत एक रेगुलेटेड गोल्ड एक्सचेंज बनाने जैसे कदम उठाये जायेंगे.
  • इक्विटी ओरिएंटेड फण्ड ऑफ़ फंड्स पर टैक्स नियम इक्विटी ओरिएंटेड फंड्स की तरह होंगे, अभी तक इन फंड्स पर फिक्स्ड इनकम फंड्स की तरह टैक्स लगाये जाते थे.
  • पेंशन फंड्स और इंश्योरेंस कंपनी अब A रेटेड बांड्स में भी निवेश कर सकेंगे, इस से कम रेटिंग वाले कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचेगा और इन बांड्स में निवेश करने वालों को ज्यादा लिक्विडिटी मिलेगी.
  • सरकार क्रिप्टो करेंसी को लीगल टेंडर नहीं मानती और इसमें निवेश करने वाले लोगों को सावधान करती है लेकिन ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी का प्रयोग सरकार डिजिटल इकॉनमी बनाने में जरुर करना चाहेगी. 
इस प्रकार से बजट में आम आदमी और निवेशकों के लिए कुछ खास नहीं है, सरकार ने थोड़ी राहत देकर टैक्स का बोझ सेस, डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के माध्यम से ज्यादा  बढाया है. हाँ सीनियर सिटीजन को ध्यान में रख कर 50,000 तक के ब्याज पर टैक्स छूट देना एक अच्छा कदम है इस से सीनियर सिटीजन को साल में 2000 रुपये से 12000 रुपये का फायदा मिलेगा. लेकिन मेडिकल इंश्योरेंस में प्रीमियम पर टैक्स छूट की बात उतनी समझ में नहीं आई क्यूंकि अक्सर हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनियाँ सीनियर सिटीजन को न्यू पालिसी देती नहीं हैं, हाँ ऐसे कुछ लोग इसका लाभ जरुर उठा पाएंगे जो पहले से ऐसी पालिसी लिए हुए हैं. प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में निवेश की सीमा बढ़ाना उनके लिए अच्छा है जो लम्बे समय तक 8% का ब्याज चाहते हैं, लेकिन अक्सर सीनियर सिटीजन 5 साल से ज्यादा के इन्वेस्टमेंट ऑप्शन को प्राथमिकता नहीं देते.

कॉर्पोरेट टैक्स घटाया लेकिन इसका लाभ पार्टनरशिप, LLP या प्रोप्राइटरशिप फर्म को नहीं मिलेगा, इसका लाभ सिर्फ कंपनियों को ही मिलेगा जिनका टर्नओवर साल में 250 करोड़ से कम होगा.