Tuesday, April 18, 2017

10 मिनट में फ्री क्रेडिट स्कोर कैसे चेक करें



दुनिया में आगे बढ़ने के लिए अब नाम नहीं नंबर चाहिए....... और यह नंबर है आपका क्रेडिट स्कोर.

तो चलिए आज जानते हैं कि क्रेडिट स्कोर क्या होता है, क्यूँ क्रेडिट स्कोर अच्छा होना हमारे लिए जरुरी है और कैसे हम फ्री में अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर सकते हैं ?

क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी आपकी फाइनेंसियल हिस्ट्री के आधार पर जिसमे आपके द्वारा उपयोग किये जा रहे क्रेडिट कार्ड की लेन देन, किसी प्रकार के लोन के रिपेमेंट और किसी प्रकार के हुए डिफ़ॉल्ट के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करती है जिसे हम क्रेडिट रिपोर्ट कहते हैं. इस रिपोर्ट में प्रत्येक व्यक्ति को उसकी क्रेडिट हिस्ट्री के हिसाब से नंबर दिए जाते हैं यही नंबर आपका क्रेडिट स्कोर कहलाता है. आज के समय अच्छा  क्रेडिट स्कोर आपके तरक्की के रास्ते में आपकी सहायता करता है और बुरा क्रेडिट स्कोर आप के लिए परेशानी कड़ी करता है.

क्यूँ जरुरी है क्रेडिट स्कोर अच्छा होना 
कुछ साल पहले तक बैंक लोन देने से पहले सिर्फ आपके डाक्यूमेंट्स चेक करते थे और अपने बैंक में हुए लेन-देन के आधार पर वो ग्राहक को लोन दे देते थे, चाहे वह व्यक्ति दूसरे बैंक में डिफाल्टर हो. एक बैंक को दुसरे बैंक में उस व्यक्ति ने क्या कर रखा है उसका पता नहीं होता था और इस कमी का फायदा उठा कर बहुत से लोग बैंक को चूना लगाते थे. कुछ साल पहले इंडिया में सारे बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं के लोन डाटाबेस को समायोजित कर के क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी ने काम करना शुरू किया . तब से कोई भी बैंक लोन देने से पहले व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर जरुर चेक करती है. अगर किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर कम होता है तो उसे बैंक से लोन लेने में काफी मुश्किल होती है. आज के समय टेलिकॉम सेक्टर और इंश्योरेंस सेक्टर भी अपने ग्राहक का क्रेडिट स्कोर चेक करता है. ऐसा माना जाता है सिबिल से अगर आपको 750 से ज्यादा का क्रेडिट स्कोर मिला है तो आपको लोन मिलने में आसानी होती है. 

कैसे चेक करें अपना क्रेडिट स्कोर
क्यूंकि क्रेडिट स्कोर अच्छा होना अब अत्यंत आवश्यक है इसलिए सभी लोगों को अपना क्रेडिट स्कोर समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए और अगर यह कम है तो इसे सुधारने के लिए समय से आवश्यक कदम उठाने चाहिए जिस से जब कभी आपको किसी भी काम के लिए बैंक से लोन लेने की जरुरत हो तो उस समय आपको परेशानी ना उठानी पड़े.
सन 2014 तक केवल बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी, इंश्योरेंस कंपनी और टेलिकॉम सेक्टर के कंपनी ही क्रेडिट स्कोर चेक कर सकती थी लेकिन 2014 से यह सुविधा एक आम आदमी के लिए भी दे दी गई. लेकिन क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी इस सुविधा के बदले कुछ फीस चार्ज करती थी. लेकिन इस साल से सरकार ने सभी क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी से एक रिपोर्ट फ्री में प्राप्त करने की छूट दी है. तो अब हर साल प्रत्येक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से फ्री क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं.

और यह रिपोर्ट निकलने में मुश्किल से 10 मिनट लगते हैं.

भारत में इस समय 4 क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी काम कर रही हैं
1- CIBIL 
2- Experian
3- Equifax
4- HighMark

इस प्रकार से हर व्यक्ति साल में 4 क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में प्राप्त कर सकता है. तो आइये देखते हैं यह रिपोर्ट आपको इनसे कैसे मिलेंगी.

CIBIL से अपना क्रेडिट स्कोर फ्री में कैसे पायें

सबसे पहले आप इस लिंक पर क्लिक करें    https://www.cibil.com/freecreditscore/
इस लिंक पर क्लिक करने पर जो वेब पेज खुलेगा उसमे आपको अपनी ईमेल,जन्म दिन, पैन नंबर देना होगा. अगले पेज पर आपको अपनी बाकि डिटेल देनी होगी, जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर. यह डिटेल सबमिट करने पर आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जिसमे सिबिल आपको अपनी पेड सर्विस सब्सक्राइब करने के लिए बोलेगा लेकिन उसी पेज में नीचे No का आप्शन होगा. यहाँ आप को No आप्शन इसलिए सेलेक्ट करना है क्यूंकि आप पेड सर्विसेज के लिए नहीं फ्री सर्विसेज का उपयोग करना है.

 सिबिल में आपकी यूजर आई डी आपके द्वारा दी गई ईमेल आई डी होती है और पासवर्ड आपको स्वयं बनाना होता है. इसके बाद आपको अपने पुराने क्रेडिट कार्ड या लोन की डिटेल को ऑथेंटिकेट करना होगा.डिटेल ऑथेंटिकेट करने पर आपको सिबिल द्वारा एक ईमेल भेज जाता है, उस ईमेल में दिये गए लिंक पर क्लिक करने पर आपको सिबिल का लॉग इन पेज खुलता है इस पेज पर आपको अपनी यूजर आई डी और पासवर्ड डालने पर नया पेज खुलता है. डैशबोर्ड पर आपकी डिटेल और आपका क्रेडिट स्कोर दिया होगा, क्रेडिट रिपोर्ट में आपको क्रेडिट स्कोर के अलावा भी बहुत सारी जानकारियां मिलेंगी. इस रिपोर्ट को ध्यान से चेक करिये अगर आपको कहीं कुछ गड़बड़ लगे, जैसे कि कोई ऐसा लोन या क्रेडिट कार्ड पर लेन-देन या किसी तरह का डिफ़ॉल्ट जो आपने ना किया हो तो अगले पेज पर आप डिस्प्यूट रेज कर सकते हैं.

लगभग इसी तरह का सिस्टम सभी क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी का है. आप अलग-अलग चारो एजेंसी से फ्री रिपोर्ट ले सकते हैं. यहाँ पर आप एक स्मार्ट तरीका अपना सकते हैं, जिस से आप हर तीसरे महीने पर अपना क्रेडिट रिपोर्ट फ्री में चेक कर पायेंगे. जैसे अभी अप्रैल चल रहा है अभी मैंने सिबिल से फ्री रिपोर्ट निकाल ली है. अब सिबिल से मुझे फ्री रिपोर्ट अगले साल अप्रैल में मिलेगी जुलाई में मै दूसरे क्रेडिट एजेंसी से फ्री रिपोर्ट निकालूँगा, सितंबर में तीसरे और जनवरी में चौथे क्रेडिट एजेंसी से अपनी फ्री क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करूंगा.

बाकि तीनो क्रेडिट एजेंसी के लिंक भी मै नीचे दे रहा हूँ. आप इनकी वेबसाइट पर जाकर अपनी रिपोर्ट निकाल सकते हैं.

http://www.experian.in/consumer/experian-free-credit-report.html

https://cir.crifhighmark.com/Inquiry/B2C/B2CFFCRPortal.action

Equifax से क्रेडिट रिपोर्ट लेने के लिए आपको इसका मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा.

इस प्रकार से आप हर तिमाही पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट फ्री में चेक कर सकते हैं.



अपने फीडबैक आप ईमेल के जरिये या कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के जरुर दीजिये. अगर आपको यह ब्लॉग अच्छा लगे तो अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से जरुर शेयर करें. 

Friday, April 14, 2017

इन्वेस्टमेंट फोबिया...आप को भी तो नहीं है




फोबिया एक प्रकार का मनोविकार है जिसमे व्यक्ति को विशेष वस्तुओं, परिस्थितयों या किसी विशेष काम से डर लगने लगता हैं. यानी उनकी उपस्थिति से ही घबराहट होती है जब की वह चीज उनके लिए खतरनाक नहीं होती. फोबिया की विशेषता यह होती है कि पीड़ित व्यक्ति की चिंता या घबराहट इस बात को जान कर भी कम नहीं होती कि दुसरे लोगों के लिए वह वस्त्तु या परिस्थिति खतरनाक नहीं है. 

वैसे फोबिया  किसी ना किसी रूप में लगभग सभी लोगों के अन्दर होती है, किसी को ऊंचाई से फोबिया है तो किसी को पानी से, किसी को बंद कमरे से फोबिया है तो किसी को बड़े घर से, किसी को कीड़े से फोबिया है तो किसी को जानवर से, किसी को अंधरे से फोबिया है तो किसी को अधिक रौशनी से, किसी को अपरिचित से फोबिया है तो किसी को भीड़ से, किसी को पब्लिक स्पीकिंग फोबिया है तो किसी को सोशल फोबिया. ऐसा अक्सर देखा गया है लगभग सभी लोग किसी ना किसी चीज से कम या ज्यादा फोबिया होता है.

ऐसे ही एक फोबिया होती है जिसे हम कहते हैं इन्वेस्टमेंट फोबिया. इस फोबिया के बारे में हो सकता है आज आप पहली बार सुन या पढ़ रहे हों लेकिन आप को जानकर यह आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि इस फोबिया से पीड़ितों की संख्या अन्य फोबिया के पीड़ितों से कही ज्यादा है. तो चलिए समझते हैं इस फोबिया को और जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में और साथ में ही पता करते हैं कहीं आप भी तो इस फोबिया से पीड़ित तो नहीं हैं.

अगर किसी को बैंक से पैसे निकाल कर और कहीं और जगह इन्वेस्ट करने में डर लगता है उसे लगता हो कि पैसे इन्वेस्ट करते ही बाज़ार में मंदी आ जायेगी या उसे पैसे की तुरन्त जरुरत पड़ जायेगी या उसका पैसा कोई गबन कर लेगा, जब की उसकी यह चिंता या घबराहट इस बात से भी कम नहीं होती की दूसरे लोग इन्ही परिस्थितियों में इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं और पैसे बना रहे हैं तो वह व्यक्ति इन्वेस्मेंट फोबिया से पीड़ित है. वह इसके लिए कई सारी कहानियाँ सुनाता है जैसे उसके दोस्त के मामा के साथ ऐसा हुआ, वो शेयर डूब गया, वहां पैसे फंस गए.

इन्वेस्टमेंट फोबिया के लक्षण


मूलधन के डूब जाने या नुकसान होने की भावना

अगर किसी को ऐसा लगता है कि वह बैंक से निकाल कर कहीं और निवेश करने में उसे इस बात की चिंता होती है कि उसे नुकसान हो गया तो या उसका पैसा डूब गया तो, चाहे उस निवेश माध्यम में वह रिस्क हो या ना हो तो इसका मतलब है वह व्यक्ति इन्वेस्टमेंट फोबिया से पीड़ित है.

यहाँ या स्पष्ट करना जरुरी है कि निवेश करते समय इस बात को चेक करना कि उसमे क्या रिस्क और क्या रिटर्न है यह जरुरी होता है लेकिन अगर कोई रिस्क के ऊपर ही अपना ध्यान लगा कर चिंताग्रस्त हो जाये और निवेश करने का निर्णय टालता रहे तो उसे जरुरत है एक अच्छे सलाहकार की जो उसे विभिन्न निवेश के माध्यमों में निवेश करने के लाभ हानि समझा सके और उसको सही सलाह दे सके. सुरक्षा का अहसास होना और उसके ऊपर सोच विचार के निवेश करना अलग बात है और असुरक्षा के डर से कहीं निवेश ना करना फोबिया है.

आज मुझे यह ब्लॉग लिखते हुए उस सज्जन की याद आ रही है जो कुछ साल पहले मुझसे मिले थे उनके पास अलग-अलग 15 से ज्यादा बैंक अकाउंट थे और कभी भी चेक 10,000 रुपये से ज्यादा का नहीं काटते थे. मैंने जब उनसे पूछा ऐसा क्यूँ तो उन्होंने मुझे ये बताया कि उन्हें एक या दो बैंक में पैसे रखने में असहजता महसूस होती है, अगर किसी बैंक अकाउंट में कोई फ्रॉड हो जाये तो 14 अकाउंट में तो पैसे सुरक्षित रहेंगे. अपने इस फोबिया के कारण उन्हें 15 से ज्यादा बैंक अकाउंट चलाने में असुविधा होती थी कई बार गलत अकाउंट का चेक काट दिया करते थे लेकिन ये असुविधा उनके लिए उस फोबिया से कहीं ठीक थी. अब ऐसे बेवजह के कारण को आप फोबिया ही कहेंगे.


इन्वेस्टमेंट करते ही खर्चे या जरुरत आने का भय

अगर आप इन्वेस्टमेंट करने का निर्णय बार-बार इस कारण टालते जाते हैं कि कहीं इन्वेस्टमेंट करते ही आप को पैसे की जरुरत पड गई तो फिर क्या होगा, आप को अपनी पूंजी समय से नहीं निकाल पाए तो क्या होगा. और आपके इन्वेस्टमेंट करने के निर्णय में यह प्रश्न आपके सामने बार-बार आकर खड़ा हो जाये तो समझ लीजिये आप इन्वेस्टमेंट फोबिक हैं.
ऐसे व्यक्ति को यह बात समझ लेनी चाहिए की सारे इन्वेस्टमेंट आप्शन में लॉक इन नहीं होता, हर डिपाजिट फिक्स्ड टाइम के लिए नहीं होती. अपने पैसे को अलग-अलग जगह उनके इन्वेस्टमेंट टाइम होराइजन के हिसाब से लगाइये. आपको ऐसे बहुत से इन्वेस्टमेंट आप्शन मिलेंगे जहाँ पर आप आसानी से कभी भी पैसे लगा सकते हैं और कभी भी निकाल सकते हैं.


बात करना, जानकारी जुटाते रहना लेकिन इन्वेस्टमेंट ना कर पाना

ऐसे भी लोग होते हैं जो पैसे के निवेश के बारे में लोगों से खूब सलाह लेंगे, खूब बाते करेंगे, खूब रिसर्च करेंगे लेकिन जब इन्वेस्टमेंट करने की बारी आएगी तो कोई ना कोई बहाना बना के अपने इन्वेस्टमेंट ना करने के निर्णय को लॉजिकल कारण देंगे. यह लक्षण इन्वेस्टमेंट फोबिया से पीड़ित व्यक्ति का होता है. 



इन्वेस्टमेंट करते ही बाज़ार में मंदी आने का भय

बहुत से लोगों के मन में ये भय होता है उनके इन्वेस्टमेंट करते ही शेयर बाज़ार में गिरावट आ सकती है , जमीन के दाम गिर सकते हैं, अर्थव्यस्था में मंदी आ सकती है और इस कारण वो इन्वेस्टमेंट नहीं करते. ऐसे लोग भी इन्वेस्टमेंट फोबिक हैं. इन्हें यह समझना चाहिए बाज़ार का गिरना या मंदी आने का सम्बन्ध बहुत सारे कारणों से होता है उसमे किसी एक व्यक्ति के पैसे लगाने या ना लगाने से कुछ नहीं होता.
लेकिन शेयर बाज़ार में ग्रीड और फियर फैक्टर हमेशा रहता है, जरुरत है इनसे ऊपर निकाल कर अन्य कारणों को देख कर निवेश करने की.


हमेशा इन्वेस्टमेंट में हुए दूसरों के नुकसान के बारे में बात करना

ऐसे लोग अक्सर मिल जाते हैं जिनके इन्वेस्टमेंट ना करने के निर्णय का कारण उनके दोस्त के बुआ के बेटे के मित्र के चाचा को इन्वेस्टमेंट में हुए नुकसान होता है. उनके पास इन्वेस्टमेंट से जुडी ऐसी रोचक कहानी होती हैं जो कभी मेरी दादी ने भी बचपन में मुझे नहीं सुनाई.अक्सर मेरे इन्वेस्टर अवेयरनेस प्रोग्राम में ऐसे लोग मिल जाते हैं जिन्होंने खुद कभी फिक्स्ड डिपाजिट के अलावा कहीं इन्वेस्टमेंट नहीं किया होता है लेकिन उनके पास ऐसे तमाम लोगों की फर्जी कहानियाँ होती हैं जिन्हें नुकसान हुआ होता है. 
ऐसे लोगों को मै यही सलाह देता हूँ कि दूसरे की सुनी सुनाई बातें, उनकी गलतियाँ और उनके नुकसान से आपके पैसे कैसे बढ़ेंगे, आपको अपने पैसे, अपने अच्छे और सुरक्षित फाइनेंसियल भविष्य के बारे में सोच समझ कर इन्वेस्टमेंट करना चाहिए. पैसे के बारे में सबसे बड़ा रिस्क उसके बेवजह सेविंग या करंट अकाउंट में पड़े रहना है या ऐसी जगह पड़े रहना है जहाँ वो महंगाई के बराबर भी ब्याज या रिटर्न ना कमा पा रहा हो.


बैंक डिपाजिट के अलावा कहीं भी इन्वेस्टमेंट करने की बात पर परेशान हो जाना

अगर किसी को बैंक डिपाजिट के अलावा कोई भी इन्वेस्टमेंट आप्शन की बात करते ही असहजता महसूस होती है तो उसे इन्वेस्टमेंट फोबिया है. बैंक डिपाजिट सुरक्षित और सुविधा जनक तरीका है लेकिन आपको अपने पैसे किसी एक तरह एक इन्वेस्टमेंट आप्शन में नहीं लगाना चाहिए. कॉर्पोरेट डिपाजिट, फिक्स्ड इनकम म्यूच्यूअल फण्ड, P2P लेंडिंग, मार्केट लिंक्ड डिबेंचर जैसे तमाम और ऐसे इन्वेस्टमेंट आप्शन हैं जो आपके लिए बेहतर हो सकते हैं.


लम्बे समय के लिए इन्वेस्टमेंट की बात पर असुरक्षित महसूस करना

5 साल या 10 साल के लिए इन्वेस्टमेंट करने की बात पर असहज या असुरक्षित महसूस करना भी एक तरह का इन्वेस्टमेंट फोबिया है. रियल एस्टेट, इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड और शेयर मार्केट ये सब  लम्बे समय में अच्छा लाभ देते हैं. लम्बे समय में इक्विटी या बैलेंस्ड म्यूच्यूअल फण्ड से भी अच्छे पैसे बनाये जा सकते हैं. SIP के द्वारा म्यूच्यूअल फण्ड में लम्बे समय का निवेश चमत्कारिक परिणाम देता है. जरुरत है ऐसे निवेश विकल्पों के बारे में सही से समझने और उस पर निर्णय लेने की.


रिसर्च करना लेकिन किसी पर विश्वास ना करना

इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपने सैकड़ों आर्टिकल पढ़ डाले, इन्टरनेट पर सैकड़ों घंटे बिता डाले लेकिन आपको ऐसा लग रहा है कि पूरी जानकारी अभी भी नहीं मिली है या आर्टिकल बहुत कुछ छिपा रहे हैं इसलिए उनपर आप भरोसा नहीं कर पा रहे और इसी कारण आप इन्वेस्टमेंट भी नहीं कर पा रहे. यह लक्षण भी इन्वेस्टमेंट फोबिया के ही हैं. अच्छा होगा की इतना पढ़ने में समय बर्बाद ना कर थोड़े अमाउंट से इन्वेस्टमेंट शुरू करें या पढाई बंद करके अपने काम पर ही ध्यान दें और किसी अच्छे इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से संपर्क करें.


अगर आप ऊपर दिए हुए कोई भी कारण  या लक्षण आपके इन्वेस्टमेंट करने के निर्णय के बीच में आते हैं तो आप इन्वेस्टमेंट फोबिक हैं और आपकी इस समस्या का समाधान बहुत जरुरी है क्यूंकि इस समस्या से ग्रस्त लोग पैसे के मामले में बहुत कच्चे और फाइनेंसियली बहुत असुरक्षित रहते हैं. अच्छे कमाई के बाद भी अपने इस फोबिया के कारण ऐसे लोग अपनी फाइनेंसियल लाइफ सुरक्षित नहीं कर पाते, इन्वेस्टमेंट करते हैं भी तो बुरे फाइनेंसियल प्रोडक्ट्स या नॉन-फाइनेंसियल प्रोडक्ट्स में जो उनको महंगाई बढ़ने के बराबर भी रिटर्न या लाभ नहीं दे पाते.


ऐसे लोगों के पैसे बैंक में या तिजोरी में आराम करते हैं और वो खुद परेशान रहते हैं. इसलिए जरुरी है इस फोबिया के बारे में लोगों में जानकारी हो और इस से उन्हें निकाल कर एक अवेयर इन्वेस्टर बनाने के लिए कुछ किया जाय.

इस फोबिया से निकलना बहुत ही आसान होता है बस आप को कल सुबह उठ कर निर्णय ले लेना है और इन्वेस्टमेंट स्टार्ट कर देना है. जैसी ही आप पहला कदम बढ़ायेंगे आप की चिंता और भय अपने आप कम हो जायेगी. पैसे का सही उपयोग समझना उसे सही से उपयोग और निवेश करना हर व्यक्ति के लिए जरुरी है. अगर आप इन्वेस्टमेंट करने के निर्णय में ये सब बाते आती हैं तो आप अच्छे इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से मिलिए उसे अपनी प्रोफाइल और जरूरते बताइए वो जरुर आप को इसमें मदद कर पायेगा. अगर आप को यह डर है पैसे लगाते ही बाज़ार में मंदी आ जायेगी या मार्केट गिर जायेगी तो एक बार में और एक जगह पैसे मत डालिए.

मनी मैनेजमेंट और इन्वेस्टमेंट आपके लिए जटिल हो सकता है अगर आप सही तरीके से नहीं करते. अपने रिस्क प्रोफाइल, रिटर्न एक्सपेक्टेशन, इन्वेस्टमेंट टाइम होराइजन और फाइनेंसियल गोल्स के हिसाब से म्यूच्यूअल फण्ड जैसे आसान तरीकों में निवेश करिये. PPF, बैंक डिपाजिट, कॉर्पोरेट डिपाजिट में इन्वेस्ट कर के आप रिस्क डायवर्सिफिकेशन कर सकते हैं. इस तरह से आप जल्दी ही इन्वेस्टमेंट फोबिया से मुक्त होंगे और अपने पैसे को और अच्छे से बढ़ता हुआ देखेंगे.

Image Source: https://www.freedigitalphotos.net

Saturday, April 1, 2017

1st अप्रैल क्यूँ बदल देगा बहुत कुछ



जी हाँ, हो सकता है आप  पिछले फाइनेंसियल इयर के काम ख़त्म करके थोड़ी राहत महसूस कर रहे हों और अप्रैल में कुछ दिन की छुट्टी लेकर घुमने जाने का सोच रहे हों. लेकिन इन सबक बीच में आपके लिए इस ब्लॉग को पढ़ना और जानना जरुरी है कि 1 अप्रैल अपने साथ क्या-क्या ले कर आ रहा है. तो क्या बदलेगा आज से उसके बारे में भी जान लें, क्यूंकि हो सकता है इन पर ना ध्यान देने की गलती आप पर भारी ना पड़ जायें.

शुरुआत करते हैं कुछ अच्छी खबरों से-

1. अच्छी खबर है उनके लिए जिनकी  साल की आय 2.5 लाख से अधिक है. इस साल सरकार ने 5 लाख की आमदनी पर टैक्स 10% से घटा कर 5% कर दिया है जिस कारण बहुत से लोगों के ऊपर टैक्स का बोझ इस साल कम हो जायेगा. 

2. इस साल से LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) की अवधि 3 साल से घट कर 2 साल कर दी गई है. जिससे अचल सम्पति बेचने वालों के ऊपर टैक्स का बोझ थोडा कम हो जायेगा.

3. इस साल से LTCG की गणना करते हुए अब आधार वर्ष 1981 की जगह 2001 माना जायेगा, विशेषज्ञों के अनुसार आधार वर्ष बदलने से लोगों पर टैक्स का बोझ कम हो जायेगा.

4. अब पैन कार्ड बनेगा सिर्फ कुछ मिनटों में. जी हाँ इस साल से पैन कार्ड बनवाने में 15 दिन या 1 महीने नहीं लगेंगे बल्कि यह काम कुछ मिनटों में हो जायेगा. लेकिन पैन बनवाने के लिए अब आधार जरुरी होगा जिससे ऐसे लोग जो दो  या अधिक पैन बना कर गोरखधंधा करते थे उनके लिए मुश्किल हो जायेगी.

5.  3.5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को टैक्स में मिलने वाली छूट इस साल से 5000 रुपये से घट कर 2500 रुपये हो जायेगी.

6. इस साल से टैक्स फाइलिंग और भी आसान हो जायेगी, अब 50 लाख सालाना आय तक के लिए सिर्फ 1 पेज का सहज फॉर्म भरना होगा.

7. नेशनल पेंशन सिस्टम के सब्सक्राइबर के लिए अच्छी खबर ये साल ले आया, इस साल से NPS से आंशिक रूप से पैसे निकालने पर टैक्स नहीं पड़ेगा.

8. टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार इस साल से जरुरी हो जायेगा.

9. GST संसद में पास हो चुका है और सरकार इसको 1 जुलाई से देश में लागू करने की तैयारी कर रही है. इस साल इन डायरेक्ट टैक्स में बहुत बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है जो देश के पूरे टैक्स सिस्टम को ही बदल देगा. इसके लागू होने के बाद आपके ऊपर टैक्स बोझ कम हो सकता है.



आपके पॉकेट पर बोझ बढ़ाने वाली खबर

1. 1 अप्रैल से आपकी मोटर साइकिल, कार या अन्य किसी गाड़ी का इंश्योरेंस महंगा हो जायेगा. 

2. अगर आप अपने स्वास्थ सेवाओं के  लिए सजग रहते हैं और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लिया है या लेने वाले हैं तो 1 अप्रैल से इनके बढ़ने वाले प्रीमियम आपका बजट बढ़ायेंगे.

3. अधिकतम बैंकों ने अपने कैश ट्रांजेक्सन चार्ज, मिनिमम बैलेंस चार्ज, IMPS ट्रांसफ़र और तमाम चीजों में बदलाव किये हैं. तो आज ही चेक कर लीजिये आपके बैंक ने कैश निकालने, जमा करने, न्यूनतम बैलेंस रखने के नियमों में क्या परिवर्तन किये हैं कहीं आपकी थोड़ी से लापरवाही से आपको बैंक के मनमाने ढंग से बढ़ाये गए चार्जेज का शिकार ना बना दे.

4. आज से 2 लाख के ऊपर की कैश में लेन-देन पर प्रतिबन्ध लागू हो गया है अगर कोई 2 लाख से ऊपर की रकम की लेन दें करता है तो उसके ऊपर भारी जुर्माना लगेगा.

5. कोर्ट के आदेश से BS III गाड़ियों की बिक्री आज से बंद हो गई है इस से नई गाड़ियाँ जो BSIV इंजन के साथ आयेंगी वो थोड़ी महंगी होंगी तो इस प्रकार गाड़ी खरीदना भी आज से महंगा हो गया

6. ऐसे लोग जिनकी टैक्सेबल इनकम है लेकिन वो टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते उन्हें इस साल से सावधान हो जाना चाहिए क्यूंकि अब ऐसे लोगों पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.

7. रेंटल प्रॉपर्टी पर होम लोन पर ब्याज पर मिलने वाली टैक्स छूट अब अधिकतम 2 लाख रुपये हो गई है.


फिक्स्ड डिपाजिट पर भरोसा करने वालों के लिए बुरी खबर-

सरकार ने 1 अप्रैल से स्माल सेविंग्स स्कीम पर मिलने वाले ब्याज की दर भी  0.10%  से घटा दिए हैं, हालाकि यह एक तरह से राहत की खबर है क्यूंकि नियमों के मुताबिक सरकार लगभग इन पर लगभग 0.50 से 0.60% तक ब्याज दरें घटा सकती थी. लेकिन आने वाले समय में निश्चित रूप से स्माल सेविंग्स पर ब्याज दरें और घटेंगी.


नोटबंदी 2.0

अब बात करते हैं नोटबंदी 2.0 की जी हाँ  नोटबंदी 2.0... जिसकी भूमिका सरकार ने नवम्बर 2016 में  ही बना दी थी और उसके बाद बजट में इनकम टैक्स की धारा  132 में परिवर्तन कर के सरकार ने इसके ऊपर काम करना शुरू कर दिया है और यकीन मानिये अब ऐसे लोग जो आय से अधिक सम्पति, बेनामी सम्पति या काले धन में संलिप्त हैं उनके लिए आने वाला समय बहुत मुश्किल होने वाला है.

इनकम टैक्स की धारा 132, 1 अप्रैल से इनकम टैक्स ऑफिसर को और अधिक ताकत दे देगी. इसके लागू होने के बाद से इनकम टैक्स ऑफिसर को पूरा अधिकार होगा -

- वो किसी के घर, ऑफिस या व्यवसायिक प्रतिष्ठान की छान बीन बिना कोई कारण बताये कर सकता है
- आपके कैश, चल-अचल सम्पति, आभूषण या और कोई कीमती सामान को बिना कोई कारण दिए सीज कर सकता है
- बिना कोई कारण बताये आपका खाता-बही, बैंक अकाउंट या और किसी डाक्यूमेंट्स को जांच सकता है और इनकी कॉपी भी ले सकता है.


आम बोल चाल की भाषा में कह सकते हैं कि 1 अप्रैल से इनकम टैक्स ऑफिसर के पास सर्च एंड सीजर का अधिकार होगा और इसे किसी हायर अथॉरिटी के सामने चुनौती भी नहीं दी जा सकेगी.

तो इस साल आपको बहुत सारे इनकम टैक्स और ED के सर्च ऑपरेशन के बारे में सुनाई और दिखाई पड़ेंगे. 

पैन का आधार से जुड़ना, रिटर्न फाइल करने में आधार का जुड़ना, २ लाख से ज्यादा के कैश ट्रांजेक्सन पर रोक, GST, इनकम टैक्स की धारा 132  में परिवर्तन यह सब ऐसे डेवलपमेंट हैं जो बहुत कुछ बदल देंगे, इसलिए मेरा मानना है कि 1 अप्रैल 2017 से बहुत कुछ बदल जायेगा. बस आप देखते जाइये...

फाइनेंसियल इयर 2017-18 आपके लिए शुभ हो !!!