Friday, December 28, 2018

कंपनी FD में निवेश करने से पहले जरुर पढ़ें



पिछले कुछ महीनों में एक बार फिर से लोगों का रुझान कॉरपोरेट FDs में  बढ़ा है. जब भी अर्थव्यवस्था में ब्याज दरें थोड़ी बढ़ जाती हैं और कंपनी FDs के ब्याज दरें आकर्षक हो जाती हैं तो बैंक से बेहतर फिक्स्ड रिटर्न चाहने वाले इन की तरफ रुख करते हैं. 

वैसे भी नियमित आमदनी चाहने वाले तमाम लोग कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट या कॉरपोरेट FD में निवेश करते हैं. यह बैंक FD की तुलना में अलग है. कॉरपोरेट FD में थोडा अध‍िक ब्याज मिलता है. लेकिन, इसके साथ कुछ जोखिम कुछ रिस्क भी जुड़े होते  हैं. और उन जोखिमो को समझना बहुत जरुरी होता है. 

कंपनी FD में निवेश से पहले आपको उसकी रेटिंग के साथ और भी चीजें देखनी जरुरी होती हैं क्यूंकि इसमें आपके ब्याज की ही नहीं आपकी पूंजी की भी सुरक्षा जुडी होती है . पीछे ऐसा हुआ है कि अधिक लालच में बिना सोचे समझे, रिस्क बिना देखे लोग ब्याज ही नहीं अपनी पूंजी भी ऐसे निवेशों में फंसा चुके हैं. इसलिए मुझे लगता है लोगों को इक्विटी से ज्यादा FDs में निवेश करते हुए सतर्क रहना चाहिए.

क्या क्या खतरे हो सकते हैं -

1- सही समय पर ब्याज न मिलना
2- सही समय पर मूलधन वापस ना होना
3- पूर्व निश्चित ब्याज ना मिलना
4- ब्याज या मूलधन वापस ना मिलना
5- कम्पनी की क्रेडिट रेटिंग घटना

आइए, जानते हैं कि कंपनी FD में निवेश से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है:


  • सबसे पहले कंपनी के प्रमोटर की हिस्ट्री चेक करें. कंपनी का रीपेमेंट रिकॉर्ड भी आपको उसके बारे में काफी कुछ बता देगा.
  • सिर्फ कंपनी की प्रोफाइल ही नहीं बल्कि उसकी रेटिंग भी चेक करने की जरूरत है.
  • अगर कम्पनी के बारे में आमतौर पर बाज़ार में अच्छी राय ना हो तो ऐसे जगह निवेश से बचें.
  • कुछ मामलों में कमजोर रेटिंग वाली कंपनियां भी ग्राहकों को लुभाने के लिए FD पर अधिक ब्याज देने की पेशकश करती हैं.
  • अगर कोई कंपनी आपको FD पर अधिक रिटर्न देती है तो आपको लालच में आने से बचना चाहिए. क्यूंकि यहाँ पर आपकी पूंजी पर खतरा ज्यादा हो सकता है.
  • अगर किसी कंपनी के डिपॉजिट स्कीम को रेटिंग एजेंसियों से सही रेटिंग नहीं मिली है, तो उसमें निवेश न करें.
  • अगर आप किसी NBFC के FD में निवेश कर रहे हैं तो आपको सिर्फ AA और उससे बेहतर रेटिंग वाली कंपनी में ही निवेश करना चाहिए.
  • आप जितने अधिक वक्त के लिए निवेश करेंगे, आपको उतने आकर्षक  ब्याज दरें पेशकश की जाती हैं . कंपनी FD में एक से तीन साल के लिए निवेश करना चाहिये. बहुत लम्बे समय के लिए नहीं.
  • किसी एक  कॉर्पोरेट की FD में निवेश करने की जगह अलग-अलग FDs में  धन लगाना चाहिए.
  • कंपनी FD में निवेश करने से पहले आपको कंपनी के कामकाज के तरीके और उसका स्टैंडर्ड चेक करना चाहिए. अपने  निवेश सलाहकार से मिलकर भी इस बारे में राय ले सकते हैं.
  • डिपाजिट के लॉक इन पीरियड के बारे में आपको जानकारी जुटानी चाहिए. अधिकतर कंपनी FD में तीन से छह महीने का लॉक इन होता है.
  • आपको कंपनी के डिफॉल्ट करने से जुड़े जोखिम के बारे में पता होना चाहिए. इसका मतलब यह है कि कई बार कंपनियां आपकी FD की मैच्योरिटी के वक्त रकम लौटाने में असमर्थ होती हैं.
  • याद रखें कॉरपोरेट FD,बैंक FD की तरह सुरक्षित नहीं होती हैं, इसलिए पूरी तरह से जानकारी लेकर ही निवेश करने में समझदारी है.
  • कॉरपोरेट FD में निवेश करने वाले लोग म्यूच्यूअल फण्ड के कॉरपोरेट बांड फण्ड, क्रेडिट रिस्क फण्ड या मीडियम टर्म फण्ड में भी निवेश कर सकते हैं जहाँ पर बेहतर रिटर्न की सम्भावना होती है और लाभ पर लगने वाला टैक्स भी FD की ब्याज पर लगने वाले टैक्स से कम होता है.