Wednesday, May 18, 2016

Tax Planning Guide for FY 2016-17




"दुनिया में मृत्यु और टैक्स के अलावा किसी चीज को निश्चित नहीं कहा जा सकता"

“In this world, nothing can be said to be certain, except death and taxes.”

- बेन्जामिन फ्रेंक्लिन

टैक्स ....नाम सुनते ही लोगों को महसूस होता है की बिना मतलब सरकार हमें प्रताड़ित करने के लिए टैक्स वसूलती है. शायद टैक्स का इतिहास है ऐसा है.... पहले राजा अपनी जनता  से कर, लगान या जजिया राज्य का खजाना भरने के लिए वसूलते थे या किसी खास तबके को  प्रताड़ित करने के लिए उन पर विशेष कर लगाये जाते थे.

लेकिन आज के समय ऐसा नहीं है आज सरकार अपना खजाना भरने के लिए टैक्स नहीं लगाती बल्कि देश को चलाने के लिए, देश की सुरक्षा और  तरक्की के लिए किये जाने वाले तमाम कार्यों और देश के नागरिकों के स्वास्थ, शिक्षा, आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए टैक्स लगाती है. इसलिए यह अत्यंत जरुरी है की हम सही समय पर सही टैक्स जमा करें. 


लेकिन साथ ही सरकार और भारत का टैक्स सिस्टम हर एक आदमी को टैक्स प्लानिंग कर के अपने टैक्स को कम करने की आजादी भी देती है. लेकिन अक्सर लोग उसे ठीक से समझ कर अपने फाइनेंसियल लाइफ को अच्छे से प्लान नहीं करते और जल्दी बाजी में आखिरी समय पर टैक्स सेविंग के लिए गलत प्रोडक्ट खरीद लेते हैं.
इसलिए जरुरी है आप आखिरी महीने का इन्तेजार मत कीजिये और टैक्स सेविंग के लिए कुछ भी मत खरीदिये बल्कि Tax Planning के साथ अपने लाइफ के तमाम Financial Goals को भी achieve करिये.

Tax Planning का उद्देश्य होता है की टैक्स सेविंग के साथ-साथ आप की भविष्य की फाइनेंसियल जरूरतों को ध्यान में रख कर, आप की उम्र, इन्वेस्टमेंट horizon और रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर आप और आप के परिवार की सुरक्षा और समृद्धि को ध्यान में रख कर आपके लिए Suitable प्लान तैयार करना है.

साल की शरुआत में करिए टैक्स प्लानिंग-

अप्रैल और मई सबसे अच्छा समय होता है टैक्स प्लानिंग के लिए . अगर आप की इनकम को स्रोत वेतन है तो आप को अपनी कमाई और उस पर लगने वाले टैक्स का हिसाब रहता है आप के लिए टैक्स प्लानिंग करना बहुत आसान, आप आसानी से टैक्स प्लानिंग कर के अपने ऊपर लगने वाले टैक्स को कम भी कर सकते हैं और अपने फाइनेंसियल गोल्स पा सकते हैं. अगर आप बिज़नेस में हैं या प्रोफेशनल हैं तो आप को अपनी इनकम का एक अनुमान लेना पड़ेगा और अपनी अनुमानित टैक्सेबल इनकम के अनुसार अपने लिए टैक्स प्लानिंग करनी पड़ेगी. 
 साल की शरुआत में ऐसी जरुरी चीजें अगर हम सही तरीके से कर लें तो आखिरी समय की परेशानीयों और उस समय जल्दी बाजी में गलत निर्णय लेने की संभावनाओ से बच जायेंगे.

गलत निर्णय लेने से बचें

ऐसा देखा गया है की हमारे देश में लोगों ने गलत फाइनेंसियल प्रोडक्ट खरीद कर अपना बहुत नुकसान किया है. अक्सर 4%-6% का रिटर्न देने वाली ट्रेडिशनल या अधिक चार्जेज वाली ULIP Policy लोग अपने पैरेंट्स या जानने वाले लोगों, रिश्तेदार या मित्र  के कहने पर खरीद लेते हैं और जिन्दगी भर एक गलत निर्णय लेने का बोझ ढोते हैं और अपना फाइनेंसियल loss भी करते हैं.
अभी हाल ही में मेरी मुलाकर ऐसी ही एक मित्र से हुई जो 5-6 साल से एक ट्रेडिशनल Policy में पैसे लगा रहे हैं, 5 लाख रुपये के रिस्क कवर के लिए लगभग 26000 रुपये साल का भर रहे हैं और Policy maturity पर 4-6% का अनुमानित रिटर्न उनको आएगा. उन से बात हुई तो पता चला उनके पिता जी ने उन्हें अपने एक मित्र से ये Policy लेने के लिए कहा था. 
इसलिए मै यही कहूँगा कि गलत फाइनेंसियल प्रोडक्ट खरीदने से अच्छा है की आप कोई फाइनेंसियल प्रोडक्ट ना खरीदें.
Money Back, Endowment  और ULIP कभी ना खरीदें
इंश्योरेंस पोलिसी लेने से पहले जरुर पढ़ें 
http://arthagyanindia.blogspot.in/2016/03/blog-post.html 

जैसा की मैंने पहले बताया "टैक्स प्लानिंग" में आप के फाइनेंसियल गोल्स, आप की रिस्क लेने की क्षमता , आप की उम्र और तमाम ऐसी चीजें जो केवल आप से सम्बंधित हैं उनको देख कर प्लान तैयार किया जाता है इसलिए यह संभव नहीं है की उसके बारे में जो लिखूं वो आप पर पूरी तरह से लागू हो इसलिये मै इस ब्लॉग में सिर्फ टैक्स सेविंग के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं उसके बारे में लिखूंगा.

स्टेप 1
सब से पहले आप को इस साल की अपनी ग्रॉस टोटल इनकम (GTI) निकालिए . इस तरह से आप यह सुनिश्चित कर पायेंगे की आप की इस साल विभिन्न स्रोतों से टोटल इनकम कितनी होगी.
इनकम के स्रोत-
1) वेतन (सैलरी), पेंशन
2) इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी
3) प्रॉफिट & गेन फ्रॉम बिज़नस और प्रोफेशन
4) कैपिटल गेन (लॉन्ग या शोर्ट टर्म)
5) अन्य स्रोतों से इनकम
इस तरह से आप किसी भी डिडक्शन (इनकम टैक्स एक्ट 1961) से पहले आपकी साल भर ग्रॉस टोटल इनकम कितनी हो सकती है उसका अनुमान लगा सकते हैं. अगर आप को इनकम टैक्स की उतनी समझ नहीं है तो आप अपने आर्गेनाईजेशन (अक्सर पे रोल डिपार्टमेंट ऐसी सुविधा अपने कर्मचारियों को देता है ) से इस में मदद ले सकते हैं अथवा किसी CA, टैक्स एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं.

स्टेप 2
ग्रॉस टोटल इनकम निकालने के बाद बारी आती है अपनी नेट टैक्सेबल इनकम निकालने की . इसके लिए आपको चैप्टर VIA के अंतर्गत इनकम टैक्स की धारा 80 से मिलने वाली विभिन्न छूटों को अपने ग्रॉस टोटल इनकम से निकालना होता है. ये छूट आपकी टैक्सेबल इनकम घटा देती हैं, जिससे आपकी टोटल इनकम  पर पड़ने वाला टैक्स कम हो जाता है इसलिए जरुरी है आप को इन छूटों के बारे में पता हो.

कौन सी छूट आप किस provision के अंतर्गत ले सकते हैं-

धारा 80C/80CCC/80CCD- इन धाराओं के अंतर्गत आप सबसे प्रचलित टैक्स सेविंग provisions हैं और इनमे बहुत सारे विकल्प भी मिलते हैं.  इन धाराओं के अंतर्गत 1.5 लाख तक exemption मिलता है. 80CCC के अंतर्गत पेंशन फंड्स में किया गया निवेश आता है और 80CCD के अंतर्गत सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लोयी पेंशन स्कीम आती है. 

इन धाराओं के अंतर्गत आने वाले टैक्स सेविंग विकल्प-


1.   EPF/VPF (Employee or Voluntary Provident Fund)
2.   PPF (Public Provident fund)
3.   NSC (National Saving Certificate)
4.   वरिष्ठ नागरिक सेविंग स्कीम (SCSS)
5.   5 साल के टैक्स सेविंग बैंक या पोस्ट ऑफिस Fixed Deposit
6.   लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम
7.   म्यूच्यूअल फण्ड की टैक्स सेविंग स्कीम (ELSS)
8.   म्यूच्यूअल फण्ड या लाइफ इंश्योरेंस के पेंशन प्लान 
9.   न्यू पेंशन स्कीम (NPS)
10  सुकन्या समृधि योजना
11.  सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लोयी पेंशन स्कीम
12.  होम लोन का प्रिंसिपल पेमेन्ट (Principal Payment)
13.  घर के रजिस्ट्रेशन में दी गई स्टाम्प ड्यूटी 
14.  2 बच्चों की ट्युशन फीस

टैक्स सेविंग स्कीम
लॉक इन पीरियड
रिटर्न
रिमार्क
ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस
5 वर्ष
4-6 %
टैक्स फ्री रिटर्न अगर लाइफ कवर १० गुना है
पब्लिक प्रोविडेंड फण्ड (PPF)
15 वर्ष
8.10%
टैक्स फ्री इंटरेस्ट
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपाजिट
5 वर्ष
7.25-7.75%
इन्टरेस्ट पर टैक्स देना पड़ेगा
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
5 या 10 वर्ष
8.10%
इन्टरेस्ट पर टैक्स देना पड़ेगा
सुकन्या समृधि योजना
18 वर्ष
8.60%
टैक्स फ्री इंटरेस्ट
नेशनल पेंशन फण्ड
60 वर्ष की उम्र तक
मार्केट लिंक्ड
टैक्सेबल
टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फंड्स
3 वर्ष
मार्केट लिंक्ड
टैक्स फ्री रिटर्न, लगभग 12-15%

धारा 80C के अंतरगत टैक्स छूट के लिए निवेश करने से पहले जरुर पढ़े-
http://arthagyanindia.blogspot.in/2016/03/wealth-creation.html


धारा 80CCCD(1B) न्यू पेंशन स्कीम
50000 रुपये का अतिरिक्त Exemption अगर आप न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में इन्वेस्टमेंट करते हैं.

धारा 24- होम लोन पर दिए गए इन्ट्रेस्ट में Exemption
रिहायसी घर के लोन पर 2 लाख रुपये तक का इन्ट्रेस्ट धारा 24 के अंतर्गत Exempted है, आप अगर हाउसिंग लोन की EMI दे रहें हैं तो उसमे इन्ट्रेस्ट वाला पार्ट आप कैलकुलेट करिए और धारा 24 के अंतर्गत दिए गए 2 लाख रुपये तक के Exemption का फायदा उठाइए.

धारा 80E- एजुकेशन लोन पर दिए गए इन्ट्रेस्ट में  Exemption

अगर आप ने एजुकेशन लोन लिया है तो उस पर  दिए गए इन्ट्रेस्ट पर आप पूरी छुट ले सकते हैं धारा 80E के अंतर्गत.

धारा 80CCG- 
इक्विटी मार्केट में पहली बार निवेश करने वालों को RGESS के अंतर्गत आने वाली म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम या स्टॉक्स में 50000 रुपये के निवेश पर 25000 रुपये का डिडक्शन मिलता है.

धारा 80D-
अब बारी आती स्वास्थ सम्बंधित जरूरतों पर मिलने वाली छूट की तो धारा 80D के अंतर्गत आप अपने लिए, अपने आश्रितों के लिए और अपने माँ बाप के लिए मेडिकल इंश्योरेंस की प्रीमियम पर 60000 रुपये तक का Exemption ले सकते हैं. लेकिन इस धारा में इनकम टैक्स विभाग ने कई सारे नियम जोड़ रखें हैं.
अगर आप की उम्र 60 वर्ष से कम है तो आप अपने लिए और अपने आश्रितों के लिए मेडिकल या हेल्थ इंश्योरेंस पर 25000 रुपये तक दिए गए प्रीमियम पर छूट ले सकते हैं अगर आप 60 साल से ऊपर हैं तो यह छूट आपको 30,000 रुपये तक मिलेगी इसके साथ ही आप अपने पेरेंट्स के लिए भी अगर हेल्थ पालिसी लेते हैं और उनकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर है तो 30,000 रुपये तक के प्रीमियम पर आपको धारा 80D के अंतर्गत छूट मिलेगी लेकिन अगर उनकी उम्र 60 वर्ष से कम है तो यह छूट 25000 रुपये होगी. इसके अलावा अगर आप अपना या अपने परिवार का मेडिकल चेक अप कराते हैं तो उस पर आये खर्च में से 5000 रुपये तक की छूट आप धारा 80D के अंतर्गत ले सकते हैं लेकिन याद रहे धारा 80D के अंतर्गत टोटल छूट 60,000 रुपये तक की है.

धारा 80DD
आप के द्वारा अपने ऊपर या अपने आश्रितों जो 40% डिसेबिलिटी हो तो उनके ऊपर 75000 रुपये तक इलाज के खर्चों पर आप छूट ले सकते हैं.

धारा 80DDB
अपने या अपने परिवार के ऊपर किसी निम्न में से किसी बीमारी में हुए खर्चे में से 40,000 से 80,000 तक के खर्चों को आप क्लेम आप धारा 80DDB के अनतर्ग टैक्स में छूट लेने में कर सकते हैं.


    • Neurological Diseases
    (a) Dementia
    (b) Dystonia Musculorum Deformans
    (c) Motor Neuron Disease
    (d) Ataxia
    (e) Chorea
    (f) Hemiballismus
    (g) Aphasia
    (h) Parkinson’s Disease
    • Malignant Cancers
    • Full Blown Acquired Immuno-Deficiency Syndrome (AIDS) 
    • Chronic Renal failure
    • Hemophilia
    • Thalassaemia
धारा 80E- पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली छूट
अगर आप पहली बार घर खरीद रहें हैं तो इस साल से आपको आपके होम लोन के इन्ट्रेस्ट पर 50000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिलेगी धारा 80E के अंतर्गत.

धारा 80CCG- उनके लिए जिनके पास अपना घर ना हो और उन्हें HRA भी नहीं मिलता
इस धारा के अंतर्गत 60000 तक की छुट ऐसे लोग ले सकते हैं जिनके पास अपना घर भी ना हो और उन्हें HRA भी ना मिलता हो.

धारा 80G, 80GGA, 80GGC - डोनेशन या दान

80G- रुपये 40000 तक का डिडक्शन अगर आप notified चैरिटेबल फंड्स या संस्था को डोनेशन देते हैं.
80GGA रुपये 100000 तक का डिडक्शन अगर आप scientific research or rural development में डोनेशन देते हैं.
80GGC रुपये 40000 तक का डिडक्शन अगर आप पोलिटिकल पार्टी को चंदा देते हैं.

धारा 87A रिबेट
अगर आप की सालाना इनकम 5 लाख रुपये  से कम है तो आप को 5000 रुपये का टैक्स में रिबेट मिलता हैं धारा 87A के अंतरगत.

धारा 80TTA
आपके सेविंग अकाउंट पर 10,000 रुपये तक की इन्ट्रेस्ट इनकम धारा 80TTA के अंतर्गत टैक्स फ्री होती है.


ध्यान रखें साल के आखिरी महीनो में टैक्स सेविंग के लिए कुछ भी करने से अच्छा और समझदारी वाला काम है की आप साल के शुरआत में ही टैक्स प्लानिंग करें और उसके अनुसार निवेश करें. केवल टैक्स छूट लेने के लिए लोन ना लें, केवल टैक्स छूट लेने के लिए निवेश ना करें. 
आज बहुत अच्छा दिन है आज ही अपनी टैक्स प्लानिंग करें......स्वस्थ रहें संपन्न रहें.

अगर आपको मेरे ब्लॉग अच्छे लगें तो अपने परिवार के लोगों, मित्रों, परिचय के लोगों से मेरे ब्लॉग जरुर शेयर करें. आपके सहयोग के लिए धन्यवाद.

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