Sunday, April 14, 2019

NCD में निवेश करने से पहले पढ़ें..



आम तौर पर निवेशकों के बीच सबसे प्रचलित इन्वेस्टमेंट आप्शन बैंक फिक्स्ड डिपाजिट है और इसका कारण है बैंक से मिलने वाला एक निश्चित ब्याज और साथ में पैसे की सुरक्षा . आप अपने बगल में खुले किसी बैंक की फिक्स्ड डिपाजिट में आसानी से निवेश कर सकते हैं और फिक्स्ड रिटर्न का लाभ उठा सकते हैं. लेकिन क्या कोई और ऐसे निवेश के साधन  हैं जहाँ पर निवेश कर के आप बैंक से 2%-3% ज्यादा मतलब वर्तमान में  9%-10.% ब्याज कमा सकते हैं और वहां पर पैसे भी सुरक्षित हो तो क्या आप इसके बारे में जानकारी लेना चाहेंगे.

तो आइये जानते हैं एक ऐसे निवेश माध्यम के बारे में जहाँ पर एक निश्चित समय के लिए पैसे लगा कर आप बैंक से बेहतर ब्याज कमा सकते हैं. इस निवेश माध्यम का नाम है डेबेंचर, यह एक ऐसे फाइनेंसियल उत्पाद या इंस्ट्रूमेंट हैं जिनको कंपनियां लम्बे और मध्यम समय के अपनी पूंजीगत जरूरतों के लिए पब्लिक को जारी करती हैं, यह एक निश्चित अवधि के लिए जारी किये जाती हैं और इनकी अवधि 1-20 वर्ष तक हो सकती है. इसमें ब्याज बैंक डिपाजिट की तरह एक निश्चित अन्तराल पर निवेशक को मिलता है. इसकी ब्याज दरें सामान्यतया बैंक फिक्स्ड डिपाजिट से अधिक होती हैं. अवधि पूरी होने पर मूलधन निवेशक को वापस मिल जाता है. बस इनकी उपलब्भता बैंक  डिपाजिट की तरह नहीं है और इन पर भरोसा भी बैंक की तरह लोग नहीं करते.

वैसे पैसे की सुरक्षा के मामले में यह निर्भर करता हैं इनकी क्रेडिट रेटिंग पर, विभिन्न रेटिंग एजेंसियां जैसे ICRA, CRISIL, FITCH और CARE, डिबेंचर जारी करने वाली कंपनियों और उनके इंस्ट्रूमेंट को क्रेडिट रेटिंग देती हैं. अगर डिबेंचर AAA रेटेड हैं तो सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं और AA हैं तो AAA से कम सुरक्षित हैं और A हैं तो AA से कम सुरक्षित हैं.


ऐसे ही ब्याज दरें भी AAA में AA से कम और AA में A से कम होती हैं.


डिबेंचर दो प्रकार के होते हैं पहला कनवर्टिबल डिबेंचर और दूसरा नॉनकनवर्टिबल डिबेंचर (NCD)

कनवर्टिबल डिबेंचर वो होते हैं जिनमें अवधि पूरी होने पर मूलधन वापस ना मिलकर उसी कम्पनी के शेयर या इक्विटी पूर्व निर्धारित शर्तों के अनुसार निवेशक को मिल जाते हैं. जब की नॉनकनवर्टिबल डिबेंचर (NCD) में मेच्योरिटी पर मूल धन निवेशक को वापस मिलता है. इसीलिए फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टर के लिए NCD उपयुक्त होती हैं.

NCD सामान्यतया दो तरह को होती हैं एक होती है सिक्योर्ड और दूसरी अनसिक्योर्ड. 


सिक्योर्ड NCD वो होती हैं जो कंपनी के एसेट्स से सुरक्षित होती हैं मतलब NCD जारी करने में जितने पैसे पब्लिक से लिए गए हैं उसके बदले में कंपनी के एसेट्स को एक तरह से बंधक बनाया गया होता है वहीँ पर अनसिक्योर्ड NCDs एसेट्स बैक्ड नहीं होती मतलब इनमें ज्यादा रिस्क होता है और इसलिए ये सिक्योर्ड NCDs से ज्यादा ब्याज दरें ऑफर करती हैं.


NCD  के फायदे



बेहतर रिटर्न- NCDs  का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इन पर निवेशक को ब्याज या रिटर्न अन्य फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट जैसे पोस्ट ऑफिस डिपाजिट या बैंक डिपाजिट से अधिक मिलता है.


टीडीएस - NCDs से मिलने वाले ब्याज या गेन पर कोई टीडीएस नहीं लगता.

ब्याज मिलने के विकल्प- NCDs में निवेशक को ब्याज, मासिक, तिमाही, सालाना  या एक साथ परिपक्वता (Maturity) पर मिलने का विकल्प होता है.


लिक्विडिटी- NCD  जारी करने वाली कम्पनी सामान्यतया निवेशक को पैसे परिपक्वता पर ही देती है मगर परिपक्वता से पहले निवेशक को पैसे वापस चाहिए तो सेकेंडरी मार्केट में NCDs को बेच कर पैसे लिए जा सकते हैं. अगर NCD  पुट आप्शन के साथ है तो NCD जारी करने वाली कम्पनी से परिपक्वता से  पहले भी निवेशक पैसे वापस ले सकता है.


NCDs कहाँ से खरीदें

NCDs प्राइमरी मार्केट से और सेकेंडरी मार्केट दोनों जगह से ख़रीदे जा सकते हैं. जब कंपनी पहली बार NCD जारी करती है तो अपने DEMAT अकाउंट के माध्यम से प्राइमरी मार्केट से खरीद सकते हैं और बाद में सेकेंडरी मार्केट से भी इन्हें ख़रीदा जा सकता है. इन में निवेश करने के लिए सामान्यतया DEMAT अकाउंट होना जरुरी होता है.


ब्याज और कैपिटल गेन पर टैक्स 



NCDs से मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस नहीं कटता है लेकिन ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल इनकम होती है.  निवेशक को अपने टैक्स स्लैब के अनुसार ब्याज पर टैक्स भरना होता है. 

NCD में कैपिटल गेन तभी होगा जब NCDs को परिपक्वता से पहले सेकेंडरी मार्केट में बेचा जाये.

यदि खरीदने के 12 महीने से पहले NCD बेचीं गई तो सॉर्ट टर्म कैपिटल गेन होगा और पूरा गेन निवेशक की इनकम में जुड़ जायेगा और उसको पाने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा.


यदि NCD 12 महीने के बाद बेची गई है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन होगा और इस पर टैक्स, इनकम टैक्स एक्ट की धारा 112 के अंतर्गत 10.3% के रेट से टैक्स लगेगा.


NCD में निवेश करने से पहले इन बातों पर अवश्य ध्यान दें


अब हम आते हैं अपने मूल विषय पर की NCD में निवेश करने से पहले हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

1- पैसे की सुरक्षा बहुत जरुरी है इसलिए निवेश सिर्फ उन्ही NCDs में करें जिनकी क्रेडिट रेटिंग से आप संतुष्ट हों. जैसा की  मैंने पहले ही बताया AAA रेटिंग सबसे सुरक्षित मानी जाती है. वैसे AA- तक रेटिंग वाले NCDs को इन्वेस्टमेंट की दुनिया में इन्वेस्टबल ग्रेड माना जाता है लेकिन एक रिटेल निवेशक के लिए शायद यह पैरामीटर सही नहीं हो. इसलिए हमेशा निवेश करने से पहले क्रेडिट रेटिंग देखें.

2- कोई सेक्टर या कंपनी  यदि बुरे समय में है तो ऐसे सेक्टर या कंपनी की NCD खरीदना उपयुक्त नहीं होता. इसलिए ऐसी परिस्थिति में अधिक ब्याज की लालच में ना पड़ें. क्यूंकि इन परिस्थितियों में ब्याज हो सकता हो आपको अन्य NCDs से अधिक मिल रहा हो लेकिन रिस्क भी उनमे अधिक होता है.

3. ऐसी कंपनी की NCD में निवेश ना करें जिनके इक्विटी में निवेश या शेयर में निवेश करने में आप कम्फर्टबल ना हों.

4. ऐसे सेक्टर या कंपनी में निवेश करने से बचे जहाँ पर होने वाले व्यापार या उनके बिज़नस में ट्रांस्पेरंसी ना हो

5. केवल एक कंपनी की NCD में निवेश ना करें. 

6. एसेट बैक्ड NCD यानि सिक्योर्ड NCD में ही निवेश करें.

7. सेकेंडरी मार्केट में NCD की खरीद-बेच होती है और उनका मूल्य, ब्याज दरों के घटने बढ़ने पर घटता बढ़ता है, इसलिए NCDs में परिपक्वता तक बने रहें हो सकता है बीच में निकलने पर आपको मूलधन से कम पर निकलना पड़ जाय.

8. NCD यदि कॉल आप्शन के साथ है तो ऐसे में कम्पनी NCD की परिपक्वता या अवधि पूरी होने से पहले निवेशक को मूलधन वापस कर सकती है.
9. NCD यदि पुट आप्शन के साथ है तो निवेशक NCD की परिपक्वता या अवधि पूरी होने से पहले कंपनी से अपना मूलधन वापस ले सकता है.

10. NCD में इक्विटी की तरह बहुत लाभ नहीं प्राप्त किया जा सकता यहाँ पर एक निश्चित ब्याज और थोडा सा कैपिटल गेन मिल सकता है इसलिए सिर्फ अधिक रिटर्न कमाने के नजरिये से ही इनमें निवेश न करें, रिस्क और लिक्विडिटी जैसे विषय को ध्यान में जरुर रखें.

  
NCDs के माध्यम से कंपनियां समय-समय पर अपने प्राइमरी इशू ला कर मार्केट से पैसे उठाती हैं, समय पर थोड़ी से जानकारी प्राप्त करके  NCDs के माध्यम से एक आम निवेशक अपने पैसे पर अधिक ब्याज या रिटर्न कमा सकता है. 

निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार से सलाह लें. धन्यवाद.






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